"शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से बाल विवाह की कुरीति को समाप्त करने का प्रयास"
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हमारे समाज की अशिक्षित, अर्द्धविकसित और दुष्टपरिणामों से भरी विचारधारा बाल विवाह है जहाँ एक मासूम को उस बलिवेदिका में धकेला जाता है। जिससे वो अभिग्नन है और इस विषय की कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। अशिक्षा, अज्ञानंता, अबोधता, गरीबी, लाचारी, विवशता और सामाजिक दबाव व् कुरीतियों की वजह से यह समाज में अपनी जड़ें अभी तक फैलाये हुए है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट, गन्दी बस्तियों व् गरीब डेरों के बच्चो के साथ यह 1 दिवसीय बाल विवाह नियम और क़ानूनी जागरूकता कार्यक्रम किया गया। जिसका उद्देश्य इस विषय पर उनको सम्पूर्ण जानकारियाँ देना है। ताकि वो अपने भविष्य के प्रति सचेत , सजग व् सुरक्षित रह सके। एशिया के कई देशों में बाल विवाह वहा के समाजों में अविकसशीलता का हिस्सा है। जहा एक मासूम को समय से पहले इस दलदल में डाल दिया जाता है। जिससे मानसिक, शारारिक, आर्थिक, सामाजिक, भौतिक व् मनोवैज्ञानिक विकास नहीं हो पाता है। संस्थान द्वारा फिलिप चार्ट, सेल्फी, व् संबोधन , भाषण के माध्यम से बच्चों को इस विषय पर अवगत करवाया जा...