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"ठिठुरती सर्दी में गर्माहट की सौगात: गरीब बच्चों के लिए एक मानवीय प्रयास"

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  सर्दी का मौसम जहां कुछ के लिए गर्म कपड़े, रज़ाई और आराम का प्रतीक है, वहीं समाज के कई वंचित वर्गों के लिए यह मौसम संघर्ष और बीमारी का कारण बन जाता है। खासकर गरीब बच्चे जो झुग्गियों, सड़कों और स्लम बस्तियों में रहते हैं, उनके लिए सर्दी की ठिठुरन एक गंभीर खतरा बन जाती है। इस परिस्थिति को समझते हुए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ने एक सराहनीय कदम उठाया है।संस्थान ने हाल ही में सर्दियों के मौसम में गरीब बच्चों को राहत पहुँचाने के उद्देश्य से एक "सर्दी से सुरक्षा अभियान" चलाया। इस अभियान के अंतर्गत बच्चों को टोपी, मोज़े, दस्ताने (हाथ के ग्लव्स), क्रॉक्स (जूते) आदि गर्म वस्तुएँ वितरित की गईं। इस पहल का उद्देश्य केवल वस्त्र देना नहीं था, बल्कि बच्चों को यह महसूस कराना था कि वे अकेले नहीं हैं। समाज का एक संवेदनशील वर्ग उनके साथ है जो उनकी आवश्यकताओं को समझता है और उनके लिए खड़ा है। सर्दी से बचाने वाले ये साधन न केवल उन्हें शारीरिक राहत देंगे, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें सुरक्षित और cared for महसूस कराएँगे। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के चेहरों पर मुस्कान, उनकी आँखों में चमक और उ...

"सर्दी से राहत, मानवता की सेवा : ठंडी हवाओं में गरमाहट संस्था का कम्बल वितरण अभियान"

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मानव जीवन में यदि शरीर का बचाव पूर्णतया किया जाए तो जीवन के सभी कार्य सुगमता से पूर्ण होते है यदि शारारिक कष्ट मिले तो अक्षमता, लाचारी, बीमारी और कभी- कभी मृत्यु भी हो सकती है समाज का का ऐसा ही वंचित वर्ग हमारे शहर के आसपास झुग्गी- झोपड़ी ,स्लम , स्ट्रीट, डेरों व् गन्दी बस्तियों में प्राय देखने को मिल जायेगा।  जो अपनी गरीब व् लाचारी के चलते स्वयं का शारारिक बचाव करने में असमर्थ होते है इस भीषण सर्दी में शरीर को गर्म वस्त्रों  से आवरण करना बहुत जरुरी है। नहीं तो इसके कारण ये बीमार हो सकते है।  गरीबी समाज का वो कलंक है जिसमे ये गरीब सदा पिसते रहते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इनको इस सर्दी से बचने हेतु गर्म कम्बलों का वितरण किया जाता है।  संस्था उन स्थानों पर जाकर गरीब बच्चों , महिला, पुरुष, असक्षम लोगों को सर्दी बचाव हेतु गर्म कम्बल प्रदान करते है। अपनी गरीबी, लाचारी, विवशता के कारण यह अपनी जरूरतों को कभी पूरा नहीं कर पाते है। कोई न कोई वस्तु या अन्य का इनको हमेशा अभाव बना रहता है। एक मानव की सच्चे भाव से सेवा करना मानवता कहलाता है हमे यह भाव रख निस्वार्थ ...