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"न्यायपूर्ण समाज की दिशा में पहला कदम: प्राथमिक अभिविन्यास और समता"

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  एक सशक्त, समान और न्यायपूर्ण समाज की नींव उस मानसिकता से रखी जाती है, जो बचपन से ही व्यक्ति के भीतर विकसित होती है। समाज के प्रत्येक सदस्य में जब समानता का भाव, दूसरों के प्रति सम्मान और नैतिक मूल्यों की समझ होती है, तब हम एक समावेशी राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। इसी सोच का केंद्र है "प्राथमिक अभिविन्यास" और "समता निर्माण"। प्राथमिक अभिविन्यास का तात्पर्य है – प्रारंभिक स्तर पर, विशेषकर बचपन और किशोरावस्था में, व्यक्तियों की सोच, दृष्टिकोण और मूल्यों का निर्माण। वहीं, समता निर्माण का अर्थ है – समाज में सभी को समान अवसर, अधिकार और सम्मान देना, चाहे वह लिंग, जाति, धर्म, वर्ग, भाषा या शारीरिक स्थिति के आधार पर हो। प्राथमिक अभिविन्यास किसी भी व्यक्ति के जीवन की सबसे संवेदनशील और निर्णायक अवस्था होती है। यह वही दौर होता है जब एक बालक या बालिका अपने आसपास के समाज, परिवार और विद्यालय से संस्कार, व्यवहार और दृष्टिकोण सीखता है। जब एक बच्चा यह देखता है कि घर में लड़का-लड़की को समान महत्व मिलता है, या स्कूल में सभी छात्रों को बराबरी से देखा जाता है, तो उसके मन में समानता, स...

विकलांगता को समर्थन - राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की सामाजिक और शारीरिक गतिविधियां

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा गांव में विकलांग व्यक्तियों के साथ विभिन्न कार्यक्रम करवाए जाते हैं। इसमें शारीरिक रूप से सक्षम बच्चों के साथ कई गतिविधियां कराई जाती है, जिसमें सर्वप्रथम अन्वेषण किया जाता है। फिर उनके साथ व्यवहारिक होकर उनसे चर्चा की जाती है जिसमें उनकी जगह नाम भाषा अभिरुचि की जानकारी ली जाती है। जब व्यक्ति स्वतंत्राओं के घुल मिल जाता है तब उसके बाद उसके संग खेल को मनोरंजन चर्चाएं यह कार्यक्रम किए जाते हैं। इसमें उनके संग खेल खिलानाखेल के माध्यम से कौशल विकास करना, उनका आत्मविश्वास जगाना उन्हें कहीं घूमने हेतु ले जाना प्रकृति के सभी विषयों के बारे में जानकारी देना, स्वच्छता विश्वास के संबंध विस्तार पूर्वक बताना जल के साथ कार्यक्रम करना, शिक्षा, संबंधीय ज्ञान या बातों का विस्तार करना इसमें शामिल है। विकलांग व्यक्तियों को वो अक्सर नहीं मिलते जो सक्षम व्यक्तियों को मिलते हैं, लेकिन जैसा कहा जाता है। आप कभी भी अपनी तीव्र इच्छा को बहुत लंबे समय तक दबाकर नहीं रख सकते। आप जो जीवन में हासिल करना चाहते हैं, उसमें बाधाएं अवश्य आती है और आप उन बाधाओं को दूर कर सकते ...