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शारीरिक स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य: झुग्गी झोपड़ी के बच्चों के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के आसपास स्लम एरिया , झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके ,निचली बस्ती व् डेरो  बच्चों के साथ 1 दिवसीय स्वच्छ रहे स्वस्थ रहे कार्यक्रम करवाये जाते रहते है यहाँ इन बच्चों को शारारिक स्वच्छता का ज्ञान दिया जाता है ! जिसमे उन्हें नहाना, धोना, शौच नित्यक्रम, सफाई, साफ कपडे पहनना, स्वस्थ भोजन करना, नाख़ून व् बाल नियमित समय पर कटवाना व् बीमारियों से बचाव की बातें समझाई जाती है ! इसके साथ उनको खेलकूद के द्वारा भी प्रोत्साहित किया जाता है ! व् साथ ही व्यायाम के कुछ तरीके भी बताये जाते है की किस तरह वो अपने शरीर को स्वच्छ व् स्वस्थ रख सके ! स्वस्थ रहने के लिए पूरी नींद लेना अति आवश्यक है ! और साथ ही खुश रहना भी जरुरी है ! आज हमारा भारत भी स्वच्छता  को अधिक महत्व दे रहा है ! जिसमे कोई व्यक्ति किसी भी बीमारी से ग्रसित न हो और अपना स्वस्थ जीवन यापन करें ! संस्थान द्वारा इन सभी बच्चो को एक सकारात्मक बदलाव की और प्रेरित किया जाता है ! स्वयं मई खुश रहना एक मनोवैज्ञानिक प्रकिर्या है जिसमे उसकी कई अवस्थाये काम करती है ! इसमें शारारिक स्वास्थ्य बाहरी  स्थितियों का भी पूर्णतया

घुमन्तु परिवारों के साथ मेक ए विश कार्यक्रम ( बारिश से बचाव )

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्लम व् झुग्गी झोपडी व् निचली बस्तियों में संस्था प्रतिनिधियों ने गरीब बच्चो व् परिवार जनो के साथ मेक ए वीश कार्यक्रम किया गया ! जिसमे एरिया के सभी बच्चों के साथ बारिश में हमे हमारे शरीर का कैसे बचाव करना चाहिये क्योकि वर्षा में भीगने के कारण हमे सर्दी जुखाम, बुखार, हाथ पैर दर्द, पेट की परेशानी व् कई और समस्याएं भी हो जाती है ! ज्यादा पानी भराव क्ष्रेत्र में हमे संभलकर रहना चाहिए इसमें फिसलन बढ़ जाती है और पानी से खतरा उत्पन्न हो सकता है बिजली के पोल वाले स्थानों से भी दूर रहना चाहिये क्योकि बिजली से करट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है !  सर्वप्रथम इस कार्यक्रम में बच्चों को शामिल किया जाता है गरीब तबके के बच्चों के पास हर वस्तु का अभाव होता है इसलिए संस्था द्वारा बारिश से बचाव हेतु बच्चों को जूते मौजे का वितरण किया गया ! जिसको पहनकर वे अपने नंगे पैर व् शरीर का इस बारिश से बचाव करेंगे और अपने शरीर को स्वस्थ्य रख सकेंगे ! समय समय पर इन बच्चों को इनकी आवश्यक्तानुसार जरूरत की सभी वस्तुएं प्रदान की जाती है ताकि इनको भी लगे हम भी दूसरे बच्चो जैसे ही है ! उन बच

उम्मीदों के घर ( चिड़ियाघर )

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सच कहा है किसी ने घर बिना संसार अधूरा है न पहचान मिलती है न आसरा उसे.....राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इसी संदर्भ में हमारे भारत में पाए जाने वाले एक नन्हे जीव के लिए उम्मीद की किरण बनकर जहा में उभरा है ! जो उनको रहने के लिए आसरा व् दानापानी के लिए फीडर उपलब्ध करता है ! बयां एक छोटा सा पंछी है जो घरो ,पेड़ो, इमारतों पर अपना घास फूस का एक छोटा सा घोंसला बनाकर रहती है ! प्रदूषण,वायुमंडल,वातावरण परिवर्तन,केमिकल उपयोग,मानवीय दखल व् ओद्योगिकरण के चलते इसकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट देखने को भारत में मिली जो अब मानवीय अथक प्रयासों के कारण इनकी संख्या में कुछ इजाफा हुआ है !  संस्था ऐसे कई पर्यावरणीय प्रेमियो को इस बयां के रहने हेतु चिड़ियाघर व् फीडर उपलब्ध करवाती है ! जो इनके बचाव या पर्यावरण में स्थिरता लाना चाहते है ! यह पक्षी सामाजिक प्राणी है ! जो समूहों में रहता है ! यह अपने जोड़ों के साथ रहता है ! और प्रजनन करता है ! यह हमारे  घरो के आस पास खेतों में और ऐसी जगह आसानी से उपलब्ध हो जाते है ! जहा इनको भोजन प्राप्ति की सुविधा मिल सके यह पक्षी पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने के लिए बहुत सहा

जल भराव क्षेत्रों में मच्छर दानी वितरण कार्यक्रम

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  इस वर्ष भारत में हर जगह अत्यधिक वर्षा के कारण परेशानियाँ उत्पन हुई है ! जिससे बाढ़ ,मिटटी का कटाव ,अपरदन व् कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है ! ग्रामीण क्षेत्रों में जहा मिटटी के बड़े -बड़े  गड्डे बने होते है ! वह इस मौसम में मच्छर के लार्वा बहुत अधिक मात्रा में उत्पन्न होते है ! और इनके काटने से घातक मलेरिया रोग उत्पन्न होता है ! जो बहुत ज्यादा हानिकारक होता है ! इस रोग से मृत्यु भी हो जाती है ! इसका बचाव नितांत आवश्यक है ! अंत ऐसे स्थानों पर कीटनाशक व् मिट्टी के तेल का उपयोग करे जिससे लार्वा उत्पन्न न हो सके व् इस रोग से हम बच सके ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के 20 ऐसे स्थानों का चयन किया गया ! जहा मलेरिया फैलने की अधिक सम्भावनानाये है ! जहाँ पर सरकारी सुविधाओ का अभाव है ऐसे स्थानों पर संख्या द्वारा मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम रखा गया ! जिसके प्रत्येक गांव या स्थान पर 25 परिवारों को लाभान्वित किया व् उन्हें मच्छरदानी दी गई लगभग 500 वियक्तियों को इसमें लाभान्वित करवाया गया !  मच्छरदानी एक प्रकार का जालीदार पर्दा होता है ! जिसे बिस्तर या सोने के स्थान पर परिधि के चारों और लपेट