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एजुकेशनल फॉर एवेरी रूरल गर्ल्स - हाइजीन किट डिस्ट्रीब्यूशन -स्कूली बालिका

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जीवन में शारारिक स्वच्छता का अहम् योगदान है। यह हमको शारारिक रूप से स्वच्छ व् हाइजीन रखता है जिससे किसी प्रकार की बीमारी से हम ग्रसित नहीं होते है और स्वयं को हाइजीन बना पाते है। यह हमारी दिनचर्या का एक हिस्सा है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा एजुकेशनल फॉर एवेरी रूरल गर्ल्स कार्यक्रम के तहत वंचित स्कूली बालिकाओं को संस्था द्वारा हाइजीन किट दिया गया। लगभग 42 सरकारी स्कूल की 1500 बालिका को यह किट दिया गया। जो ग्रामीण स्तर पर उन्हें हाइजीनिक बनाने में सहयोग देगा। यह महिलाओं के मासिक चक्र के दौरान जो असुविधा उन्हें उठानी पड़ती है उनको दूर करेगा और शारारिक रूप से उनको स्वस्थ भी रखेगा।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा उन्हें इस कार्यक्रम के तहत अपने शरीर को कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रखा जाए इस विषय पर पूर्ण जानकारी पोस्टर, सेल्फी, व्याख्यान, अभिव्यक्ति, रैली, प्रशोत्तरी के माध्यम से प्रदान की। इसमें उनको जो हाइजीन किट में सेनेटरी पेड, नैलकटर, हाथ धोने क साबुन, नहाने का साबुन, रुमाल, कंघा व् तेल की शीशी उपलब्ध करवाई गई। यह समस्त सामग्री उन्हें शारारिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार...

"ग्रामिण महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिक्षा: हाइजीन का महत्व एक आवश्यक कदम"

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  रा जस्थान समग्र कल्याण  संस्थान द्वारा महिलाओं के साथ बहुत से मुद्दों पर कार्य किये जाते है जिसमें हर माह महिलाओं में होने वाला ऋतु स्त्राव चक्र है मुख्यत यह चक्र यदि अंडाणु को प्राप्त करने की तैयारी करता है गर्भपात की दिवार मोटी तथा संपजी हो जाती है लेकिन निषेचन न होने पर ये धीरे धीरे टूटती है और रुधिर व् भूकपं के रूप में योनि मार्ग से बाहर निकलती है इस प्रकिर्या को रजोधर्म या ऋतुस्राव चक्र कहते है !  भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को इस कार्य के प्रति जागरूक किया जाता है ! जिसमे व् हाइजीन पेड का प्रयोग करें क्योकि पुराने व् परम्परागत तरीकों से कई प्रकार की बीमारिया इनको हो जाती है व् बहुत घातक और इनको नुक्सान पंहुचा सकती है ! सेनेटरी नेपकीन एक अजीब है लेकिन इसका अर्थ है सोखने वाला पेड है जिसे आप पीरिड्स के दौरान अपनी पैंटी पर पहनती है ताकि मेंस्टुअल ब्लड को सोखा जा सके ! संस्था के द्वारा इसके प्रति सजग बनाया जाता है व् उन्हें निशुल्क सैनेटरी पेड वितरण किया जाता है जिससे वह जीवन में हायजीनिकता को अपनाये व् स्वस्थ और स्वच्छ रहे ! प्रारम्भिक दौर में हर ...