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गरीब बच्चों के साथ नववर्ष कार्यक्रम मनाना

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 बीते हुए वर्ष की विदाई और नए वर्ष का आगमन हम सब में एक नव संचार ऊर्जा के रूप में भर देता है सभी लोग नए साल में कुछ नया करना चाहते है और जीवन नया मुकाम पाना चाहते है सभी धर्म, जाति, समुदाय, समाज के लोग इस त्यौहार को बहुत खुशियों के साथं मना कर इसका आगमन करते है। नववर्ष की रात्रि को सब नाच कर, गा कर, मिठाइयां बांटकर , एक दूसरे के साथ ख़ुशी मनाकर इसको मनाते है। संस्थान यह कार्यक्रम शहर के नजदीक रह रहे गरीब, असहाय, अनाथ, विकलांग, झग्गी-झोपड़ी, स्लम व् स्ट्रीट के बच्चो के साथ मिलकर यह कार्यक्रम हर वर्ष मनाती है। अधिकांश बच्चें आर्थिक रूप से कमजोर तबके से ताल्लुक रखते है इनकी शिक्षा पर खास ध्यान दिए जाने की जरुरत है नववर्ष पर हमारा संकल्प है की बच्चों की जितनी संभव होगी उतनी मदद करेंगे। जिससे ये बच्चे स्वालम्बन के रास्ते पर चल सकें।  आजकल इस युग में बढ़ते दौर के साथ ओधोगिककरण बढ़ रहा है जहा काम कीमत पर काम करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह सभी दिहाड़ी मजदूरी वाले परिवार शहर के आसपास गन्दी बस्तियों में , स्ट्रीट किनारे, स्लम एरिया में अपनी गुजर बसर करते है। इसके साथ इनका परिवार भी...

गरीब काश्तकारों को बीज वितरण कार्यक्रम

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हमारी धरती पर छाया हुआ हमे जीवन प्रदान करता है। और कृषि हमारा जीवन संचालन करती है। भारत के कृषि प्रधान देश है।  जो पूर्णता मानसून पर निर्भर रहता है यह एक तरह  का मौसमी जुआ है जो यदि समय रहते हो जाये तो अच्छी उपज किसानों को उपलब्ध करवाता है और यदि न हो तो किसानों को गरीबी रेखा तक ले जाता है।  भारत के ग्रामीण भागों में आज भी किसान की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जो पूर्णतया कृषि पर निर्भर रहते है इनकी आय, आमदनी, रोटी, आजीविका सब कुछ यही कृषि होती है। इसी अवस्था को देख राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब को संस्था की और से निशुल्क बीजों का वितरण किया जाता है जो उन्हें पुनः खेती के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करते है। यह उच्च गुणवत्ता के बीज बेहतर उच्च गुणवत्ता वाले होते है।  जो विपरीत अवस्था में भी फूट जाते है।  राज संस्था का उद्देश्य भी यही है की यह गरीब किसान इसकी सहायता प्राप्त उपज से अपनी आजीविका का संचालन कर सकें। यह कार्यक्रम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे किसानों के लिए किया जाता है। यह काम वर्षा, विपरीत मौसमी परिस्थितियों तथा अन्य प्राकतिक क...

गरीब, विकलांग, बुजुर्ग,महिला एवं असहाय को कम्बल वितरण कार्यक्रम

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समाज में ऐसे कई व्यक्ति है जो स्वयं की किसी ना किसी परेशानी से ग्रसित है और लाचारी उन्हें पंगु बना देती है गरीबी इसका प्रमुख कारण है जो हजारो तरह की समस्याओ को जन्म देता है। इसकी वजह से यह अपनी जरुरतें तक पूरी नहीं कर पाते है। हमारे साथ आस पास ऐसे कई विकलांग, गरीब, असहाय , बुजुर्ग महिलाये, वृद्व पुरुष, अनाथ, बेघर लोग ग्रामीण व् शहरों के आसपास सड़कों, फुटपाथ किनारे बिना किसी आश्रय के अपना जीवन व्यतीत करते है जिसके पास जिंदगी जीने का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं होता है।  इस सर्दी के मौसम में मात्र अलाव जलाकर वो पूरी रात उसके पास सर्दी को सहन करते हुए गुजार देते है और कई लोगो को यह साधन भी नहीं मिल पाता है जिसके कारण वे शीत लहर के कुठाराघात से काल के मुँह में समाहित हो जाते है इनकी यह विवशता, लाचारी, हमारे समाज को कलंकित करती है। इनको इस मौसम से बचाने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष बड़ी मात्रा में इन वंचित लोगों को गर्म कम्बल वितरण करती है जिसे ओढ़कर ये अपने शरीर का इस ठण्ड से बचाव कर पाते है।  सबकी जरूरतें अधिकतर एक समान ही होती है जैसे आम आदमी को ठण्ड से बचाव करना होता है ...

"मानवता की सेवा: राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा निर्धन और पीड़ितों को राशन सामग्री वितरण"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी ग्रामीण भागों में निवास कर रहे गरीब ,असहाय, निःशक्त, विधवा, विकलांग, मानसिक रोगी,निर्धन, एकल महिला, अनाथ, एवं पीड़ित व्यक्ति का संस्था प्रतिनिधि सर्वे कर उन्हें राशन खाद्य सामग्री का वितरण करते है जिससे वे अपनी खाद्य समस्या से निजात पा सकें और स्वयं का भरण पोषण कर स्वस्थ रह सकें ! अपनी आर्थिक विवशताओं के कारण यह अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते है  फलस्वरूप ये लाचारी के कारण कमजोर और कई घातक बीमारियों से पीड़ित हो जाते है इन सभी को दूर करने का भरसक प्रयास संस्था द्वारा किया जाता है !  हमारी सामाजिक संरचना ऐसी है कोई तो बहुत अमीर है तो कोई बहुत गरीब यह परिपाटिता एक खाई के समान है जो पाटी नहीं जा सकती है समाज में कई लोग गरीब, निर्धन या किसी मज़बूरी के कारण अपनी खाद्य जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाते है उनके लिए दो वक़्त की रोटी कमाना और घर चलाना बहुत मुश्किल होता जाता है ! संस्था इस सामाजिक कार्य को एक नेक कार्य मानकर इन लोगों की मदद को सदा तत्पर रहती है ! संस्था द्वारा इनको खाद्य सामग्री में उचित पोषण पदार्थ वितरण कि...

"विपत्ति में सहायता: गरीब परिवारों के लिए सुरक्षा की छत एक मानवीय सेवा''

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शहर में ऎसे स्थान है जहाँ पर समाज के गरीब व् वंचित परिवार निवास करते है इनमें स्ट्रीट , झुग्गी झोंपड़ी , स्लम एरिया व् निचले इलाकों की गरीब बस्तियाँ सम्मिलित है ! इनके जीवन में कही न कही हर वस्तु का अभाव बना रहता है यह इतने सक्षम नहीं होते की स्वयं की भी जरूरते पूरी कर सके और बहुत कठिनाई पूर्ण अवस्था में अपना जीवन यापन करते है ! यह सभी लोगों के स्थाई निवास  नहीं होते है सभी अधिकतर अस्थाई डेरों , झोपड़ियों में निवास करते है ! जो प्राय आंधी ,तूफ़ान, बरसात व् प्राकर्तिक व् मानवीय कारणों से ध्वस्त हो जाते है ! इस वर्ष अत्याधिक बरसात के कारण इन लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी होने लगी अंत इनके जीवन की सुरक्षा को देखते हुए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा ऐसे 50 गरीब व् निर्धन परिवारों को त्रिपाल वितरण किया गया ताकि जहाँ ये रह रहे है उसे सुरक्षित किया जा सके ! यह एक मानवीय सेवा है जिसका उद्देश्य हर जीव की रक्षा व् सुरक्षा कर उसके प्राण बचाना है ! बरसात के कारण अधिकतर निचले भागों में पानी भर जाता है जिसके कारण इन गरीब परिवारों के ऊपर एक विपदा आ पड़ती है ! और इनको अपने डेरों को अन्यंत्...

"गरीबी और असमानता: एक सामाजिक चुनौती"

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गरीबी , भूख,लाचारी वो अहसास है जो व्यक्ति को मृत्यु का ग्रास बनने पर मजबूर कर देती है इंसान को विवशता इतना लाचार व् असहाय बना देती है की वो समाज में वो मदद मांगने का पात्र बन जाता है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसे ही समाज के अशक्त गरीब निर्धन विधवा एकल जरूरतमंद विकलांग व् मानसिक रोगी आदि को संस्था द्वारा राशन सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है ! जो उनको खाद्य प्रदार्थ व् रसोईघर के खाने योग्य सभी सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है ! यह समस्त सामग्री उन्हें प्रोटीन व् विटामिन प्रदान करती है ! जो उनके स्वास्थ्य वर्द्धि में उन्हें सहायता प्रदानं करती है ! और अपने भरण पोषण हेतु सक्षम बनाती है ! व् जीवन को संचालित करने की प्रेरणा और साहस देती है !  संस्था जब गांव गांव जाती है तो घूम घूमकर ऐसे व्यक्तियों का चयन किया जाता है जो वास्तविक रूप से मदद के हकदार और समाज से वंचित व् निराश्रित होते है ! इनमे अधिकतर अशक्त गरीब निर्धन विधवा एकल जरूरतमंद विकलांग व् मानसिक रोगी आदि होते है इन व्यक्तियों में कभी कभी हीन भावना का विकास हो जाता है जिसके फलस्वरूप यह अपना विकास नहीं कर पाते है ! और समाज मे...

"स्वच्छता और शिक्षा: समाज के सर्वांगीण विकास की कुंजी"

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हम चाँद पर कदम रख चुके है और मंगल पर जाने  का अभियान बना रहे है एक और देश दुनिया में आगे की और तरक्की कर रहा है तो दूसरी और कुछ पिछड़ी सोच ,विचार धाराएँ , पिछड़े समाज की मानसिकता , कुरीतियाँ ,गरीबी, अशिक्षा देखने को मिलती है जो समाज में असमानता उत्पन करती है जो देश और प्रकर्ति में बाधक होती है और इस वजह से समाज में उसका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है ! हमे शिक्षा का पूर्ण प्रसार करना होगा तभी इस सोच के नकारात्मक पहलुओं को हम बदल सकते है और समाज में समानता के भाव को पुनः स्थापित कर सकते है ! आज भी कहीं न कहीं स्त्री और पुरुषों के कार्यों में असमानता , शिक्षा, माहौल आदि में भिन्नता मिलती है जब उस मालिक ने हमको एक सामान बनाया है तो फिर समाज में भिन्नता क्यों व्याप्त है ! संस्था द्वारा अजमेर के ग्रामीण गरीब बस्ती ,स्लम एरिया , झुग्गी झोपड़ी के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया जाता है ! संस्था अमीर गरीब , छोटा बड़ा , स्त्री पुरुष आदि में भिन्नता नहीं रखती है ! सभी सामान रूप से समाज के कार्यो को सम्पादित करे ! कभी कभी असमानता के इस स्तर में कई वो प्रतिभाएं होती है जो समाज में उजागर नहीं होती है...

स्लम एरिया के बच्चो को शिक्षा से जोड़ना

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर शहर के आसपास झुग्गी झोपडी वाले इलाके, स्लम एरिया व् डेरों निचली बस्तीयो में रहने वाले गरीब व् निर्धन बच्चों के लिए शिक्षा दिलाने हेतु पाठशालाये चलाई जाती है ! जहा उनको रंग ज्ञान, अक्षर ज्ञान, जोड़बाकी, व् कहानियाँ,कविताये सिखाई जाती है जिसमे इन गरीब बच्चो में शिक्षा के प्रति ललक जागे और यह सभी स्कूल जाने व् शिक्षा प्राप्त करें ! इनको स्कूल से जोड़ने के लिए पहले शिक्षा के स्वरुप को समझाया जाता है ! अनुशासित बनाया जाता है ! व् जिज्ञासा और ललक बढ़ाई जाती है ! तद्पश्चायत उनके प्रवेश संबंधी सभी दस्तावेज जाँचे जाते है ! जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन आधार कार्ड, भामाशाह व् माता पिता के पूर्व दस्तावेज भी उनके पास उपलब्ध होने चाहिए जिसके फलस्वरूप उनको आसानी से स्कूल में शिक्षा प्राप्ति हेतु दाखिला मिल सके इसके लिए संस्था प्रतिनधियों द्वारा उनका भरपूर सहयोग किया जाता है ! शिक्षा हर मानव का अधिकार है ! जो उसके जीवन को चहुँमुखी बनाता है ! व् सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है माँ बाप की असमर्थता के कारण बहुत से बच्चे पढ़ना तो चाहते है ! मगर आ...

परिवर्तन के धागे: सिलाई के माध्यम से सशक्तिकरण

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मेरा नाम सुनीता कंवर है। मैं एक विधवा महिला हूं। मेरे छः बच्चे हैं जो अभी बहुत ही छोटे हैं। पति का एक एक्सीडेंट में स्वर्गवास हो गया है। घर में एक बुढ़ी सास है अब मुझे मेरा वह मेरे बच्चों का पालन पोषण करना बहुत ही कठिन हो गया है। मेरे पास अन्य कोई साधन भी नहीं जिसके उपयोग से मैं अपने परिवार का निवऺहन कर सकूं। इस बात की जानकारी मैंने गांव की एक महिला की मदद से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था तक पहुचाई | जिससे मुझे कुछ मदद मिल सके। फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा संस्था प्रतिनिधियों ने मेरा सर्वे किया है जिसमें मुझे आजीविका के साधन अपनाने हेतु सुझाव दिया। मैंने उन्हें बताया मुझे कुछ सिलाई आती है फिर उनके द्वारा मुझे एक सिलाई प्रशिक्षण में मेरा नाम जुड़वां दिया गया। मैंने 90 दिन की कठिन परिश्रम से इस प्रशिक्षण में और अच्छा सिलाई कार्य सीखा। फिर इसके पश्चात संस्था द्वारा मुझे एक सिलाई मशीन का वितरण किया गया जिससे मैं स्वयं का कार्य प्रारंभ कर अपने बच्चों व अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं। सिलाई मशीन मिलने के पश्चात मैंने समीप के पुष्कर गांव में अंग्रेजों के वस्त्र सिलन...

एक संगठित प्रयास छात्रों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त करना संघर्ष से सफलता तक

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मेरा नाम ज्योति गवारिया है मैं कक्षा 10 की छात्रा हूं मेरे माता-पिता बहुत गरीब हैं जैसे तैसे हम तीन भाई बहन स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं | हमारे स्कूल में 1 दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा गरीब बच्चों के नाम स्कूल से लेकर सर्वे किया गया | जिसमें मेरा नाम भी आया वह मेरा भी सर्वे हुआ संस्था द्वारा कैफ अमेरिका के तहत् हम गरीब छात्र छात्राओं को जूते ,मौजें,जैकेट ,व पानी की बोतल संस्था के प्रतिनिधि द्वारा स्कूल प्रांगण में दी गई। संस्था द्वारा जिले के हर स्कूल में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है | जिसमें सभी गरीब होशियार छात्र छात्राओं को यह सामग्री दी जा रही है जिसे वह अपनी स्कूली शिक्षा और अध्ययन सम्बंधित जरूरतों को पूरा कर सकें | वह अच्छे से अध्ययन कर समाज देश की भागीदारी में अपना योगदान दे सके|  हमारी शाला में ऐसे कई गरीब छात्र छात्राऐं हैं जिनके पास पहनने को जूते मौजे नहीं ठंड से बचने के लिए जैकेट नहीं व पीने का पानी पास रखने के लिए बोतल नहीं यह सभी सामग्री उनके हित के लिए बहुत उपयोगी है। संस्था द्वारा बताया गया गया इस तरह के कार्यक्रम से शाला में पढ़ रहे निर्धन व गरीब छ...

राशन वितरण जीने का एक और अवसर

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  मेरा नाम डाली बाई है और मैं जनाजा के टाटगढ़ में रहती हूँ | मैं एक एकल विधवा महिला हूँ | जिसकों सरकार से 500 रू मात्र पेंशन प्राप्त होती है वृद्ध होने के कारण मैं कोई भी कार्य करने में असक्षम हूँ कोरोना काल के बाद मेरी माली हालत और भी खराब व बदतर हो गई घर में खाने को कुछ न रहा अब मैं कहाँ जाऊँ कैसे अपना जीवन यापन करूँ| फिर हमारे गांव के संरपच ने बताया अजमेर की एक संस्था द्वारा असहाय, गरीब, निशक्त, बेसहारा, विधवा, एकल महिला, व विकलांग लौगो का सवऺ कर उन्हें राशन वितरित किया जायेगा | फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा सवऺ कर हमें राशन राहत सामग्री प्रदान की गई जिसमें हमें आटा, दाल, चना, मूंग, दलिया, तेल, नमक, शक्कर, चाय पती, मिचीऺ , धनिया, हल्दी, चावल, व रसोई की सभी खाघ सामग्री दी गई | इस सामग्री से मेरी कई माह की भोजन आवश्यकता पूरी हो जायेगी | व इससे अपनी जरूरत की सभी पूर्ति कर संकूगी | राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा असहाय, गरीब, निशक्त, बेसहारा, विधवा, एकल महिला, व विकलांग लौगो के लिये यह कार्यक्रम बहुत लाभप्रद है संस्था का इस निरपेक्ष असहाय वगऺ की ज...