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स्लम एरिया के बच्चो को शिक्षा से जोड़ना

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर शहर के आसपास झुग्गी झोपडी वाले इलाके, स्लम एरिया व् डेरों निचली बस्तीयो में रहने वाले गरीब व् निर्धन बच्चों के लिए शिक्षा दिलाने हेतु पाठशालाये चलाई जाती है ! जहा उनको रंग ज्ञान, अक्षर ज्ञान, जोड़बाकी, व् कहानियाँ,कविताये सिखाई जाती है जिसमे इन गरीब बच्चो में शिक्षा के प्रति ललक जागे और यह सभी स्कूल जाने व् शिक्षा प्राप्त करें ! इनको स्कूल से जोड़ने के लिए पहले शिक्षा के स्वरुप को समझाया जाता है ! अनुशासित बनाया जाता है ! व् जिज्ञासा और ललक बढ़ाई जाती है ! तद्पश्चायत उनके प्रवेश संबंधी सभी दस्तावेज जाँचे जाते है ! जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन आधार कार्ड, भामाशाह व् माता पिता के पूर्व दस्तावेज भी उनके पास उपलब्ध होने चाहिए जिसके फलस्वरूप उनको आसानी से स्कूल में शिक्षा प्राप्ति हेतु दाखिला मिल सके इसके लिए संस्था प्रतिनधियों द्वारा उनका भरपूर सहयोग किया जाता है ! शिक्षा हर मानव का अधिकार है ! जो उसके जीवन को चहुँमुखी बनाता है ! व् सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है माँ बाप की असमर्थता के कारण बहुत से बच्चे पढ़ना तो चाहते है ! मगर आ

परिवर्तन के धागे: सिलाई के माध्यम से सशक्तिकरण

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मेरा नाम सुनीता कंवर है। मैं एक विधवा महिला हूं। मेरे छः बच्चे हैं जो अभी बहुत ही छोटे हैं। पति का एक एक्सीडेंट में स्वर्गवास हो गया है। घर में एक बुढ़ी सास है अब मुझे मेरा वह मेरे बच्चों का पालन पोषण करना बहुत ही कठिन हो गया है। मेरे पास अन्य कोई साधन भी नहीं जिसके उपयोग से मैं अपने परिवार का निवऺहन कर सकूं। इस बात की जानकारी मैंने गांव की एक महिला की मदद से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था तक पहुचाई | जिससे मुझे कुछ मदद मिल सके। फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा संस्था प्रतिनिधियों ने मेरा सर्वे किया है जिसमें मुझे आजीविका के साधन अपनाने हेतु सुझाव दिया। मैंने उन्हें बताया मुझे कुछ सिलाई आती है फिर उनके द्वारा मुझे एक सिलाई प्रशिक्षण में मेरा नाम जुड़वां दिया गया। मैंने 90 दिन की कठिन परिश्रम से इस प्रशिक्षण में और अच्छा सिलाई कार्य सीखा। फिर इसके पश्चात संस्था द्वारा मुझे एक सिलाई मशीन का वितरण किया गया जिससे मैं स्वयं का कार्य प्रारंभ कर अपने बच्चों व अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं। सिलाई मशीन मिलने के पश्चात मैंने समीप के पुष्कर गांव में अंग्रेजों के वस्त्र सिलन

एक संगठित प्रयास छात्रों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त करना संघर्ष से सफलता तक

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मेरा नाम ज्योति गवारिया है मैं कक्षा 10 की छात्रा हूं मेरे माता-पिता बहुत गरीब हैं जैसे तैसे हम तीन भाई बहन स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं | हमारे स्कूल में 1 दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा गरीब बच्चों के नाम स्कूल से लेकर सर्वे किया गया | जिसमें मेरा नाम भी आया वह मेरा भी सर्वे हुआ संस्था द्वारा कैफ अमेरिका के तहत् हम गरीब छात्र छात्राओं को जूते ,मौजें,जैकेट ,व पानी की बोतल संस्था के प्रतिनिधि द्वारा स्कूल प्रांगण में दी गई। संस्था द्वारा जिले के हर स्कूल में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है | जिसमें सभी गरीब होशियार छात्र छात्राओं को यह सामग्री दी जा रही है जिसे वह अपनी स्कूली शिक्षा और अध्ययन सम्बंधित जरूरतों को पूरा कर सकें | वह अच्छे से अध्ययन कर समाज देश की भागीदारी में अपना योगदान दे सके|  हमारी शाला में ऐसे कई गरीब छात्र छात्राऐं हैं जिनके पास पहनने को जूते मौजे नहीं ठंड से बचने के लिए जैकेट नहीं व पीने का पानी पास रखने के लिए बोतल नहीं यह सभी सामग्री उनके हित के लिए बहुत उपयोगी है। संस्था द्वारा बताया गया गया इस तरह के कार्यक्रम से शाला में पढ़ रहे निर्धन व गरीब छात्र

राशन वितरण जीने का एक और अवसर

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  मेरा नाम डाली बाई है और मैं जनाजा के टाटगढ़ में रहती हूँ | मैं एक एकल विधवा महिला हूँ | जिसकों सरकार से 500 रू मात्र पेंशन प्राप्त होती है वृद्ध होने के कारण मैं कोई भी कार्य करने में असक्षम हूँ कोरोना काल के बाद मेरी माली हालत और भी खराब व बदतर हो गई घर में खाने को कुछ न रहा अब मैं कहाँ जाऊँ कैसे अपना जीवन यापन करूँ| फिर हमारे गांव के संरपच ने बताया अजमेर की एक संस्था द्वारा असहाय, गरीब, निशक्त, बेसहारा, विधवा, एकल महिला, व विकलांग लौगो का सवऺ कर उन्हें राशन वितरित किया जायेगा | फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा सवऺ कर हमें राशन राहत सामग्री प्रदान की गई जिसमें हमें आटा, दाल, चना, मूंग, दलिया, तेल, नमक, शक्कर, चाय पती, मिचीऺ , धनिया, हल्दी, चावल, व रसोई की सभी खाघ सामग्री दी गई | इस सामग्री से मेरी कई माह की भोजन आवश्यकता पूरी हो जायेगी | व इससे अपनी जरूरत की सभी पूर्ति कर संकूगी | राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा असहाय, गरीब, निशक्त, बेसहारा, विधवा, एकल महिला, व विकलांग लौगो के लिये यह कार्यक्रम बहुत लाभप्रद है संस्था का इस निरपेक्ष असहाय वगऺ की जरूरत