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"बचपन को सहारा: सड़क व झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के लिये संवेदनशील पहल"

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 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) द्वारा सड़क, स्लम और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए छाता वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन बच्चों को धूप, धूल और बारिश से बचाना था, जो रोज़ाना कठिन परिस्थितियों में स्कूल जाते हैं या खुले वातावरण में जीवन यापन करते हैं। संस्था का यह मानवीय प्रयास बच्चों की दैनिक जरूरतों को समझते हुए उन्हें एक छोटी मगर बेहद जरूरी सुविधा प्रदान करने की दिशा में था। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के चेहरे पर छाता पाते ही जो खुशी दिखी, वह इस प्रयास की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण थी। अनेक बच्चों ने बताया कि तेज धूप और बारिश में स्कूल जाना बहुत कठिन हो जाता था, लेकिन अब यह छाता उनके लिए सुरक्षा का एक साधन बन गया है। संस्था की टीम ने बच्चों को छाते के सही उपयोग और उसकी देखभाल के बारे में भी जानकारी दी, ताकि वे लंबे समय तक इसका लाभ उठा सकें। यह पहल न केवल एक उपयोगी वस्तु का वितरण था, बल्कि बच्चों को सम्मानपूर्वक और सुरक्षित सुरक्षा जीने की प्रेरणा भी थी। RSKS India का यह छाता वितरण अभियान गरीब बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य ...

"बालिकाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य: एक कदम स्वच्छता की ओर हाइजीन किट वितरण"

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जीवन में शारारिक स्वच्छता का अहम् योगदान है। यह हमको शारारिक रूप से स्वच्छ व् हाइजीन रखता है जिससे किसी प्रकार की बीमारी से हम ग्रसित नहीं होते है और स्वयं को हाइजीन बना पाते है। यह हमारी दिनचर्या का एक हिस्सा है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा एजुकेशनल फॉर एवेरी रूरल गर्ल्स कार्यक्रम के तहत वंचित स्कूली बालिकाओं को संस्था द्वारा हाइजीन किट दिया गया। लगभग 42 सरकारी स्कूल की 1500 बालिका को यह किट दिया गया। जो ग्रामीण स्तर पर उन्हें हाइजीनिक बनाने में सहयोग देगा। यह महिलाओं के मासिक चक्र के दौरान जो असुविधा उन्हें उठानी पड़ती है उनको दूर करेगा और शारारिक रूप से उनको स्वस्थ भी रखेगा।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा उन्हें इस कार्यक्रम के तहत अपने शरीर को कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रखा जाए इस विषय पर पूर्ण जानकारी पोस्टर, सेल्फी, व्याख्यान, अभिव्यक्ति, रैली, प्रशोत्तरी के माध्यम से प्रदान की। इसमें उनको जो हाइजीन किट में सेनेटरी पेड, नैलकटर, हाथ धोने क साबुन, नहाने का साबुन, रुमाल, कंघा व् तेल की शीशी उपलब्ध करवाई गई। यह समस्त सामग्री उन्हें शारारिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार...

शिक्षा की राह पर दिव्यांगता के पार : राजस्थान के विकलांग स्कूटी योजना का उपयोग

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मेरा नाम अर्चना है। मैं अजमेर के पास कायड़ ग्राम में रहती हूं। मेरे दोनों पैर जन्म से पोलियों से ग्रसित है और मैं 12वीं कक्षा पास हूं। मेरे पास कॉलेज जाने के लिए आगे कोई साधन नहीं है। इसके कारण अपने आगे की शिक्षा जारी नहीं कर पाऊंगी। मैं इस बात से बहुत हताश थी परंतु एक दिन मुझे राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधियों ने बताया राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान विकलांग स्कूटी योजना के तहत 50% से अधिक दिव्यांगों को स्कूटी दी जा रही है। इस योजना का उद्देश्य विकलांग छात्रों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए प्रदान की जा रही है जिससे शिक्षा प्राप्ति में उनके आवागमन में कोई परेशानी ना हो सके। सरकार द्वारा गांव में जो विकलांग छात्र सरकारी स्कूल में उच्च शिक्षा में अध्ययन कर रहे हैं जो आसानी से ना जा पा रहे हो, जिन्हें चलने फिरने में तकलीफ हो, यह सुविधा उन्हें दी जाएगी। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा जानकारी पाकर मैं अपना नाम इस योजना के अंतर्गत लिखवा लिया। इसमें कोई भी दिव्यांग ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म भर सकता है। यह तकनीकी रूप से एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें सभी दस्तावेज की पूर्ति क...

वर्जनाओं को तोड़ना: ग्रामीण भारत में स्वच्छता जागरूकता के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना

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मेरा नाम रुकमा देवी है। मेरी उम्र 30 वर्ष है और मैं डोडियाना गांव में रहती हूं। ग्रामीण जीवन वास्तव में बहुत कठिन है। महिलाओं में होने वाला मासिक धर्म प्रकृति द्वारा प्रदत्त एक प्राकृतिक क्रिया है। गांव में अशिक्षा के कारण ग्रामीण महिलाएं आज तक कपड़े का उपयोग करती है जिसके कारण उन्हें कई तरह की चमऺ से संबंधित बीमारियां हो जाती है, जिससे महिला की मृत्यु तक हो जाती है। शिक्षा से अज्ञान के कारण ग्रामीण महिलाएं शमऺ, झिझक के कारण किसी से कुछ कह नहीं पाती हैं। आज इसी समस्या से कई ग्रामीण महिलाएं गुजर रही है। कुछ दिन पहले हमारे गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था की टीम आई। वह ग्राम पंचायत भवन में महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन वितरण कार्यक्रम रखा गया। इसमें मासिक धर्म स्वास्थ्य से संबंधित बातें बताई गई | कार्यक्रम में इस विषय पर बताया गया कि किस तरह कपड़े से महिलाओं को शारीरिक हानि पहुंचती है। वह इससे कितने नुकसान हमारे शरीर को होते हैं। कार्यक्रम में चर्चा,सवाल-जवाब,फ्लिपकार्ट , पोस्टर के द्वारा महिलाओं को समझाया गया |और सभी को सेनेटरी पेड का उपयोग करने के फायदे व नुकसान बताए गए | ...