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शिक्षा समाज का प्रथम सोपान और अभिव्यक्ति की आजादी

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  शिक्षा हमारे जीवन का आधार है ! इसके बिना जीवन की कल्पना करना निरर्थक है ! आज भी हमारे समाज में बालिका शिक्षा को बढ़ावा नहीं दिया जाता है इसी कारण हमारी शिक्षा का स्तर अभी काफी नीचे सोपान पर है शिक्षा से वयक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है व् उसे उन्मुखीकरण की और अग्रसित करती है व् सकारात्मक विचारों को हमारे ह्रदय में जन्म देती है ! किसी भी स्वत्रंत व् विकासशील राष्ट्र के लिए शिक्षा सभी के लिए बहुत जरुरी है ! इस से नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है व् सामाजिक द्रृष्टिकोण भी बदलता है परम्परागत कुरीतियाँ और विचारधाराओ को बदलना बहुत जरुरी है तभी हम अच्छे राष्ट्र व् समाज की परिकल्पना को सार्थक कर सकेंगे !    इसी सन्दर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के लगभग 139  ग्रामीण स्कूलो में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ! जिसमें समाज व् गांव के निराश्रित ,गरीब ,असहाय ,विकलांग ,बेसहारा , बालिका को प्रोत्साहित किया जा रहा है ! जिसमे उनको वर्ष भर के लिए स्कूल बैग ,स्टेसनरी , कॉपी , किताब , जेयोमैट्री बॉक्स ,कलर सेट , पेन , रबर , पेंसिल , ड्रैस ,

बच्चों के विकास में शिक्षा और संस्कार: एक दृष्टिकोण व् सम्पूर्ण विकास

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रा जस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के विकास के लिए व् भविष्य को सवारने हेतु अजमेर स्ट्रीट, स्लम, झुग्गी - झोपड़ी वाले इलाके में बच्चों के साथ संस्कार , शिक्षा ,एवं वयवहार परिवर्तन कार्यक्रम उनके साथ करके उनको इस सम्बन्ध को समस्त पूर्ण जानकारियां दी गई।  जिस मे उम्र के साथ शरीर में हो रहे परिवर्तन का ज्ञान उनके बीच बाटा गया। शहर के लगभग 12 स्थानों पर 400 बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया गया। सभी उम्र के बच्चे इस कार्यक्रम में अतिउत्साहित थे।  इस तरह के कार्यक्रम में इन बच्चों में बौद्धिक क्षमताओं का विकास होता है। उन्हें अच्छे व् बुरे का ज्ञान भी करवाया जाता है। जिससे भविष्य में उन्हें किसी भी कार्य को करने में पूर्ण जानकारी मिल सके। बच्चों के साथ इस कार्यक्रम में बहुत साडी गतिविधियां करवाई गई। जैसे साँप -सीढ़ी गेम , संस्कार और वयवहार परिवर्तन पर वीडियो दिखाया गया। चार्ट के माध्यम से सप्ताह , महीना ,वर्ष की जानकारी दी। व् जीवन को किस तरह हम अच्छा ,सुशोभित व् गतिमान बना सकते है इसकी भी सुक्षम जानकारिया दी गई।  मानव जीवन में व्यवहार ,व्यवस्था, प्रबंध,संस्कार का बहुत अधिक महत्व होता

समाजिक परिवर्तन: कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता

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 कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी है क्योंकि कन्या भ्रूण हत्या इसी तरह जारी रही तो 1 दिन हम अपना परिवार,समाज,व अपनी नस्ल तक को खो देंगे। जिस दिन हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप रुक जाएगी। लैंगिक समानता सिर्फ समान प्रतिनिधित्व से कई अधिक है। यह महिलाओं के अधिकारों के दृढ़ता से जुड़ी हुई जुड़ी हुई है | अशिक्षा,गरीबी व पुराने रीति -रिवाज इसका मुख्य कारण है। यह जरूरी है महिला और पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हो। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इसको देखते हुए बालिकाओं से संबंधित हमारे यहाँ कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं। जैसे बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ,शिक्षा हर बालिका का अधिकार,कन्या विवाह कार्यक्रम,बालिका शिक्षा हेतु शिक्षण सामग्री वितरण, महिला कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करना, उद्यमिता व लीडरशिप कार्यक्रम करना, स्वरोजगार प्रशिक्षण,छात्रवृत्ति प्रदान करना, स्वास्थ्य हेतु हाइजीन बनाना,विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम करना, लिंग समानता आधारित हिंसा रोकना इत्यादि काम संस्था के द्वारा किये जाते हैं | हमारा समाज आज भी