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"पौधारोपण से बदलाव: बालिकाओं का पर्यावरणीय जागरूकता अभियान"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण भागों के स्कूलों में बालिकाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण पर पौधारोपण कार्यक्रंम किया गया। हमारा पर्यावरण प्राकर्तिक संसाधनो से भरपूर है लेकिन आजकल इसे नुक्सान पहुंचाने वाले कई कारक सामने आ रहे है। इनका असर न केवल हमारे जीवन पर बल्कि पूरी पृथ्वी पर हो रहा है।  इस चुनौती का सामना करने के लिये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे है। पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें विद्यालयों में बालिकाओं का सक्रिय योगदान बेहद जरुरी है। पौधारोपण अभियान न केवल हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका है ये जीवन के लिए बहुत जरुरी है। पौधे हवा में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्सइड को सोखते है और ऑक्सीजन का उत्पादन करते है जिससे वायुमण्डल में संतुलन बना रहता है।  ग्रामीण विद्यालय की बालिकाओं को पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के महत्व के बारे में जागरूक करना आज की आवश्यकता बन गई है जब बालिकायें पौधारोपण अभियान में शामिल होती है तो न केवल वे पर्यावरण को बचाने में योगदान देती है बल्कि यह उनके सामाजिक विकास में भी सहायक होता है। बालिकायें पौधे लगा...

"ईको-फ्रेंडली शिक्षा: बच्चों के लिए पर्यावरण संरक्षण का कदम"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान पर्यावरण के विभिन्न विषयों पर कार्य कर रही है जो हमारे पर्यावरण को यथावत बनाये रखने में सहयोग देता है। इसी सन्दर्भ में संस्था ग्रामीण स्कूलों में बच्चों को ईको फ्रैंडली पेन व नोटबुक वितरण कार्यक्रम कर रही है जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति सभी को जागरूक करना है आज के समय में पर्यावरणीय संकट बढ़ते जा रहे है यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है की हम अपने छोटे छोटे क़दमों से पर्यावरण की रक्षा करें। विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए यह कार्यक्रम किया गया।  जो वास्तविक रूप से महत्वपूर्ण और प्रभावी कदम है। यह कार्यक्रम बच्चों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के साथ साथ उन्हें ऐसे उत्पादों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है।  ईको फ्रैंडली पेन व नोटबुक पारंपरिक पेन और नोट बुक की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित और लाभकारी होते है ये पेन आमतौर पर रिसाइकिल्ड सामग्री से बनाने जाते है जिसमे किसी वनस्पति के बीज मौजूद होते है जो इसके उपयोग के बाद फेंकने पर नए पौधे को उगने में मदद करते है ईको फ्रैंडली नोटबुक भी पेपर बचान...

"बीज से बगिया तक: बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में मार्गदर्शन"

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आज के इस बढ़ते दौर में पर्यावरण का हास्र सम्पूर्ण मानव जाती के लिए एक चिंताजनक विषय है।  हमारा कर्त्तव्य है हम इसकी रक्षा करें इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्कूली बच्चों के साथ पर्यावरण संरक्षण पर यह कार्य किया गया।  जिसमे लगभग 42 स्कूल थे। हमारा पर्यावरण हमे प्राकर्तिक संसाधन, ऑक्सीजन, जल, भूमि, और अन्य चीजों से पोषित करता है हालांकि आजकल तेजी से बढ़ती जनसँख्या , प्रदूषण और मानवीय घटको के कारण हमारे पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। ऐसे में हमे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने की जरुरत है इस दिशा में स्कूलों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है क्योकि स्कूल बच्चों को शिक्षा और जागरूकता प्रदान करने का सबसे अच्छा ध्येय होते है।  आजकल स्कूलों में विभिन्न तरह के पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें से एक प्रमुख कार्यक्रम है बीज वितरण ! इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को विभिन्न प्रकार के बीज दिए जाते है ताकि वे इन्हे घर पर लगाकर स्वयं अपने परिवेश को हरा भरा बना सकें। इस प्रकिर्या के दौरान बच्चों को यह समझाया जाता है की पेड़ पौधे...

"छोटे प्रयास, बड़ा बदलाव : बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का निर्माण"

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स्पैरो हाउस स्कूल को देने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जो पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों की रक्षा के लिये एक अनूठी पहल की, जो न केवल शिक्षा का हिस्सा बल्कि समाज को जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका साबित हुई है। बंया पक्षी को बचाने हेतु चिड़ियाघर वितरण इस कार्यक्रम ने छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के बीच पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का अहसास करवाया है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से बच्चों में प्रकर्ति और वन्य जीवों के प्रति सहानभूति और संरक्षण की भावना पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। चिड़ियाघर बंया पक्षी का एक छोटा सा घर है जो उनकी प्रजातियों को संरक्षित करने व् आश्रय प्रदान करता है ताकि इस प्रजाति को बचाया जा सकें और पर्यावरण के प्रति लगाव को सशक्त बनाया जाये ,यह एक सामाजिक कार्य है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उनकी जानवरों से देखभाल उनके भोजन और सुरक्षा में कोई कमी न हो। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह समझाया की सिर्फ चिड़िया घर देकर बंया पक्षी को बचाना नहीं अपितु प्राकर्तिक संशाधनों और वन्य जीवों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है बच्चों को यह ...

"स्वस्थ्य, पोषण और आर्थिक सुरक्षा: किसानों के लिए फलदार पौधों का निःशुल्क वितरण"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान पर्यावरण के सन्दर्भ में विभिन्न प्रकार के कई तरह के कार्यक्रम वर्ष भर करते है जिसमें गरीब किसानों को फलदार पौधों का वितरण भी किया जाता है भारत में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन कृषि पर निर्भर किसानों को अक्सर कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे की पैदावार का कम होना, मानसून की अनिश्चियता और बाजार में सही मूल्य का न मिलना।  इस सन्दर्भ में गरीब किसानों को फलदार पौधों का निःशुल्क वितरण एक अभिनव और प्रभावी कदम साबित हो सकता है।  जो न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकता है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।  संस्था द्वारा आर्थिक स्थिरता स्वास्थ्य और पोषण व दीर्घ कालिक विकास के उदेश्य को ध्यान में रखते हुये इन्हे पौधों का वितरण किया जाता है यह कार्यक्रम गरीब किसानों को खाद्य सुरक्षा , स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है।  गरीब किसानों को फलदार पौधो का निःशुल्क वितरण एक सकारात्मक पहल है।  जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है यह केवल उनकी...

"पृथ्वी की रक्षा : पर्यावरण को बचाने के लिए पक्षी संरक्षण में जुटा एक समर्पित संगठन"

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पृथ्वी मनुष्यों का एकमात्र सांझा घर है एक ऐसी जगह जो हमे ताजी हवा, ठंडा पानी और बहुमूल्य प्राकर्तिक संसाधन प्रदान करती है। हालांकि आज पर्यावरण कई गंभीर समस्याओ का सामना कर रहा है। जैसे पर्यावरण प्रदूषण , जलवायु परिवर्तन , जैव विविधता को बहुत नुक्सान आदि सीधे मानव जीवन और स्वास्थ्य को खतरे में डालते है। समाज का सतत विकास हो इसलिये पर्यावरण संरक्षण एवं बचाव बहुत जरुरी है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान जीव बचाव की दिशा में चिड़ियाघर का वितरण कर रही है। जो पर्यावरण को बढ़ावा देती है और साथ ही उसके विकास के लिए कार्यरत है।  यह प्रेरणादायक कार्य समाज में एक नव चेतना का संचार करता है जो पर्यावरण प्रेमियों की संख्या में इजाफा करते है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों का एक समूह है जिसका उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण रोकना, नियंत्रित करना, कम करना और खत्म करना है साथ ही पर्यावरण गुणवत्ता में बहाल करना है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षो से बयां पक्षी के संरक्षण एवं बचाव हेतु चिड़ियाघरों का वितरण कर रही है। जो समाज को एक प्रेरणा देने का कार्य करता है साथ ही संरक्षण की द...

"फलदार पौधों के वितरण से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान पर्यावरण संरक्षण  और ग्रामीण कास्तकार के आर्थिक विकास व् पर्यावरण प्रदत उपयोगी फलदार पौधो का वितरण कर इस पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देती है ! और इस प्रेरणा  को सभी के सामने लेकर आती है ताकि अन्य लोग भी हमारे  पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग प्रदान करें ! संस्था द्वारा ग्रामीण भागों के ऐसे निर्धन काश्तकारों के साथ यह कार्य किया जाता है ! जिसमे उनकी स्थिति व् परिस्थिति को जान कर वर्षा ऋतु के आस पास उन्हें विभिन्न प्रकार के फल दार पौधे दिए जाते है ! जिनको वे अपने घरो के आस पास या फिर बागान में लगाकर उसकी देखभाल कर सकते है ! और बाद में उनसे प्राप्त उपज अपने आर्थिक कार्य में भी ले सकते है  संस्था का उद्देश्य मात्र गरीब काश्तकारों को लाभ न दिलाते हुए इस पर्यावरण को संरक्षित करना है ! आज इस बढ़ते युग में जैसे वृक्षो का हनन हो रहा है यदि ऐसे ही लगातार चलता रहा तो निश्चित एक दिन ये धरा वृक्ष विहीन हो जाएगी ! और इस संसार में समस्त जीवों का नाश हो जायेगा ! इसे बचने की पहल मानव को ही करनी होगी ! यह मानवीय कार्य हमारी आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा ज...

"जीव रक्षा का धर्म: बयां पक्षियों के लिए योगदान पर्यावरणीय जागरूकता

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भगवान् के द्वारा संसार में बनाई हर रचना अद्भुत और अद्वितीय है  कही तो  ये जीव रूप में  बड़े तो कही छोटे रूप में विधमान है ! मेरा नाम अतुल गोस्वामी है ! मै शुरू से एक पर्यावरणीय प्रेमी हूँ ! और मैंने अपने घर के आस पास पेड़ पौधे लगा रखे है ! जिन्ह पर कई जाति के पंछी आते है ! और अपना बसेरा बसाते है ! साथ ही मैंने अपने स्थान पर उनको खाने योग्य दाने की व्यवस्था भी कर रखी है ! जिससे वो अपना पेट भर सकती है ! एक दिन मैंने अपने कंप्यूटर में इस विषय पर मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के बारे में सुना जो पर्यावरण बचाव हेतु बयां पक्षी के बचाव के लिए एक अभियान चला रखा है ! जिसमे बयां को सुरक्षित जीवन चक्र संचालित करने हेतु वह एक चिड़ियाघर और फीडर की व्यवस्था मुहैया करवाते है !  इसे पढ़ने के बाद मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान से संपर्क किया और इस विषय की उनसे पूर्ण जानकारी प्राप्त की फिर उसके पश्चायत उनसे मैंने 5 चिड़ियाघर व् 5  फीडर हेतु फॉर्म भरकर उनसे आवेदन किया ! उन्हें प्राप्त करके मैंने अपने आँगन व् पेड़ो पर इन चिड़ियाघरों को स्थापित किया और उनके खाने की व्यवस्था फीड...

"वृक्षारोपण: कल के लिए आज की जिम्मेदारी एक अमूल्य योगदान"

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  हमारी धरती के सभी जीव जंतु व् सभी संसाधनों की रक्षा व् उनकी वर्द्धि में सहयोग करना हर मानव का कर्तव्य है ! यह हमे मानवता का पाठ सिखाती है और समाज व् देश को पिछड़ेपन की अवस्था से उबारने का कार्य करती है ! जिसका लाभ समाज के सभी वर्गो को प्राप्त हो ! हमारी प्रकर्ति भगवान का दिया हमको एक अमूल्य उपहार है ! जिन्हें हम अपने जीवन के कार्यों में काम लेते है कही न कही इस धरती पर एक दूसरे की मदद करना हमें इंसानियत व् मानवता सिखाता है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा पर्यावरण विषय पर बहुत सारे कार्यक्रम किये जाते है ! जिसे खाद बीज वितरण , फलदार पौधों का वितरण व् वर्मी कम्पोस्ट का वितरण , पेड़ो का वितरण , किसान सहयोग कार्यक्रम , फूलों के पौधों का वितरण व् बच्चों के साथ पर्यावरण के सभी संजीदा विषयों पर संस्था सफलतापूर्वक कार्य करती है ! ग्रामीण जीवन क्षेत्रों में कई संस्थानों में पेड़ लगाने का पावन कार्य किया है ! जो सबको जीवन देते है ! संस्था द्वारा स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, पंचायत, ग्राम पंचायत, श्मशान भूमि, गोचर भूमि व् सड़क के किनारे वाली जगहों पर वृक्ष लगवायें जाते है ! जो ह...

आगामी पीढ़ियों के लिए हरित भविष्य वृक्षारोपण से पर्यावरण को पुनर्जीवित करना

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राजस्थान सम्रग कल्याण संस्थान पर्यावरण को लेकर काफी सजग व् जागरूक है उसका मानना है इस धरती को वृक्ष विहीन करने पर सम्पूर्ण धरती का नाश हो जायेगा ! जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल होगा व् धरती पर ऑक्सीजन लगभग न के बराबर हो जाएगी ! ऐसी परिस्थितियां मानव स्वयं अपने लिए निर्माण कर रहा है ! जो खुद उसकी प्रजाति के लिए बेहद घातक सिध्द होगा ! यह विषय समाज, देश, दुनिया के लिए अत्यंत शोचनीय बनता जा रहा है ! इसके कारण बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन हमे देखने को मिल रहा है ! जिसमें तापक्रम का प्रति वर्ष बढ़ना, अतिवृष्टि होना, मिट्टी का कटाव होना, भूस्खलन होना, समुन्द्र के जल स्तर में बढ़ोतरी , भूकंप, विस्फोट ,ज्वालामुखी आदि समस्याऐं उत्पन्न हो रही है ! वृक्षों का निरंतर काटा जाना इसकी मुख्य वजह है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष वर्षा ऋतु के आस पास ग्रामीण काश्तकारों के साथ मिलकर वृहद पैमाने पर्यावरण  संरक्षण के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम में काश्तकारों को फलदार पौधे , पेड़, व् खाद का वितरण किया जाता है ! संस्था ने इस वर्ष लगभग 61 परिवारों के साथ यह कार्य किया गया इसमें 450 पौधे का वितरण लगभग...

वृक्षारोपण: ग्रामीण जीवन और पर्यावरण के लिए एक प्रेरणा

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मेरा नाम रामलाल है ! मैं पिचौलिया ग्राम की एक ढाणी में रहता हूँ ! गरीबी के कारण मैं अपने खेत के चारों तरफ बाड़बंदी करवाने मैं असमर्थ हूँ ! जैसे तैसे मिटटी कार्य से अपनी खेत का बचाव करता हूँ ! और खेत से प्राप्त उपज से अपना जीवन गुजर बसर करता हूँ ! फिर एक दिन हमारे गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान से कुछ प्रतिनिधि आये ! उन्होंने पर्यावरण संरक्षण हेतु हमारे गांव में सर्वे किया जिसमे मेरा नाम भी उन्होंने अंकित किया ! उन्होंने मेरे खेत का मौका मुआयना किया ! फिर मुझे वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित भी किया ! उनकी यह बात मेरे हृदय को छू गई ! इस बात के 2 सप्ताह बाद वह पुनः हमारे गांव में आये ! और पौधो ,पेड़ ,खाद का वितरण किया ! जिसको पाकर समस्त काश्तकार प्रसन्न व् खुश थे !  इस कार्यक्रम के बाद मैंने अपने खेत के चारों तरफ 5-5 फ़ीट की दूरी पर बाड़ेबंदी के किनारे यह पेड़ पौधे लगाए व् जानवरों से बचाव हेतु इसके आस-पास कांटे व् लकड़ियों का घेरा बनाकर इनको सुरक्षा प्रदान की ! जिससे इनकी वृद्धि में किसी प्रकार से कोई बाधा न उत्पन हो पाये ! फिर दिन प्रतिदिन मैं उनको खाद पानी देने लगा शन्ने शन्...

धरती की हरी छांव: हर व्यक्ति की वृक्षारोपण जिम्मेदारी

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धरती पर वृक्ष महिला के शृंगार की तरह है जो उसे सुशोभित करता है ! उसकी आभा  व् सुंदरता में 4 चाँद लगा देता है ! यह हमे जीवन देने का कार्य करते है ! मानवीय जीवन में बहुत सारी आवस्यकताये इन्ही के द्वारा पूरी की जाती है ! यह रहने , खाने, पीने  व् रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करते है ! हमारी धरती पर कुल 3 ट्रिलियन पेड  है व् इसकी करीब 3,80,000 पौधों की प्रजातियां इस धरती पर मौजूद है ! दुनिया के हर व्यक्ति पर करीब 400 पेड़ है इनमें से 2,60,000 प्रजातियां बीज़ पैदा करती है दुनिया के आधे से ज्यादा वन रूस,ब्राजील,कनाडा,अमेरिका और चीन जैसे 5 देशों में है ! भारत में कुल वन और पेड़ो का क्षेत्रफल देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24. 62 / है ! लगभग 31 / प्रतिशत वन हमारी दुनिया में फैले हुए है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब किसानो को फलदार पौधों का वितरण किया जाता है ! जो पर्यावरण प्रोत्साहन में समाज, गांव, देश की मदद करता है ! संस्था द्वारा सर्वप्रथम ग्राम में भ्रमण किया जाता है ! व् उसके पश्चयात चिन्हित किसान के साथ यह वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाता है ! जहा इनके...

संस्थान का योगदान: पर्यावरण संरक्षण के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की प्रेरणादायक पहल

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मेरा नाम गीतांजली शर्मा है मैं अजमेर में ही निवास करती हूँ और पर्यावरण से बहुत अधिक प्रेम करती हूँ एक दिन मिडिया पर मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का सेव द बर्ड्स प्रोजेक्ट देखा ! जिसमे कैसे एक विलुप्त हो रही एक नन्ही सी चिड़िया को बचाने का एक वृह्द कार्य इसके द्वारा किया जा रहा है ! ताकि हम अपने आस पास रहने वाली बयां पक्षी को बचा सके ! हमारे मानवीय दुष्टपरिणामों की वजह से और जटिल वातावरण बदलाव के कारण यह जाति अब संकटग्रस्त हो रही है ! अंत इस जीव के पुनः बचाने के लिए मानवीय सहयोग का होना अति आवश्यक है ! तभी हम दुनिया में विलुप्त हो रहे जीव को बचा पाएंगे ! फिर मैंने संस्था के ऑफिस से संपर्क किया और इस विषय पर संस्था प्रतिनिधियों से जानकारियां प्राप्त की ! उनके द्वारा मुझे इस पक्षी के जीवन चक्र के बारे में सविस्तार समझाया गया ! सभी जानकारिया प्राप्त कर मैंने उनसे 1 चिड़ियाघर व् फीडर प्राप्त किया ! जिसको मैंने अपने घर पर बगीचे में ऊपर छायादार स्थान पर लगाया ताकि यह पक्षी आकर अपने घोंसले का निर्माण करे व् इस जीवन चक्र की शृंखला को आगे बढ़ाये ! इसके कुछ समय पश्च्यात उस चिड़ियाघर में बयां ...

उम्मीदों के घर ( चिड़ियाघर )

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सच कहा है किसी ने घर बिना संसार अधूरा है न पहचान मिलती है न आसरा उसे.....राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इसी संदर्भ में हमारे भारत में पाए जाने वाले एक नन्हे जीव के लिए उम्मीद की किरण बनकर जहा में उभरा है ! जो उनको रहने के लिए आसरा व् दानापानी के लिए फीडर उपलब्ध करता है ! बयां एक छोटा सा पंछी है जो घरो ,पेड़ो, इमारतों पर अपना घास फूस का एक छोटा सा घोंसला बनाकर रहती है ! प्रदूषण,वायुमंडल,वातावरण परिवर्तन,केमिकल उपयोग,मानवीय दखल व् ओद्योगिकरण के चलते इसकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट देखने को भारत में मिली जो अब मानवीय अथक प्रयासों के कारण इनकी संख्या में कुछ इजाफा हुआ है !  संस्था ऐसे कई पर्यावरणीय प्रेमियो को इस बयां के रहने हेतु चिड़ियाघर व् फीडर उपलब्ध करवाती है ! जो इनके बचाव या पर्यावरण में स्थिरता लाना चाहते है ! यह पक्षी सामाजिक प्राणी है ! जो समूहों में रहता है ! यह अपने जोड़ों के साथ रहता है ! और प्रजनन करता है ! यह हमारे  घरो के आस पास खेतों में और ऐसी जगह आसानी से उपलब्ध हो जाते है ! जहा इनको भोजन प्राप्ति की सुविधा मिल सके यह पक्षी पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने के लिए...

वृक्षारोपण से जुड़ी हमारी दायित्वपूर्ण संवेदनशीलता हमारी जिम्मेदारी

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  पर्यावरण मानवीय आवश्यकताओं की बहुमूल्य धरोहर है और हर मनुष्य को इसकी सुरक्षा व् संधारण करना अतिआवश्यक है वृक्ष हमारे जीवन को प्राण वायु देते है जिस से हमारा जीवन संचालित होता है व् जीवन की आवस्यकताओ की बहुत सी वस्तुओ की प्राप्ति का स्रोत्र भी यही वृक्ष होते है। आज मानव अपने स्वार्थ के लिए धरती से लगातार इसका विदोहन करता जा रहा है। जिस के कारण हर वर्ष तापमान बढ़ रहा है। और उसके फ़लस्वरूव जलवायु परिवर्तन हो रहा है। अगर सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन धरती हमारी वृक्ष विहीन हो जाएगी।   पर्यावरण के इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस धरा पर हर वर्ष पौध वितरण कार्यक्रम किया जाता है। जिस में ग्रामीण जनता को वृक्षों से होने वाले लाभ की अनेको जानकारियां दी जाती है। जिस से हमे जीवनदायनी प्राणवायु , लकड़ी, फल, गोंद, पत्ते, फूल, व् कई प्रकार की औषधीया भी पाई जाती है। यह प्रकर्ति में कार्बनडाइऑक्सइड को खत्म कर ऑक्सीजन का प्रवाह करते है। जो की हमारे जीने के लिए बहुत जरुरी है। प्रकर्ति में वृक्षों का बचाव बेहद जरुरी है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा ...

पर्यावरणीय संरक्षण: गौरैया पक्षी के संरक्षण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का योगदान

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु कई विविध कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं जिससे पर्यावरण और परिस्थितिक से संबंधित सभी मुद्दे शामिल है। इसी विषय पर संस्था द्वारा गौरैया जाति की चिड़िया की संरक्षण हेतु विभिन्न जगहों पर चिड़ियाघर व फिडर लगती है जिसका उद्देश्य लुप्त हो रही इस प्रजाति को बचाना है जिससे पारिस्थितिक तंत्र बना रहे और हमारा आंगन भी चेहकता रहे | पहले हमारे घर, आंगन, ऑफिस, बाग, बगीचे, पेड़ों पर यहां वहां बहुतायत संख्या में पाई जाती थी, परंतु पर्यावरण विनाश, प्रदूषण, इंसानी अतिक्रमण, व रासायनिक सामग्री के बढ़ते प्रयोग से इनकी संख्या लगातार गिरती ही जा रही है। समय रहते हम एक जरा से कार्य से उनका संरक्षण कर उनकी संख्या में वृद्धि करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा इस वर्ष लगभग 180 चिड़ियाघर व उनके खाने की फिडर लगाए गए हैं, जिसमें शहर के सी आर पी एफ स्कूल मुख्य है। कुछ ज्यादा पेड़ पौधे वाली जगह में अगर निवास स्थान और भोजन सहायता उपलब्ध हो जाए तो इनको भोजन की तलाश हेतु दूर नहीं जाना होता और उनके जीवन चक्र पर ...

पर्यावरण संरक्षकों का पोषण करना : राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के शैक्षिक प्रयास

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जिले के हर सरकारी स्कूलों में बच्चों के साथ पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं, जिसमें इस बढ़ती पीढ़ी को पर्यावरण के बारे में एक सामाजिक जागरूक संदेश प्रतिपादित किया जा रहा है कि हमारी प्रकृति में पर्यावरण की कितनी आवश्यकता है। इस कार्यक्रम को और भी अधिक सरल बनाने के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के साथ फोटोग्राफी, निबंध, लेखन, वाद विवाद, पोस्टर, सेल्फी, रैली, चित्रकला प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी व कई माध्यम से और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। संस्था द्वारा कराई गई इन गतिविधियों का प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है जिससे सभी छात्र-छात्राओं द्वारा उत्साह पूर्वक इसमें भाग लिया जाता है। हमारा पर्यावरण कई माननीय कारणों से प्रदूषित हो रहा है जिसमें वृक्षों को काटना, औद्योगिक कचरों का नदियों में बहाना,प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग,पानी का दुरुपयोग, धुएं से वायु प्रदूषण होना, कीट नाशक से मिट्टी की उपजाऊपन  का नष्ट होना, भू क्षरण व कई खतरनाक गैसों के रिसाव से हमारा पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। पर्यावरण जागरूकता का अर्थ ...

ग्रामीण विकास का प्रशांत पथ: वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण

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मेरा नाम देवा गुर्जर है। मैं दौराई में सरपंच के पद पर कार्यरत हूँ यहां पर खेतों की संख्या बहुत अधिक है परंतु वृक्ष बहुत ही कम है सामुदायिक भवन, शमशान भूमि, ग्राम पंचायत व स्कूलों में वृक्षों का अभाव है। यहां वृक्षों की संख्या बिल्कुल नगण्य हैं। ग्राम पंचायत के अनुमोदन पर यहां सभी जगह वृक्ष लगाने का कार्य स्वीकृत किया गया जिसमें अजमेर की राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे इस कार्य में भरपूर सहयोग दिया गया। वह इसे हरा-भरा बनाने हेतु संस्था द्वारा वृक्षों का वितरण भी किया गया। संस्था द्वारा पहले सभी जगह गड्ढे खुदवाए गए क्योंकि जो भी धरती की गर्मी है वह बाहर निकल जाए जिससेे यह पौधे जल न जाए, फिर उसमें गोबर खाद डालकर कुछ दिनों तक यूं ही रख दिया जाता है ताकि सभी तत्व आपस में मिल जाये । उसके बाद ग्रामवासी,नरेगा श्रमिक ,संस्था प्रतिनिधि में जनसेवकों द्वारा हमारे गांव में सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीणों में वृक्षों की देखभाल और पर्यावरण के प्रति लगाव को करवाने हेतु किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिकों...

पेड़ों को गले लगाना: पर्यावरण सदभाव और सामुदायिक कल्याण का मार्ग

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हमारी धरती पर जो पर्यावरण ,प्रकृति ,पेड़ पौधे ,जीव जंतु हैं, वह ब्रह्मांड में कोई और ग्रह पर नहीं है। इसलिए इसकी विशेषता और अधिक बढ़ जाती है। वृक्ष हमारे लिए कई प्रकार से उपयोगी है। इनसे हमें वायु, लकड़ी, फल, औषधि आदि प्राप्त होते हैं। इससे गर्मी का बचाव होता है और भू क्षरण वधूल आदि की समस्या भी बचाव होता है। यह बढ़ते तापक्रम को रोकने में सहायक है और इसकी अधिकता से वर्षा भी अधिक होती है। यह प्रदूषण को नष्ट करने में हमारी सहायता प्रदान करते हैं और प्राण वायु को शुद्ध करने का कार्य भी करते हैं। वक्षों में नाना प्रकार के जीव जंतु पशु पक्षियों का आवास होता है। यह मिट्टी के कटाव की समस्या को भी खत्म करते हैं। इनसे हमारा पारिस्थितिक संतुलन भी बना रहता है और यह मरुस्थलीकरण को भी रोकता है। यह प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं। पेड़ प्रकृति का बहुत बड़ा वरदान है। मेरा नाम अनिल शर्मा है। मैं एक कृषि विज्ञानी हूं और पींसागन के ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं देता हूं हमारे यहां ग्रामीण काश्तकारों को फलदार वृक्षों का वितरण कार्यक्रम राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द...

किचन गार्डन: स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक संकल्प

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की तरफ से बागवानी कार्यक्रम के तहत किचन गार्डन कार्य भी किया जाता है  किचन गार्डन में अपने घर के पिछवाड़े में रसोई के अपशिष्ट जल का उपयोग करके फल और सब्जियां उगाना शामिल है। इसे किचन गार्डन माना जाता है। यह सब्जी उगाने का एक छोटे पैमाने का रूप है। किचन गार्डनिंग से हमें ताजी सब्जियां और हब्सऺ घर पर ही मिल जाती है। इन्हें बाजार से लाने की जरूरत नहीं पड़ती। यह बिना कीटनाशक वाली होती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती है। किचन गार्डनिंग करने से हम प्रकृति में पर्यावरण का पोषण भी करते हैं क्योंकि इससे हरियाली बढ़ती है, पर्यावरण स्वच्छ रहता है। यह कार्य कम खर्च वह बिना रखरखाव के भी पूरा हो जाता है। इसे लगाने हेतु ज्यादा जमीन की आवश्यकता नहीं होती। इससे हमें ऑर्गेनिक फूड मिलता है। हम अपने किचन गार्डन में टमाटर, शिमला मिर्च, लौकी पालक, मैथी, गोभी, बैंगन, पुदीना, धनिया आदि लगा सकते हैं। इसमें बस गमले में मिट्टी डालकर उसमें गोबर खाद और कुछ सूखी पत्तियां डाल दें व खुरपी चलाकर इनमें सब्जी के बीच रोप दें। इसमें इनमें ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होत...