संदेश

समृद्धि लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गरीब काश्तकारों को बीज वितरण कार्यक्रम

चित्र
हमारी धरती पर छाया हुआ हमे जीवन प्रदान करता है। और कृषि हमारा जीवन संचालन करती है। भारत के कृषि प्रधान देश है।  जो पूर्णता मानसून पर निर्भर रहता है यह एक तरह  का मौसमी जुआ है जो यदि समय रहते हो जाये तो अच्छी उपज किसानों को उपलब्ध करवाता है और यदि न हो तो किसानों को गरीबी रेखा तक ले जाता है।  भारत के ग्रामीण भागों में आज भी किसान की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जो पूर्णतया कृषि पर निर्भर रहते है इनकी आय, आमदनी, रोटी, आजीविका सब कुछ यही कृषि होती है। इसी अवस्था को देख राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब को संस्था की और से निशुल्क बीजों का वितरण किया जाता है जो उन्हें पुनः खेती के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करते है। यह उच्च गुणवत्ता के बीज बेहतर उच्च गुणवत्ता वाले होते है।  जो विपरीत अवस्था में भी फूट जाते है।  राज संस्था का उद्देश्य भी यही है की यह गरीब किसान इसकी सहायता प्राप्त उपज से अपनी आजीविका का संचालन कर सकें। यह कार्यक्रम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे किसानों के लिए किया जाता है। यह काम वर्षा, विपरीत मौसमी परिस्थितियों तथा अन्य प्राकतिक क...

शिक्षा और सामाजिक जागरूकता: बालिकाओं को सशक्त बनाने की संस्था की पहल

चित्र
मेरा नाम मुकेश है ! और मैं एक ग्रामीण स्कूल में अद्यापक के पद पर कार्यरत हूँ ! मै पिछले 18 वर्षो से कार्य कर रहा हूँ ! पिछले 5 वर्षो से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा हर वर्ष गरीब, वंचित, बेसहारा, अनाथ, विकलांग, निर्धन, व् जरूरतमंद बालिका को यह संस्था अध्ययन सामग्री व् शिक्षण सम्बन्धी पूर्ण सामग्री इन बालिकाओ को प्रदान की जाती है जिससे यह बिना किसी भेदभाव या संकोच से पढ़ाई कर सकती है ! संस्था हर वर्ष 25 ऐसी बालिकाओ को यह शिक्षण सामग्री दी जाती है जिसमे स्कूल बैग, स्टेशनरी, कॉपी, किताब, जयोमेक्ट्री बॉक्स, कलर सेट, ड्रॉइंग बुक, एग्जामिनेशन बोर्ड, स्कूल ड्रेस, जूते मौजे, स्वेटर, व् जॉकेट, वितरित किये ! जो बालिकाओ को वर्षभर के अध्ययन में भरपूर सहयोग करेगा !  सर्वप्रथम संस्था प्रतिनधि हमारी शाला में आये व् ऐसी बालिकाओ की सूची प्रधानाद्यापक जी से प्राप्त कर डोर टू डोर सर्वे करते है ! जिसमे वो उनकी वास्तविक स्थिति को देखकर उसे दूर करने हेतु अपनी पुस्तिका में इंद्राज करते है व् हर बालिका के सर्वे प्रपत्र पर कुछ सवाल भरे जाते है ! व् उनकी पहचान पत्र, आधार कार्ड प्रति , व् अंक ता...

समृद्धि की दिशा: महिला स्वावलंबन से कृषि तक का सफर

चित्र
मेरा नाम मीरा रावत है और मैं करनौस में रहती हूं। मेरे घर पर दो बच्चे,पति,व सास -ससुर साथ रहते हैं। मैं 12वीं तक पढ़ी हूं। पति पैशे से किसान है और मेरे बच्चे भी पढ़ने जाते हैं। सब कुछ सही चल रहा था परन्तु हमें परेशानी तब हुई जब हमारे कुएं में पानी सूख गया और खेती नहीं होने लगी। धीरे-धीरे घर की स्थिति खराब होने लगी। फिर मेरे पति भी मजदूरी करने लगे। अब केवल वर्षा के समय हम खेती करते हैं और हम एक ही फसल प्राप्त कर पाते हैं। इसके बाद मैंने गांव में जो महिलाएं समूह चलती थी, उसमें अपना नाम लिखवा लिया। मैं हर माह अपनी छोटी-छोटी बचत उस समूह में जमा करवाने लगी। धीरे-धीरे हमारा समूह बढ़ता गया। फिर एक दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आई और उसने हमें समूह के विषय में गहनतम जानकारी दी। व हम महिलाओं को स्वरोजगार के लिए भी बताया जिसमें बचत के द्वारा बहुत सारे स्वरोजगार है जो महिलाएं अपने घर बैठकर कर सकती है, वो हमें बताएं। इसके बाद मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मुर्गी पालन व्यवसाय प्रशिक्षण में अपना नाम लिखवाया। व मुर्गी पालन में अपनी अभिरुचि दिखाते हुए इस कार्य पर गहनता से ध्यान ...