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बदलते भारत में महिलाओं का ब्यूटी पार्लर: विकास और सशक्तिकरण

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हमारा आज का भारत बदलता भारत है। यहां कई विकास की राहें खुली है संसाधन बढ़े हैं नई सोच विकसित हुई है वह आधुनिकता आई है। आज की नई इस दौर में सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहती है कि यही कारण से आज हर जगह महिलाओं का ब्यूटी पार्लर कार्य बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहा है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा युवा महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव नारेली में रखा गया जहां संस्था द्वारा किए गए सर्वे में सभी में उत्साह दिखाते हुए अपना नाम दर्ज करवाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन माह की अवधि का होता है जिसमें महिलाओं को साज श्रृगांर के संबंधित सभी कार्य सिखाए जाते हैं। प्रतिदिन 8 घंटे इसको चलाया जाता है जिसमें 25 से 35 महिला एक समूह बनाकर अपना कार्य करती है। इस कार्यक्रम में कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में सभी को प्रक्रियात्मक रूप से कार्य बताया जाता है जो कि हमारी रुचि में समाहित हो जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटना व सजाना, नाखून काटना, मेहंदी, वैक्सीन, फेस पैक, पेडीक्योर, स्टीम देना, मेकअप, ब्राइडल श्रृंगार, थ्रेडिंग, आईब्रो बनाना, ब्लीच, अनेक

बाधाओं को तोड़ना: उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण संघर्ष से सफलता तक

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 मेरा नाम लाडू कंवर है और मैं पुष्कर के नजदीक डूंगरिया कला गांव में रहती हूं। मैं एक विधवा एकल महिला हूं घर में हालात सही नहीं है | घर के काम के अलावा मैं नरेगा में भी जाती हूं और उसी से अपना भरण पोषण करती हूं। मैं जीवन में कुछ करना चाहती हूं। मगर ज्ञान न होने की वजह से मेरे कदम पुनः पीछे आ जाते हैं। फिर एक दिन हमें पता चला कि गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा महिलाओं के लिए उद्यमिता वह लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जा रहा है, जिसमें महिलाओं को उद्यमिता वह लीडरशिप की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जायेगी | गाँव के नजदीक सामुदायिक भवन में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया | जिसमें गांव की अधिक से अधिक महिलाएं पधारी | कार्यक्रम में संस्था के प्रतिनिधित्व द्वारा भारत के कुटीर उद्योग , हाथ करघा ,उघोग,पशुपालन,बैंकिंग,बचत व कई मुद्दों पर चर्चा की गई और बताया गया। किस तरह हम छोटी पूंजी से भी अपना घरेलू व्यवसाय चालू कर सकते हैं और अपनी आमदनी के स्त्रोत को उत्पन्न कर आर्थिक सशक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता,प्रश्नोत्तरी,भाषण,खेलकूद के माध्यम से विस्