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"निराश्रितों के लिए आशा की किरण: संस्थान का संवेदनशील कार्य"

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इंसानी विवशता, मज़बूरी, लाचारी, गरीबी, उसे अपनी जरुरत पूरी करने में अवरोध उत्पन्न करती है। समाज के ऐसे ही वर्ग जिसमे, गरीब, असहाय, अनाथ, निर्धन, बेसहारा, विकलांग, वृद्व बुजुर्ग, मानसिक रूप से कमजोर, बघिर, विधवा व्  एकल महिलाओं के लिए निशुल्क राशन वितरण किया जाता है जो उनके शरीर को शक्ति देता है और जीवन संचालन में मदद भी करता है। कभी-कभी इंसानी परिस्थितियां इतनी प्रबल हो जाती है की जीवन को आगे दिशा की और गति नहीं दे पाती है ऐसी परिस्थिति में एक असहाय की मदद करना उसके प्राणों की रक्षा करना है यही कार्य समाज में मानवता कहलाता है जो एक मानव होने के नाते यह कार्य करना आवश्यक है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण व् शहरी इन वर्ग को उनकी आवश्यकतानुसार राशन वितरण करती है संस्था ने कई जरुरतमंदो को आगे बढ़ने की प्रेरणा से सदा ओतप्रोत रखा है। मानवीय निराशाएं जीवन में मृत्यु का कारण बनती है ऐसी ही एक एकल महिला को संस्था द्वारा राशन सामग्री दी गई। जिसमे उसको आटा, तेल, दाल, चावल, शक्कर, चायपत्ती, धनिया, मिर्च, नमक, सोयाबीन, चन्ना, मूंग आदि सामग्री दी गई।  जो विभिन्न कष्ट दाय...

प्रशिक्षण के साथ आत्मनिर्भरता: महिलाओं के लिए नई दिशा

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आत्मनिर्भरता जीवन की वो सीढ़ी है जो जीवन में सफलतायें लाती है और आत्मविश्वास को जगाती है एक आत्म  निर्भर व्यक्ति कभी आश्रित नहीं रहता उसका कार्य सदा उसको आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहता है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण महिला युवा शक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु संस्था द्वारा खापरी ग्राम में 90 दिवसीय गारमेंट मेकिंग ट्रेनिंग का शुभांरभ किया गया ! जिसमे लगभग 40 महिलाओं ने भाग लिया ! यह कार्यक्रम ग्राम में पड़े लिखे बेरोजगार महिला शक्ति को प्रोत्साहित करता है जो प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकती है और जीवन में अपनी आय बढ़ा सकती है !  संस्था द्वारा यह कार्य प्रक्रियात्मक रूप से पूर्ण किया जाता है जिसमे सर्वप्रथम जो इस कार्यक्रम के लिए इच्छुक महिलायें है उन्हें चिन्हित किया जाता है फिर घर जाकर उनके परिवार के साथ विचार विमर्श कर उन्हें प्राथमिक तालिका में अंकित कर दिया जाता जाता है प्रशिक्षण प्रारम्भ होने पर जो  भी  महिला  शक्ति  तालिका के क्रम के अनुसार यथावत रहती है उसे प्रशिणार्थी मान कर प्रशिक्षण शिविर ...

"उद्यमिता कौशल विकास : सपनों को हकीकत में बदलना

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जीवन में सपने हर कोई देखता है पर अनायास जीवन में अपने सपनों पर पंख लग जाना जीवन में वो परिवर्तन ला देता है जो हम कभी इस बारे में सोच नहीं सकते है ! महिलाओ का जीवन घरेलु अवस्था रूपी ही होता है पर यदि कोई कार्य में सलंग्न हो जाये तो अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत कर सकती है और परिवार में आर्थिक संचालन में अपना सहयोग कर सकती है ! इसी विषय में हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा ग्रामीण महिलाओ के साथ उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम करवाया गया जिसमे लगभग 150 महिलाओ ने भाग लिया ! उद्यमिता विकास कार्यक्रम औद्योगिकीकरण का एक अस्त्र है तथा उद्यमिता के विकास में आने वाली बाधाओं एवं समस्याओ का समाधान करता है परियोजना का कुशलतापूर्वक संगठन एवं सचालन करने के लिए प्राथमिक प्रबंधीय चातुर्य को प्राप्त करना है !  मेरा नाम पिंकी चौधरी है मैं एक ग्रामीण महिला हूँ ! जो अपने घरेलु कार्यों में सलग्न रहती हूँ इसके अलावा मैं स्वयं का ब्यूटी पार्लर का कार्य खोलना चाहती हूँ इसकी प्रेरणा मुझे राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन के द्वारा 1 दिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम से प्राप्त हुई ! वास्तव मे...

"फलदार पौधों के वितरण से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान पर्यावरण संरक्षण  और ग्रामीण कास्तकार के आर्थिक विकास व् पर्यावरण प्रदत उपयोगी फलदार पौधो का वितरण कर इस पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देती है ! और इस प्रेरणा  को सभी के सामने लेकर आती है ताकि अन्य लोग भी हमारे  पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग प्रदान करें ! संस्था द्वारा ग्रामीण भागों के ऐसे निर्धन काश्तकारों के साथ यह कार्य किया जाता है ! जिसमे उनकी स्थिति व् परिस्थिति को जान कर वर्षा ऋतु के आस पास उन्हें विभिन्न प्रकार के फल दार पौधे दिए जाते है ! जिनको वे अपने घरो के आस पास या फिर बागान में लगाकर उसकी देखभाल कर सकते है ! और बाद में उनसे प्राप्त उपज अपने आर्थिक कार्य में भी ले सकते है  संस्था का उद्देश्य मात्र गरीब काश्तकारों को लाभ न दिलाते हुए इस पर्यावरण को संरक्षित करना है ! आज इस बढ़ते युग में जैसे वृक्षो का हनन हो रहा है यदि ऐसे ही लगातार चलता रहा तो निश्चित एक दिन ये धरा वृक्ष विहीन हो जाएगी ! और इस संसार में समस्त जीवों का नाश हो जायेगा ! इसे बचने की पहल मानव को ही करनी होगी ! यह मानवीय कार्य हमारी आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा ज...

"उद्यमिता विकास से ग्रामीण जीवन में सुधार: संस्थान की एक अनूठी पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम"

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  स्वरोजगार एवं उद्यमिता विकास के माध्यम से आर्थिक स्वत्रंता सवर्धन  हेतु भारत सरकार स्वयं सहायता समूहों का प्रावधान किया है यह ऐसा कार्यक्रम है जिसका उदेश्य क्षमता वर्धन कर लोगों में उद्यमशीलता को प्रबल रूप से बढ़ाना है। या हम कहे उसके श्रेष्ठम कौशल को बढ़ाना, विकसित करना और उसे निखारना है स्वयं सहायता समूह लोगो के छोटे समूह है जिसमें मुख्य रूप से महिलाये है जो ग्रामीण परिवेश में रहती है और पैसे बचाने और एक दूसरे को ऋण प्रदान करने के लिए साथ आते है।  वे उदेश्य , राशि, ब्याज दर, पुनःभुगतान सहित बचत और ऋण गतिविधियों पर एक साथ निर्णय लेते है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्वयं सहायता समूहो का 1 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम रखा गया है जो उनमें बचत करने के अवसरों को आगे की और ले जायेगा ! और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उनकी सहायता प्रदान करेगा।  उद्यमिता का अर्थ है बदलाव की तलाश करना , उसका जवाब देना और उसका दोहन करना।  उद्यमी वह होता है जो जोखिम को समझते हुए लाभ की उम्मीद में व्यवसाय स्थापित करता है उद्यमिता का प्राथमिक उदेश्य बेहतर वित्तीय ...

"समाजिक बदलाव की नींव: महिलाओं के लिए उद्यमिता प्रशिक्षण"

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मेरा नाम केसर सिंह है मैं जालिया गांव का सरपंच हूँ वर्तमान में हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा गांव में महिलाओं के साथ जीवन कौशल व् उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ! जिसमे गांव की लगभग 350 महिलाओं ने भाग लिया ! इस कार्यक्रम में महिलाओं से संबंधित कार्यो के बारे में पूछा गया और लघु व् कुटीर उद्योगो के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया ! जीवन का अपने कार्य से कैसे हम कुशल संचालन करे और उसके लिए किन बातों की आवश्यकता होती है इन बातों पर चर्चाये की गई ! साथ ही ग्रामीण परिवेश में किस किस प्रकार के लघु व् कुटीर उद्योगो के जरिये महिलाये अपनी आर्थिक गतिविधियाँ संचालित करती है उस विषय पर विभिन्न माध्यमो से इन्हे अवगत करवाया गया !  जीवन का चहुँमुखी विकास तभी संभव होगा जब परिवार का हर सदस्य आर्थिक गतिविधि कार्य में निहित हो और उसका समय समय पर ध्यान रखता हो ,घर में मात्र एक जाने के कमाने से सभी घरेलु खर्च पूर्ण नहीं हो पाते है ! अंत जीवन रूपी इस गाड़ी का अपने सभी पहियों पर बराबर चलना बहुत जरुरी है ! आज भी हमारे ग्रामीण इलाको में स्त्री का घर से निकलना अच्छा नही...

आर्थिक स्वतंत्रता की ओर : ग्रामीण महिलाओं का विकास और सशक्तिकरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा चलाये जा रहे 90 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का गंगवाना में भव्य समापन किया गया ! जिसमे संस्थान के प्रतिनिधि व् सभी प्रशिणार्थीयो , सरपंच व् गांव के गणमान्य नागरिको ने इस कार्यक्रम में शिरकत की गई ! ग्रामीण महिलाओ को सशक्त बनाना व् आर्थिक गतिविधि से मजबूती प्रदान करने में यह प्रशिक्षण एक मील का पत्थर साबित होता है ! इस 90 दिवसीय कार्यक्रम में संस्था के मास्टर ट्रेनर द्वारा उनको सिलाई सम्बन्धी सभी कार्य बेहद सरलता पूर्वक तरीके से समझाए व् बताये जाते है ! जिससे उनको कार्य करने में कोई परेशानी या असुविधा न हो सके! इस पुरे कार्यक्रम में महिला प्रशिणार्थी द्वारा रूचिप्रद तरीके से कार्य किया   व्साथ ही इस ग्राम में अपनी निपुणता भी दिखाई ! घर रहकर भी सुविधाजनक तरीके से यह कार्य महिलाये कर सकती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का उदेश्य महिला सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान करने है ! व् साथ ही ग्रामीण महिलाओ के उस परम्परागत जीवन में बदलाव लेकर उसको किसी भी आर्थिक गतिविधि से जोड़ना है ! जो उसे सफल और सक्षम बना सके और यह भी अपने परिवार संचालन में स्...

बदलते भारत में महिलाओं का ब्यूटी पार्लर: विकास और सशक्तिकरण

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हमारा आज का भारत बदलता भारत है। यहां कई विकास की राहें खुली है संसाधन बढ़े हैं नई सोच विकसित हुई है वह आधुनिकता आई है। आज की नई इस दौर में सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहती है कि यही कारण से आज हर जगह महिलाओं का ब्यूटी पार्लर कार्य बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहा है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा युवा महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव नारेली में रखा गया जहां संस्था द्वारा किए गए सर्वे में सभी में उत्साह दिखाते हुए अपना नाम दर्ज करवाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन माह की अवधि का होता है जिसमें महिलाओं को साज श्रृगांर के संबंधित सभी कार्य सिखाए जाते हैं। प्रतिदिन 8 घंटे इसको चलाया जाता है जिसमें 25 से 35 महिला एक समूह बनाकर अपना कार्य करती है। इस कार्यक्रम में कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में सभी को प्रक्रियात्मक रूप से कार्य बताया जाता है जो कि हमारी रुचि में समाहित हो जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटना व सजाना, नाखून काटना, मेहंदी, वैक्सीन, फेस पैक, पेडीक्योर, स्टीम देना, मेकअप, ब्राइडल श्रृंगार, थ्रेडिंग, आईब्रो बनाना, ब्लीच, अनेक ...

बाधाओं को तोड़ना: उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण संघर्ष से सफलता तक

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 मेरा नाम लाडू कंवर है और मैं पुष्कर के नजदीक डूंगरिया कला गांव में रहती हूं। मैं एक विधवा एकल महिला हूं घर में हालात सही नहीं है | घर के काम के अलावा मैं नरेगा में भी जाती हूं और उसी से अपना भरण पोषण करती हूं। मैं जीवन में कुछ करना चाहती हूं। मगर ज्ञान न होने की वजह से मेरे कदम पुनः पीछे आ जाते हैं। फिर एक दिन हमें पता चला कि गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा महिलाओं के लिए उद्यमिता वह लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जा रहा है, जिसमें महिलाओं को उद्यमिता वह लीडरशिप की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जायेगी | गाँव के नजदीक सामुदायिक भवन में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया | जिसमें गांव की अधिक से अधिक महिलाएं पधारी | कार्यक्रम में संस्था के प्रतिनिधित्व द्वारा भारत के कुटीर उद्योग , हाथ करघा ,उघोग,पशुपालन,बैंकिंग,बचत व कई मुद्दों पर चर्चा की गई और बताया गया। किस तरह हम छोटी पूंजी से भी अपना घरेलू व्यवसाय चालू कर सकते हैं और अपनी आमदनी के स्त्रोत को उत्पन्न कर आर्थिक सशक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता,प्रश्नोत्तरी,भाषण,खेलकूद के माध्यम से ...