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गरीब किसानों को खाद एवं बीज वितरण: आत्मनिर्भर खेती की ओर एक सार्थक पहल

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आरएसकेएस इंडिया (RSKS India) द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और जरूरतमंद किसानों को खाद एवं बीज वितरण का कार्य एक सराहनीय पहल के रूप में किया गया। यह कार्यक्रम संस्था के सामाजिक उत्तरदायित्व और ग्रामीण विकास की भावना को दर्शाता है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी खेती को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई। बीज और खाद जैसे कृषि संसाधन खेती की बुनियादी ज़रूरतें हैं, जिनकी अनुपलब्धता से छोटे किसान अक्सर पीछे रह जाते हैं। इस कार्यक्रम के तहत चयनित गाँवों में आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की पहचान की गई और उन्हें उनकी ज़रूरत के अनुसार उन्नत किस्म के बीज, जैविक एवं रासायनिक खाद उपलब्ध कराए गए। वितरण कार्यक्रम को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया गया, जिसमें संस्था के पदाधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीण समुदाय के सदस्यों की भी सहभागिता रही। किसानों को केवल संसाधन ही नहीं दिए गए, बल्कि उन्हें बीज बोने की विधि, खाद के संतुलित उपयोग और आधुनिक खेती के तरीकों के बारे में भी मार्गदर्शन प्रदान किया गया। इस पहल से न केवल किसानों क...

"उन्नत बीजों से बदलती तक़दीर: ग्रामीण असक्षम महिलाओं की नई शुरुआत"

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भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक महिलाएँ आज भी सीमित संसाधनों और आर्थिक असक्षमता के कारण कृषि कार्य में पिछड़ जाती हैं। इनके पास ज़मीन तो होती है, पर सही जानकारी, उन्नत तकनीक और बेहतर बीजों की कमी के कारण वे अपनी ज़मीन का पूरा लाभ नहीं उठा पातीं। ऐसे में जब किसी संस्था या सरकारी योजना के माध्यम से उन्हें उन्नत बीज प्रदान किए जाते हैं, तो यह उनके जीवन में एक नई उम्मीद की किरण बनकर आता है। यह केवल बीज नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला कदम होता है। ऐसी ही एक कहानी है एक ग्रामीण असक्षम महिला की, जिसे एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा उन्नत बीज दिए गए। पहले वह अपने छोटे से खेत में पारंपरिक बीजों से बहुत ही कम पैदावार ले पाती थीं, जिससे घर की जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती थीं। लेकिन उन्नत बीज मिलने के बाद उन्होंने नई तकनीक से खेती करना शुरू किया। समय पर सिंचाई, जैविक खाद और संस्था द्वारा दी गई मार्गदर्शन से उनकी फसल न केवल अच्छी हुई, बल्कि बाज़ार में अच्छे दामों में बिकी। इससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और वह अपने परिवार को बेहतर जीवन देने में सक्षम हो सकीं। अब वह अपने अनुभव गाँव क...

समाजिक परिवर्तन: कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता

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 कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी है क्योंकि कन्या भ्रूण हत्या इसी तरह जारी रही तो 1 दिन हम अपना परिवार,समाज,व अपनी नस्ल तक को खो देंगे। जिस दिन हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप रुक जाएगी। लैंगिक समानता सिर्फ समान प्रतिनिधित्व से कई अधिक है। यह महिलाओं के अधिकारों के दृढ़ता से जुड़ी हुई जुड़ी हुई है | अशिक्षा,गरीबी व पुराने रीति -रिवाज इसका मुख्य कारण है। यह जरूरी है महिला और पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हो। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इसको देखते हुए बालिकाओं से संबंधित हमारे यहाँ कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं। जैसे बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ,शिक्षा हर बालिका का अधिकार,कन्या विवाह कार्यक्रम,बालिका शिक्षा हेतु शिक्षण सामग्री वितरण, महिला कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करना, उद्यमिता व लीडरशिप कार्यक्रम करना, स्वरोजगार प्रशिक्षण,छात्रवृत्ति प्रदान करना, स्वास्थ्य हेतु हाइजीन बनाना,विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम करना, लिंग समानता आधारित हिंसा रोकना इत्यादि काम संस्था के द्वारा किये जाते हैं | हमारा समाज आज...