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सुगम्यता को सशक्त बनाना : दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन परिवहन सुविधाएं

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दिव्यांगजन अपनी विकलांगता के कारण कहीं आवागमन नहीं कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस असमर्थकता से वह सभी बहुत विवश हो जाते हैं। समाज में निवासित ऐसे लोगों की मदद के लिए सरकार व संस्थाएं कई प्रयास में कार्य कर रही है जिसके तहत उनको पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करवाई जाए। जिसके लिए वो हकदार है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इसी संन्दभऺ में विकलांगों के बस पास और रेल पास बनवा कर उन्हें आवागमन की सुविधा और रियायतें दिलवाती है। उसके लिए कुछ ही दस्तावेज की आवश्यकता होती है जैसे रियायत प्रमाण पत्र,विकलांगता प्रमाण पत्र,आयु प्रमाण पत्र,आधार प्रमाण पत्र, पत्ते का सबूत पासपोर्ट साइज फोटो, इन सभी के द्वारा आनलाईन आवेदन कर सकते हैं | ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्रहीन, निशक्तजन, विकलांग, वरिष्ठ नागरिकों और स्वतंत्रता सेनानियों को रोडवेज व रेलवे पास के लिए अब जाना नहीं पड़ेगा। यह सुविधा अब ऑनलाइन हो गई है। प्रत्येक मूक व बधिर व्यक्ति के साथ यात्रा करने वाले मार्गरक्षीको को एकल यात्रा टिकट में सीजन टिकट पर वही रियायत देय है। इसमें 40 परसेंट विकलांगता या उससे अधिक दिव्यांकत

स्वतंत्रता की ओर बढ़ना: विकलांगता सशक्तिकरण के साथ मेरा अनुभव

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विकलांगता का एक अभिशाप नहीं अपितु एक शारीरिक विकलांगता है जो किसी अंग के काम न करने की वजह से होती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा विकलांगता को दूर करने हेतु कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिसमें उन व्यक्तियों को ट्राई साइकिल वितरण हेतु आवेदन पत्र भरकर उन्हें दिलवाने का कार्य करना भी इसमें शामिल है जो शारीरिक रूप से आवागमन नहीं कर सकते, जिन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे दिव्यांगों का सशक्तिकरण होता है। इस ट्राई साइकिल को प्राप्त करने हेतु आवेदक के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध होने चाहिए। जैसे 1- दिव्यांगता प्रमाण पत्र 2-पासपोर्ट साइज फोटो 3-आवेदक का स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर 4-वर्तमान में शिक्षण संस्थान का दिव्यांग प्रमाण पत्र 5- बैंक पासबुक की छाया प्रति 6- जाति प्रमाण पत्र 7-आधार प्रमाण पत्र 8- स्थाई निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। यह सभी दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर भर सकते हैं। इसके बाद विभागीय जांच के बाद उन्हें ट्राई साइकिल मिल जाएगी। मेरा नाम गिरधारी लाल है। मैं जन्म से दोनों पैरों से विकलांग हूं। वह कहीं आ जा नहीं सकता। इसके लिए किसी का सहारा लेना पड़ता है। मैं अभी कक्षा