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बच्चों को शारीरिक सुरक्षा और आत्म-संरक्षण के बारे में जागरूकता"

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हमारी इंसानी प्रवर्ति में बहुत सारे अहसास छुपे होते है जो कभी दिखाई नहीं देते है परन्तु उन अहसासों को हम महसूस अवश्य कर सकते है कुछ अहसास या शारारिक स्पर्श सकारात्मक होते है जबकि कुछ नकारात्मक प्रभाव वाले होते है वहां व्यक्ति की प्रवृति व् नियत का हमे पता चलता है ! कोई व्यक्ति आपके शरीर के उस हिस्से को छूता है जहां आप नहीं चाहते की कोई उसे छुये तो वह बुरा स्पर्श कहलाता है ! और यदि कोई आपको टच करता है और आपको अच्छा लगता है या स्नेह की अनुभूति का अहसास होता है तो यह गुड टच कहलाता है हमारे समाज में बढ़ती उम्र की  स्ट्रीट, झुग्गी झोपडी, निचली बस्तियों के बच्चों यह ज्ञान देना अति आवश्यक है ताकि वह अपनी सुरक्षा को समझे और इसे पूरा करें !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष हजारों स्कूली बालिकाओं के साथ गुड टच बेड टच का कार्यक्रम किया जाता है जिससे उनको विभिन्न तरह से शारारिक स्पर्श के माध्यम से अच्छे व् बुरे स्पर्श के माध्यम से अच्छे व् बुरे स्पर्श का ज्ञान प्रदत किया जाता है ! बालिका के बढ़ते शरीर व् उम्र के साथ ही माता -पिता व् शिक्षक के द्वारा यह जानकारियां प्रारंभ ...

जल की शक्ति और जिम्मेदारी: स्कूली गतिविधियों और जागरूकता का महत्व

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मेरा नाम मुकेश चौधरी है ! मैं अजमेर के पास एक सरकारी स्कूल में टीचर हूँ  ! व् स्कूल में विज्ञान पढ़ाता हूँ ! जो यथार्थ को सर्वोत्तम स्थान देती है ! ऐसे मिथक जो समाज को गुमराह करते है ! उन सभी का जवाब विज्ञान के पास होता है ! हमारे देश, दुनिया, में बहुत सारे मुद्दे चल रहे है ऐसा ही एक मुद्दा है ! जो वर्तमान में चिंता का विषय है ! वह जल है ! जल की हमारे जीवन में क्या अहमियत है ! यह बात सभी को पता है ! मानव शरीर का निर्माण 65 / जल से बना होता है ! हम बिना भोजन किये तो कई दिनों तक रह सकते है ! परन्तु जल के बिना जीना संभव नहीं होगा ! पानी हमारे जीवन के हर कामों में अति आवश्यक है ! जो हमारी दैनिक पूर्ति को पूरा करता है !  इसी विषय को लेकर हमारे स्कूल प्रागण में अजमेर की राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा स्कूली बच्चों के साथ जल जागरूकता कार्यक्रम किया जिसमे सभी को जल के प्रति जागरूक करने की बात बताई गई ! संस्था ने बताया हमें किस तरह जल का मितव्यता के साथ उपयोग करना चाहिये , उसको प्रदूषित होने से बचाना चाहिये ,वृक्षारोपण कर उसके संचय होने पर ध्यान देना चाहिये व् वर्षा के जल को व्य...