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घुमन्तु परिवारों के साथ मेक ए विश कार्यक्रम ( बारिश से बचाव )

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्लम व् झुग्गी झोपडी व् निचली बस्तियों में संस्था प्रतिनिधियों ने गरीब बच्चो व् परिवार जनो के साथ मेक ए वीश कार्यक्रम किया गया ! जिसमे एरिया के सभी बच्चों के साथ बारिश में हमे हमारे शरीर का कैसे बचाव करना चाहिये क्योकि वर्षा में भीगने के कारण हमे सर्दी जुखाम, बुखार, हाथ पैर दर्द, पेट की परेशानी व् कई और समस्याएं भी हो जाती है ! ज्यादा पानी भराव क्ष्रेत्र में हमे संभलकर रहना चाहिए इसमें फिसलन बढ़ जाती है और पानी से खतरा उत्पन्न हो सकता है बिजली के पोल वाले स्थानों से भी दूर रहना चाहिये क्योकि बिजली से करट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है !  सर्वप्रथम इस कार्यक्रम में बच्चों को शामिल किया जाता है गरीब तबके के बच्चों के पास हर वस्तु का अभाव होता है इसलिए संस्था द्वारा बारिश से बचाव हेतु बच्चों को जूते मौजे का वितरण किया गया ! जिसको पहनकर वे अपने नंगे पैर व् शरीर का इस बारिश से बचाव करेंगे और अपने शरीर को स्वस्थ्य रख सकेंगे ! समय समय पर इन बच्चों को इनकी आवश्यक्तानुसार जरूरत की सभी वस्तुएं प्रदान की जाती है ताकि इनको भी लगे हम भी दूसरे बच्चो जैसे ही है ! उन बच

बदलते भारत में महिलाओं का ब्यूटी पार्लर: विकास और सशक्तिकरण

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हमारा आज का भारत बदलता भारत है। यहां कई विकास की राहें खुली है संसाधन बढ़े हैं नई सोच विकसित हुई है वह आधुनिकता आई है। आज की नई इस दौर में सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहती है कि यही कारण से आज हर जगह महिलाओं का ब्यूटी पार्लर कार्य बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहा है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा युवा महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव नारेली में रखा गया जहां संस्था द्वारा किए गए सर्वे में सभी में उत्साह दिखाते हुए अपना नाम दर्ज करवाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन माह की अवधि का होता है जिसमें महिलाओं को साज श्रृगांर के संबंधित सभी कार्य सिखाए जाते हैं। प्रतिदिन 8 घंटे इसको चलाया जाता है जिसमें 25 से 35 महिला एक समूह बनाकर अपना कार्य करती है। इस कार्यक्रम में कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में सभी को प्रक्रियात्मक रूप से कार्य बताया जाता है जो कि हमारी रुचि में समाहित हो जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटना व सजाना, नाखून काटना, मेहंदी, वैक्सीन, फेस पैक, पेडीक्योर, स्टीम देना, मेकअप, ब्राइडल श्रृंगार, थ्रेडिंग, आईब्रो बनाना, ब्लीच, अनेक

भविष्य का निर्माण: बच्चों में अनुशासन और संस्कृति का पोषण

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  बच्चे आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं। यह देश की भावी पीढ़ी को अगर हम अनुशासन व संस्कार नहीं सिखाएंगे तो यह पथ भम्रित हो जाएंगे और अपना जीवन नष्ट कर लेंगे। अच्छे लक्ष्य प्राप्ति के लिए जीवन में अनुशासन में संस्कारों का होना अति आवश्यक है। यह अनवरत प्रक्रिया है जिसमें जीवन के समस्त क्रियाकलाप समाहित होते हैं। इन शिविरों में माध्यम से बच्चों की आंतरिक कला को निखारा जाता है और उनमें अच्छे संस्कार विकसित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य उनके जीवन का सर्वाधिक विकास करना है। उन्हें अपनी भाषा, आचरण, रीति रिवाज, संस्कारों के बारे में बताया जाता है। स्थिर रहने की एकाग्रता बढ़ती है। बुद्धि का विकास होता है और अच्छी सोच हमारी आदतों को विकसित करती है। यह शारीरिक भी होते हैं और मानसिक भी | संस्कार ही जीवन का आधार और मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। संस्कार से ही चरित्र निर्माण होता है। इनके द्वारा ही व्यक्ति क्रियात्मक व रचनात्मक बनता है। संस्कारों का ना होना पतन का मुख्य कारण होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के नेतृत्व में शहर की झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट बच्चों के साथ लगभग 12 स्थानों प

सामाजिक न्याय की दिशा में - निराश्रित और निशक्त व्यक्तियों के लिए सहायता

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गांव-गांव में निशक्त,असहाय, विकलांग, अपाहिज, नेत्रहीन, बेसहारा, विधवा महिलाऐं, कुष्ठ रोगियों व गरीब निराश्रित व्यक्तियों के लिए बहुत सारे कार्य किए जाते हैं जो समाज में माननीय सेवा को दर्शाता है। इस वर्ग में सभी लोगों को किसी न किसी मदद या आवश्यकता की जरूरत है। किसी के लिए किया गया एक छोटा सा कार्य उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उन्हें नई राहें अग्रसर करता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा इस कार्य को बेहद रूचि पूर्ण तरीके से पूर्ण किया जाता है जिसमें इन वर्ग के लोगों का पहले सर्वे किया जाता है। फिर इनको क्रमबद्ध तरीके से रखकर उनकी आवश्यकताओं की जानकारियां ली जाती है और उनकी मदद की जाती है। संस्था द्वारा अभी तक 367 दिव्यांग लोगों के साथ मिलकर उनके कई दस्तावेज पूर्ण करवाये जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, पहचान पत्र, भामाशाह कार्ड, आरोग्य कार्ड, जन आधार कार्ड, विकलांगता प्रमाण पत्र आदि बनवाए गए हैं। संस्था ने सर्वे के दौरान पाया ऐसे बहुत से दिव्यांग है जिनके पास मूलभूत कागजात भी उपलब्ध नहीं है। इसके ना होने से उनको जरूरत के हिसाब से मिलने

सुगम्यता को सशक्त बनाना : दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन परिवहन सुविधाएं

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दिव्यांगजन अपनी विकलांगता के कारण कहीं आवागमन नहीं कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस असमर्थकता से वह सभी बहुत विवश हो जाते हैं। समाज में निवासित ऐसे लोगों की मदद के लिए सरकार व संस्थाएं कई प्रयास में कार्य कर रही है जिसके तहत उनको पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करवाई जाए। जिसके लिए वो हकदार है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इसी संन्दभऺ में विकलांगों के बस पास और रेल पास बनवा कर उन्हें आवागमन की सुविधा और रियायतें दिलवाती है। उसके लिए कुछ ही दस्तावेज की आवश्यकता होती है जैसे रियायत प्रमाण पत्र,विकलांगता प्रमाण पत्र,आयु प्रमाण पत्र,आधार प्रमाण पत्र, पत्ते का सबूत पासपोर्ट साइज फोटो, इन सभी के द्वारा आनलाईन आवेदन कर सकते हैं | ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्रहीन, निशक्तजन, विकलांग, वरिष्ठ नागरिकों और स्वतंत्रता सेनानियों को रोडवेज व रेलवे पास के लिए अब जाना नहीं पड़ेगा। यह सुविधा अब ऑनलाइन हो गई है। प्रत्येक मूक व बधिर व्यक्ति के साथ यात्रा करने वाले मार्गरक्षीको को एकल यात्रा टिकट में सीजन टिकट पर वही रियायत देय है। इसमें 40 परसेंट विकलांगता या उससे अधिक दिव्यांकत

वंचितों का उत्थान - आशा और सम्मान के माध्यम से कमज़ोर समुदायों को सशक्त बनाना

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मेरा नाम भेरूलाल है और मैं बहुत गरीब और विकलांग व्यक्ति हूं। मेरे घर में मेरी मां मेरे साथ रहती है। वह भी काफी बुजुर्ग है। इस असमर्थता के कारण हमारी माली हालत बहुत ही खराब है। कुछ छोटा मोटा कार्य करके हम जैसे तैसे गुजारा कर लेते हैं। मेरी इस स्थिति को मैंने अपने सरपंच के सम्मुख रखा। फिर उन्होंने बताया कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गरीब, अपाहिज़, विकलांग,निराश्रित,विधवा महिलाओं को संस्था की तरफ से रसोई खाद्यान्न हेतु राशन सामग्री वितरण किया जाऐगा जिसको प्राप्त करने पर उनको कुछ सहायता मिलेगी। यह गांव के उन सभी व्यक्तियों को मिलेगा जिनको वास्तव में इसकी बहुत जरूरत है। इस बात को सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा हमारे गांव में सर्वे करने आई जिसमें मैंने अपना नाम लिखवाया जिसके लिये उन्होंने राशन कार्ड व आधार कार्ड की प्रति मांगी। उसके कुछ दिनों बाद ग्राम पंचायत पर हम सभी  असहाय, निशक्त, बेसहारा, विकलांग, अपाहिज, व गरीब व्यक्तियों को राशन सामग्री का वितरण किया गया, जिसमें सभी को आटा, दाल, चावल, खाद्यान्न तेल, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया,