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"सुरक्षित बचपन: शारीरिक स्पर्श और बच्चों के अधिकार"

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शारारिक स्पर्श वो अहसास है जो सामने वाले के मन का भाव प्रदर्शित करता है ! परिवार वालो का बच्चो के प्रति स्पर्श उनको प्यार और एक सीख देता है जबकि किसी अन्य बाहरी व्यक्ति का यकायक आपको छूना उसकी निर्लज्ज मानसिकता को दर्शाता है ! बच्चों के साथ हो रही ज्यायती इनको हीं भावना की और ले जाती है यह मानसिकता कभी कभी उनकी दुर्दशा का शिकार हो जाती है ! इसी क्रम में संस्था ग्रामीण स्कूली छात्राओं, झुग्गी झोपड़ी के बच्चों , स्लम एरिया के बच्चों व् निर्धन बच्चों के साथ यह कार्यक्रम क्रियान्वित करती है ! जिसमे किसी व्यक्ति के हाथों से शारारिक स्पर्श करने की अवस्था को समझाया जाता है ! जो सही है या नहीं ये बालिग और नाबालिग दोनों के लिए बहुत जरुरी है ! यदि कोई आपको स्पर्श करे और वह स्पर्श आपको अच्छा लगे तो यह गुड टच कहलाया जाता है ! जैसे सर पर हाथ रखना , आदर सहित हाथ मिलाना आदि है जबकि अगर कोई आपको ऐसे टच करे की आपको वह स्पर्श बुरा लगे तो वह बेड टच कहलाया जाता है ! बच्चों को यह बात बताई जाती है की शरीर के किस किस अंगो पर गुड टच होता है व् किस अंग पर छुये तो वह बेड टच होता है बच्चो को इस बात के लिए विरोध ...

"स्वच्छता और शिक्षा: समाज के सर्वांगीण विकास की कुंजी"

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हम चाँद पर कदम रख चुके है और मंगल पर जाने  का अभियान बना रहे है एक और देश दुनिया में आगे की और तरक्की कर रहा है तो दूसरी और कुछ पिछड़ी सोच ,विचार धाराएँ , पिछड़े समाज की मानसिकता , कुरीतियाँ ,गरीबी, अशिक्षा देखने को मिलती है जो समाज में असमानता उत्पन करती है जो देश और प्रकर्ति में बाधक होती है और इस वजह से समाज में उसका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है ! हमे शिक्षा का पूर्ण प्रसार करना होगा तभी इस सोच के नकारात्मक पहलुओं को हम बदल सकते है और समाज में समानता के भाव को पुनः स्थापित कर सकते है ! आज भी कहीं न कहीं स्त्री और पुरुषों के कार्यों में असमानता , शिक्षा, माहौल आदि में भिन्नता मिलती है जब उस मालिक ने हमको एक सामान बनाया है तो फिर समाज में भिन्नता क्यों व्याप्त है ! संस्था द्वारा अजमेर के ग्रामीण गरीब बस्ती ,स्लम एरिया , झुग्गी झोपड़ी के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया जाता है ! संस्था अमीर गरीब , छोटा बड़ा , स्त्री पुरुष आदि में भिन्नता नहीं रखती है ! सभी सामान रूप से समाज के कार्यो को सम्पादित करे ! कभी कभी असमानता के इस स्तर में कई वो प्रतिभाएं होती है जो समाज में उजागर नहीं होती है...