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सामाजिक उत्थान की दिशा में: राजस्थान में ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण और जीवन कौशल विकास

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रा जस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर दवारा ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है जिस में लगभग 35 युवतिया भाग ले रही है। इस कार्यक्रम के भी  अलावा उनको जीवन सम्बन्धी कई मुद्दों पर चर्चाये व कार्यक्रम किया जाता है। जीवन शिक्षा उन्हें बढ़ने और विकसित होने के साथ किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। इसमें निर्णय लेने की प्रकिया में मुद्दों को पहचाना  ,आकड़े एकत्र करना, संभावित कार्यवाही के तरीके तैयार करना , विकल्पों का मूल्यांकन करना और सोच समझ कर निर्णय लेना शामिल है। जीवन कौशल विकास कार्य का मार्ग है।  जीवन कौशल शिक्षा ,किशोरियों के सकारात्मक सामाजिक व् मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी मनोसामाजिक हस्तक्षेप रणनीति पाई गई है। जो मुकाबला करने की रणनीतियो को मजबूत करने और आत्मविश्वास व् भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करने जैसे सभी पहलुओ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जीवन कौशल युवाओ में जीवन की वास्तविकताओ का सामना करने के लिए मानसिक  स्वास्थ्य एवं क्षमता को प्रोत्साहित करते है। इस मई हमें आत्मसम्मान, जागरूकता, सहानभूति, महत्वपू...

संस्कार शिक्षा व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम

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शि क्षा मानव व्यवहार परिवर्तन करने का सबसे बड़ा अंग है। शिक्षा से ही ज्ञान, कर्म, श्रद्धा प्राप्त होती है। जो उनके जीवन में बदलाव लाती  है। शिक्षा जीवन  का अनमोल उपहार है। जो वयक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है। और संस्कार जीवन का सार है। अगर आपके संस्कार सही है तो आपकी शिक्षा भी सही दिशा में जाएगी हमारा दायित्व है समाज की इस बढ़ती युवा पीढ़ी को सही मार्ग दिखाए। ताकि आने कल अच्छा हो , स्कूल में शिक्षा व् घर पर संस्कारो को लेकर उनके साथ रोजाना बातचीत की जाये तो बच्चे स्वयं ही नैतिक मूल्य व् संस्कारो के प्रति सजग रहेंगे। जिस से हमारा दायित्व भी पूरा हो जायेगा।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा सहर के स्लम भागो में , झुगी - झोपड़ियों इलाके , कच्ची बस्तियों में गरीब बच्चो के साथ संस्कार शिक्षा व् व्यवहार परिवर्तन पर कार्यक्रम में साँप - सीढ़ी गेम के माध्यम से इस विषये पर बच्चो को पूर्ण जानकारियाँ दी जाती है। जिस से उनका मानसिक विकास बढ़े। और उनकी बौद्धिक समताये भी विकसित हो सके। यह नैतिक विकास करता है व् हमारी सोच में सही गलत को जानने , पहचानने, की समताये विकसित क...

क़ानूनी जागरूकता: महिलाओं और बालिकाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम

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स माज के कमजोर और वंचित वर्गों निशुल्क और सक्षम क़ानूनी सेवाएं प्रदान करने की भावना और उद्देश्य विफल हो जायेगा यदि कमजोर वर्ग को उनके विभिन क़ानून और सवैधानिक अधिकारों के बारे जागरूक नहीं किया जा सका। निरक्षरता, वयक्ति को उसके साथ किये गए अन्याय को पहचाने में असमर्थ बनती है जब कोई वयक्ति बुनियादी मानवाधिकारो से अनभिज्ञ होता है तो सामाजिक कल्याण योजनायें प्रभावी नहीं हो पाती है। क्युकी वह सरकार दवारा अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए दिए जाने वाले अवसरों का लाभ उठाने में असमर्थ होता है। क़ानूनी साक्षरता मानवाधिकारों को प्रदर्शित करता है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ एवं बालिकाओ के साथ क़ानूनी अधिकार पर जागरूकता के बहुत से कार्यक्रम वर्ष भर किये जाते है। जिस में महिलाओ के क़ानूनी अधिकारों के बारे में सभी को विस्तारपूर्ण बताया व् समझाया गया। इस मई सबको फिलिप चार्ट के माध्यम से, कहानी व् नाटकीय रूपांतरण द्वारा, यौन उत्पीड़न, व् उसके रोकथाम और उसके उपाय, महिला हिंसा के बारे में और अपराधिक तत्वों से बचाव हेतु समस्त जानकारियाँ  महिलाओ को क़ानूनी अधिकार के...

वृक्षारोपण से जुड़ी हमारी दायित्वपूर्ण संवेदनशीलता हमारी जिम्मेदारी

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  पर्यावरण मानवीय आवश्यकताओं की बहुमूल्य धरोहर है और हर मनुष्य को इसकी सुरक्षा व् संधारण करना अतिआवश्यक है वृक्ष हमारे जीवन को प्राण वायु देते है जिस से हमारा जीवन संचालित होता है व् जीवन की आवस्यकताओ की बहुत सी वस्तुओ की प्राप्ति का स्रोत्र भी यही वृक्ष होते है। आज मानव अपने स्वार्थ के लिए धरती से लगातार इसका विदोहन करता जा रहा है। जिस के कारण हर वर्ष तापमान बढ़ रहा है। और उसके फ़लस्वरूव जलवायु परिवर्तन हो रहा है। अगर सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन धरती हमारी वृक्ष विहीन हो जाएगी।   पर्यावरण के इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस धरा पर हर वर्ष पौध वितरण कार्यक्रम किया जाता है। जिस में ग्रामीण जनता को वृक्षों से होने वाले लाभ की अनेको जानकारियां दी जाती है। जिस से हमे जीवनदायनी प्राणवायु , लकड़ी, फल, गोंद, पत्ते, फूल, व् कई प्रकार की औषधीया भी पाई जाती है। यह प्रकर्ति में कार्बनडाइऑक्सइड को खत्म कर ऑक्सीजन का प्रवाह करते है। जो की हमारे जीने के लिए बहुत जरुरी है। प्रकर्ति में वृक्षों का बचाव बेहद जरुरी है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा ...

बच्चों के विकास में शिक्षा और संस्कार: एक दृष्टिकोण व् सम्पूर्ण विकास

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रा जस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के विकास के लिए व् भविष्य को सवारने हेतु अजमेर स्ट्रीट, स्लम, झुग्गी - झोपड़ी वाले इलाके में बच्चों के साथ संस्कार , शिक्षा ,एवं वयवहार परिवर्तन कार्यक्रम उनके साथ करके उनको इस सम्बन्ध को समस्त पूर्ण जानकारियां दी गई।  जिस मे उम्र के साथ शरीर में हो रहे परिवर्तन का ज्ञान उनके बीच बाटा गया। शहर के लगभग 12 स्थानों पर 400 बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया गया। सभी उम्र के बच्चे इस कार्यक्रम में अतिउत्साहित थे।  इस तरह के कार्यक्रम में इन बच्चों में बौद्धिक क्षमताओं का विकास होता है। उन्हें अच्छे व् बुरे का ज्ञान भी करवाया जाता है। जिससे भविष्य में उन्हें किसी भी कार्य को करने में पूर्ण जानकारी मिल सके। बच्चों के साथ इस कार्यक्रम में बहुत साडी गतिविधियां करवाई गई। जैसे साँप -सीढ़ी गेम , संस्कार और वयवहार परिवर्तन पर वीडियो दिखाया गया। चार्ट के माध्यम से सप्ताह , महीना ,वर्ष की जानकारी दी। व् जीवन को किस तरह हम अच्छा ,सुशोभित व् गतिमान बना सकते है इसकी भी सुक्षम जानकारिया दी गई।  मानव जीवन में व्यवहार ,व्यवस्था, प्रबंध,संस्कार का बहुत अ...

विपरीत परिस्थितियों के विरुद्ध संघर्ष: एक छात्र की शिक्षा की यात्रा

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मे रा नाम सुलेखा है और मैं कक्षा 9 में पढ़ती हूं। मेरे पिता एक मजदूर है और मां गृहणी का कार्य करती है। हम कुल 4 भाई बहन हैं अकेले पिता कमाने वाले हैं और हम तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं। बड़ा भाई भी अब मजदूरी करता है। हमारे खर्च के बाद हमारी पढ़ाई का खर्चा बहुत मुश्किल से उठाया जाता है मेरी आगे पढ़ने की इच्छा है मैं भी पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती हूं, परंतु गरीबी के कारण मेरा आगे तक पढ़ पाना संभव नहीं है। फिर एक दिन स्कूल में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि आए और उन्होंने बताया जो छात्रा आगे पढ़ना चाहती है, परंतु किसी कारणवश अध्ययन कार्य में समस्या आ रही है तो उसे दूर करेंगे। फिर वह मेरे घर आए और मेरा सर्वे करके मेरे घर मेरी स्थिति को देखा |और मुझे आगे और पढा़ई करने की बात कही | कुछ दिन बीतने के बाद फिर संस्था द्वारा एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें वो सभी छात्राएं जो आगे पढ़ने की इच्छुक है परंतु किसी कारणवश पढ़ नहीं पा रही है उनको छात्रवृत्ति देने हेतु यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संस्था प्रतिनिधि आए और उन्होंने हमको शिक्षा के महत्व, मूल्य इससे प्राप्त सुख के बारे में बताया। कि...

शिक्षा की ओर: राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का बालिकाओं के लिए स्कूली शिक्षा कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस प्रारंभ सत्र में स्कूली छात्रा की शिक्षा के स्कूल बैग व स्टेशनरी सर्वे कार्यक्रम रखा गया |  जिसमें जिले की गरीब, ड्रॉप आउट छात्रा के लिए अध्ययन हेतु बैग, कॉपी, किताब, स्टेशनरी आदि की सुविधा उस बालिका को प्रदान की जाएगी जिसकी पढ़ाई में दुविधा आ रही है या वह अपना अध्ययन कार्य नहीं कर पा रही है ऐसी बालिकाओं के लिए शिक्षा विकास के लिए यह सर्वे कार्यक्रम 80 गांव की 2150 बालिकाओं के साथ किया जाएगा | इस कार्यक्रम का उद्देश्य हर बालिका को शिक्षा प्राप्ति के लिए किया जाएगा जिसमें सभी बालिकाओं जो सर्वे के दौरान क्रियात्मक रूप से जुड़ेगी उन्हें इसका लाभ इसका लाभ अवश्य दिया जाएगा इसमें बालिका को वर्ष भर की अध्ययन सामग्री दी जाएगी जिससे वह बिना रूकावट अपना अध्ययन कार्य पूर्ण कर सके                 हमारे समाज में आज भी ऐसे परिवार हैं जो किसी ने किसी मजदूरी परेशानी, गरीबी, या कुरिती के चलते अपनी बेटियों को आगे पढ़ा नहीं पाते हैं और उसे बालिका को पढ़ाई के शुभ अवसर प्राप्त नहीं हो पाते हैं हमारा समाज आज भी कहीं ना ...

आशा के धागे: त्रासदी से कुशल उद्यमिता तक

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मेरा नाम सुनीता है। मैं दसवीं कक्षा पास हूं। मेरे पति एक फैक्ट्री में कार्यरत हैं, परंतु कुछ दिन पहले उन्हें पक्षाघात मर गया जिसकी वजह से वह चल फिर नहीं पाते और काम पर भी नहीं जा पाते। हमारे घर के माली हालत ठीक नहीं है। इस वजह से मुझे कभी कभार मजदूरी करके अपना घर चलाना पड़ता है मुझे सिलाई आती थी मगर मेरा हाथ इतना साफ नहीं था। जिस वजह से मैं इस कार्य को आगे तक नहीं कर सकती। फिर एक दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे यहां सिलाई प्रशिक्षण हेतु सर्वे किया गया है जिसमें मैंने भी अपना नाम भी लिखवाया। उसके कुछ दिन बाद एक साक्षात्कार करके हमारे इस प्रशिक्षण शिविर को प्रारंभ किया गया। इस 90 दिवसीय कार्यक्रम में प्रत्येक 8 घंटे हमारी सिलाई की कक्षा चलेगी जिसमें हमें महिलाओं व बच्चों से संबंधित वस्त्र बनाना सिखाए जाएंगे और हमारे कौशल को निकाला जाएगा। इस कार्यक्रम की शुरुआत से हमें हाथों को साधना सिखाया गया, जिसमें एक कुशल कारीगर मास्टर ट्रैक्टर थी। उन्होंने बताया सिलाई कार्य में सबसे पहले इसके उपकरण व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस जानकारी के कारण ही हम अपना कार्य ...

आत्मनिर्भरता की ओर: एक महिला उद्यमिता की कहानी

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मेरा नाम नेहा वर्मा है मैंने स्नातक कर रखा है और अभी से घर पर ही रहती हूं। घर में माता-पिता व दो भाई हैं। पिता का छोटा सा कार्य है वे भाई पढ़ते हैं पढ़ने के बाद मेरी शुरू से इच्छा थी कि मैं कोई अपना व्यवसाय चलाऊं जिससे मुझे मेरा नाम और पैसे दोनों की प्राप्ति हो सके। सौंदर्य श्रृंगार में मेरी रुचि बहुत थी। सुंदर दिखना आकर्षण का परिचायक होता है और यही शुरू से मेरी इच्छा रही फिर मेरी सहेली से मुझे ज्ञात हुआ कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे यहां ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है जिसमें सर्व के दौरान मैंने अपना नाम अंकित करवा लिया इसके लिए परिवार से मैंने सहमति ही प्राप्त कर ली। कुछ दिनों पश्चात यह प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ हुआ। इसमें हम 30 महिलाएं थी। इस कार्यक्रम में हमें प्रत्येक दिन 8 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाने लगा, जिसमें महिलाओं के साज श्रृंगार के सभी काम हमें बारी-बारी सिखाए जाने लगे। 3 माह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में हमने अपना ब्यूटी पार्लर काम जारी रखा।   इस कार्यक्रम में हम सभी को साथ समय- समय पर अन्य और भी क...

बदलते भारत में महिलाओं का ब्यूटी पार्लर: विकास और सशक्तिकरण

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हमारा आज का भारत बदलता भारत है। यहां कई विकास की राहें खुली है संसाधन बढ़े हैं नई सोच विकसित हुई है वह आधुनिकता आई है। आज की नई इस दौर में सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहती है कि यही कारण से आज हर जगह महिलाओं का ब्यूटी पार्लर कार्य बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहा है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा युवा महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव नारेली में रखा गया जहां संस्था द्वारा किए गए सर्वे में सभी में उत्साह दिखाते हुए अपना नाम दर्ज करवाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन माह की अवधि का होता है जिसमें महिलाओं को साज श्रृगांर के संबंधित सभी कार्य सिखाए जाते हैं। प्रतिदिन 8 घंटे इसको चलाया जाता है जिसमें 25 से 35 महिला एक समूह बनाकर अपना कार्य करती है। इस कार्यक्रम में कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में सभी को प्रक्रियात्मक रूप से कार्य बताया जाता है जो कि हमारी रुचि में समाहित हो जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटना व सजाना, नाखून काटना, मेहंदी, वैक्सीन, फेस पैक, पेडीक्योर, स्टीम देना, मेकअप, ब्राइडल श्रृंगार, थ्रेडिंग, आईब्रो बनाना, ब्लीच, अनेक ...

आत्मनिर्भरता का निर्माण: सिलाई कौशल के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सतत रूप से महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जाते रहते हैं। संस्था द्वारा इन सभी कार्यों में महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाया जाता है। वह उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता है। इसमें जरूरत मंद महिलाओं को सर्वे किया जाता है जिसमें 30 से 35 महिलाओं का एक समूह बनाया जाता है। उसके बाद साक्षात्कार करके उनके विचार में गतिविधि पूछ कर आर्थिक गतिविधि से जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जाता है। शहर के पास में लामाना गांव में संस्था द्वारा सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें महिलाओं से संबंधित व बच्चों के कपड़े सिलना शामिल है। यह कार्यक्रम 90 दिवस का होता है जिसमें प्रत्येक दिन 8 घंटे उनके साथ मौखिक में व्यावहारिक कार्य किए जाते हैं ताकि इस गतिविधि को सीखकर यह सभी अपनी आर्थिक जीवन नैया को आसानी पूर्वक चला सके। इसमें सिलाई से संबंधित सभी बातें उनको बताई जाती है। जैसे सुईयों के प्रकार, उनके नंबर, कपड़ों के विभिन्न प्रकार, सिलाई के तरीके, इससे संबंधित सभी उपकरण के बारे में विस्तृत रूप से बताया जाता है। वह इसके कार्य जैसे धागा भरना, तुरपन, बखियां, गोट ...

खुशी को सशक्त बनाना : होली और दोस्ती के बंधन बढाना

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  होली रंगों का त्यौहार है। सभी रंग हमें जीवन के एहसासों का अनुभव करते हैं और यह बताते हैं कि हर रंग जीवन में क्या अहमियत होती है। यह मिलन का त्यौहार है सभी आपसी प्रेम भाव सौहार्द्र से मिलते हैं। इस त्यौहार में बच्चे अधिक उत्साहित होते हैं और प्रेम पूर्वक इसे से मनाते हैं। समाज में कुछ वंचित वर्ग या गरीब बच्चों को यह सब नहीं मिल पाता है। इसलिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष स्टीट व स्लम एरिया के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम बड़ी धूमधाम उत्साह के साथ मनाया जाता है ताकि हर बचपन को उसके बचपन का एहसास हो सके और वो जिंदगी के हर क्षण का आनंद प्राप्त कर सके। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम सर्वप्रथम स्ट्रीट व स्लम एरिया में जाकर बच्चों को एकत्रित करती है। फिर सभी को यथास्थान पर बिठाकर उनके साथ विभिन्न सास्कृतिक मनोरंजन कार्यक्रम किए हैं, जिसमें बच्चों को होली त्यौहार के बारे में बताया जाता है। वह उसके महत्व को समझाया जाता है। संस्था फिर बच्चों को पिचकारी, रंग, गुलाल, मिठाई में अन्य चीजों का वितरण करती है। इस में यह भी समझाया जाता है कि हमें की होली के त्योहार पर हानिकारक ...

महिलाओं का सम्मान: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सशक्तिकरण और समानता

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नारी शक्ति, अभिमान, ज्ञान, त्याग, बलिदान, की मूरत है। हमारा भारतीय समाज सर्वप्रथम नारी पूजने से ही अपने कार्य को प्रारंभ करता है। महिलाएं जीवन को गति प्रदान करती है। हमारे यहां नारी को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। महिला दिवस कार्यक्रम का अर्थ है महिलाओं की अहमियत को समझने के लिए लोगों को जागरूक करना उनके लिए ऐसे समाज का निर्माण करना जहां महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ और सशक्त महसूस करें। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का महत्व सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारियों और तरक्की के प्रति जागरूकता को बढ़ाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को समाज में समानता, समरसता और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 8 मार्च 2024 को अजमेर के लामाना व नारेली गांव में बड़ी धूमधाम के साथ महिला दिवस कार्यक्रम मनाया गया | जिसमें लगभग 1475 महिलाएं शामिल हुई। महिला जागरूकता और महिला सशक्तिकरण की भावना से संस्था द्वारा उनके साथ सगोष्ठी, नाटक, नृत्य, प्रतियोगिता, रेस, खेलकूद, बैनर, चर्चा, प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कई आयोजन ह...

दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाना: अभिनव घर-आधारित शिक्षा पहल

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा विकलांग बच्चों के साथ कई कार्यक्रम किए जाते हैं। इनमें इन्हें घरेलू बेसिक शिक्षा भी दी जाती है जो बच्चे विकलांगता के कारण स्कूल जाने में असमर्थ हैं। उन्हें स्पेशल एजुकेटसऺ के माध्यम से उन्हें घर पर ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाती है। गंभीर रूप से बहु दिव्यांग बच्चों को होम बेस्ड शिक्षा के लिए दर्जनों सामग्रियों से उन्हें समझाया जाता है। इनमें लकड़ी, प्लास्टिक के विभिन्न मॉडल अंग्रेजी व हिंदी में अल्फाबेटिक नंबर, नंबर आकर, आकृतियों का पहला, शरीर के अंग, फल, सब्जियां, यातायात साधनों के चार्ट, विभिन्न प्रकार के पैग बोर्ड, म्यूजिकल इक्विपमेंट, किचन व डॉक्टर सेट विभिन्न प्रकार के हिस्टोरिकल चाटऺ, पशु पक्षियों के चार्ट काउंटिंग फ्रेम सहित सामग्रियां होती है। इस कार्यक्रम में उनके आत्मनिर्णय शक्ति को बढ़ाया जाता है और शारीरिक क्रियाकलाप से गतिविधियां भी कराई जाती है जिससे उनकी मांसपेशियों में खिंचाव हो और वह शारीरिक क्रियाएं कर सके। यह सकारात्मकता को बढ़ावा देती है। व स्वयं कार्य करने की क्षमता का वधऺन करती है। उनके साथ सामाजिक बनकर भावनात्मक लगाव रखें, जिससे व...

समर्थन और सहायता : दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समाज सेवाओं की अद्वितीय पहल

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था सदा ही दिव्यांगों के कार्य हेतु प्रयासरत में प्रत्यनशील है। समाज के इस उपेक्षित वर्ग को हमेशा किसी न किसी मदद की आवश्यकता रहती ही है। हमारे द्वारा की गई एक जरा सी मदद से उनके विकास की कुछ राहें संभव हो जाती है। हमारे गांव व समाज में कई दृष्टिबाधित, मूकबधिर, तथा शारीरिक रूप से दिव्यांग निराश्रित ऐसे व्यक्तियों का जिनके जीवन यापन के लिए स्वयं का ना तो कोई साधन है और ना ही व किसी प्रकार का ऐसा परिश्रम कर सकते हैं जिससे वह समस्या से घिरे रहते हैं। व आर्थिक रूप से भी सशक्त नहीं होते कि स्वयं की समस्या हल कर सके। विकलांग का मुख्यता निम्न प्रकार की होती है। दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित,वाक बाधित, चलन बाधित, मानसिक रोगी, मानसिक मंदता वह बहु विकलांगता से ग्रस्त व्यक्ति होते हैं। विकलांगता में व्यक्तियों को अनेक प्रकार की चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस कारण से मन में निराशा, हताशा आदि के भाव आना स्वाभाविक होता है। हम ऐसे तरीके खोजने पढ़ते हैं जिससे उनका मानसिक संतुलन बना रहे और वह अपनी मानवियता न खोये इसके लिए संस्था द्वारा ऐसे व्यक्तियों को चश्...

समावेशी विकास: दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष बड़े उत्साह के साथ विकलांगता दिवस मनाया जाता है। समाज एवं विकास के प्रत्येक स्तर पर दिव्यांग लोगों के अधिकारियों और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 3 दिसंबर के दिन विश्व विंकलागता दिवस मनाया जाता है। इसे अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति व्यवहार में बदलाव लाना है व विकृति से ग्रसित लोगों के साथ ही अन्य परिजनों को उनके अधिकार के लिए जागरूकता फैलाना है। इसको मनाने का एक और उद्देश्य उनके प्रति करुणा, आत्मसम्मान और जीवन को बेहतर बनाने का समर्थन और सहयोग दोनों करना है। इसके लिए राजस्थान समग्र कल्याण की टीम प्रत्येक गांव के दिव्यांग व उनके परिवार को ऐसे स्थान पर एकत्रित किया जाता है जहां पर उनको उठने बैठने की सुविधा मिल सके फिर उनके साथ पूरे दिन वहाँ कार्यक्रम किए जाते हैं व उनका मनोरंजन पूर्ण तरीके से सिखाया फिर समझाया जाता है। उनके साथ चचा, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला, नृत्य, मनोरंजक गतिविधियां की जाती है और उत्साह वर्धन में उनकी अभिरूचिया जानी जाती है। उनके द्वारा तरह-तरह की ...

व्हीलचेयर: विकलांग बच्चे की आत्मसमर्थन की कुंजी व जीवन की राह सुगम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षों से अजमेर के हर गांव में विकलांगता विषय पर काम कर रही है जिसमें दिव्यांगजनों को दी जाने वाली सहायता पर गौर किया जाता है। कई बार देखा जाता है कि दिव्यांगों को मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए इनसे वो वंचित ही रहते हैं। संस्था द्वारा ग्रामीण भागों में ऐसे लोगों का सर्वे कर उनकी आवश्यकता पर कार्य किया जाता है। कई कारणों से उनको कभी-कभी लाभ नहीं मिल पाता जिसमें गरीबी, अशिक्षा,असमर्थता व जानकारीयो का अभाव होता है। अधिकतर दिव्यांगों को निराशा पूर्ण जीवन व्यतीत करना पड़ता है जिससे उनमें  हीनभावना का जन्म होता है। इस विकार को दूर करना समाज के लिए बेहद जरूरी है। मेरा नाम जींवराज है। मैं फुटकर मजदूरी करके अपना घर चलाता हूं। मेरे तीन बच्चे और पत्नी हैं। मेरा सबसे बड़ा बेटा दोनों हाथ पैर से अपाहिज है। वो कहीं चल फिर नहीं सकता। उसे किसी न किसी सहारे की आवश्यकता होती है और मैं उसका इलाज करवाने में में असक्षम हूं। इस बात का मुझे बहुत दुख होता है। फिर हमारी पंचायत में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आई। उन्होंने मेरे घर का सर्वे कर मेरी स्थिति जानी और मुझे...

वंचितों का उत्थान - आशा और सम्मान के माध्यम से कमज़ोर समुदायों को सशक्त बनाना

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मेरा नाम भेरूलाल है और मैं बहुत गरीब और विकलांग व्यक्ति हूं। मेरे घर में मेरी मां मेरे साथ रहती है। वह भी काफी बुजुर्ग है। इस असमर्थता के कारण हमारी माली हालत बहुत ही खराब है। कुछ छोटा मोटा कार्य करके हम जैसे तैसे गुजारा कर लेते हैं। मेरी इस स्थिति को मैंने अपने सरपंच के सम्मुख रखा। फिर उन्होंने बताया कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गरीब, अपाहिज़, विकलांग,निराश्रित,विधवा महिलाओं को संस्था की तरफ से रसोई खाद्यान्न हेतु राशन सामग्री वितरण किया जाऐगा जिसको प्राप्त करने पर उनको कुछ सहायता मिलेगी। यह गांव के उन सभी व्यक्तियों को मिलेगा जिनको वास्तव में इसकी बहुत जरूरत है। इस बात को सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा हमारे गांव में सर्वे करने आई जिसमें मैंने अपना नाम लिखवाया जिसके लिये उन्होंने राशन कार्ड व आधार कार्ड की प्रति मांगी। उसके कुछ दिनों बाद ग्राम पंचायत पर हम सभी  असहाय, निशक्त, बेसहारा, विकलांग, अपाहिज, व गरीब व्यक्तियों को राशन सामग्री का वितरण किया गया, जिसमें सभी को आटा, दाल, चावल, खाद्यान्न तेल, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनि...

आशा की किरण: जीवन में परिवर्तन मेरी कहानी

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  मेरा नाम सुरेश है, मैं सरवाड़ गांव में रहता हूं। मैं पोलियो के कारण एक हाथ और एक पैर से अपाहिज़ हूँ घर में माता-पिता है जो काफी बुजुर्ग है। विकलांगता के कारण मैं कुछ भी कार्य करने में असमर्थ हूं। इस बात से सभी चिन्तित है कि मैं स्वयं का भरण पोषण कैसे कर पाऊंगा। अपनी बात को किससे कह पाऊंगा। फिर एक दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम हमारे गांव में आई और उन्होंने गांव के सभी दिव्यांगों का सर्वे कर उनकी जरूरत से पूछी। मैंने अपनी सभी बातें उनको बताई। फिर संस्था द्वारा मेरा UDID कार्ड ,दिव्यांगता प्रमाण पत्र,व पेंशन फॉर्म भर गया। दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन में लाभ उठाने के लिए कम से कम विकलांग व्यक्ति को 40℅ विकलांगता का सर्टिफिकेट देना होगा। विकलांग पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों को प्रदान किए जाने वाली धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में सरकार द्वारा ट्रांसफर की जाएगी। इसके लिए आवेदक का अकाउंट होना जरूरी है। यह एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए इसमें लाभार्थी का फॉर्म भरा जाता है। इसमें लाभार्थी को ₹500 पेंशन दी जाती है। यह कोई बड़ी रकम तो नहीं लेकिन विकलांग लोग को अपनी निज...

स्वतंत्रता की ओर बढ़ना: विकलांगता सशक्तिकरण के साथ मेरा अनुभव

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विकलांगता का एक अभिशाप नहीं अपितु एक शारीरिक विकलांगता है जो किसी अंग के काम न करने की वजह से होती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा विकलांगता को दूर करने हेतु कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिसमें उन व्यक्तियों को ट्राई साइकिल वितरण हेतु आवेदन पत्र भरकर उन्हें दिलवाने का कार्य करना भी इसमें शामिल है जो शारीरिक रूप से आवागमन नहीं कर सकते, जिन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे दिव्यांगों का सशक्तिकरण होता है। इस ट्राई साइकिल को प्राप्त करने हेतु आवेदक के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध होने चाहिए। जैसे 1- दिव्यांगता प्रमाण पत्र 2-पासपोर्ट साइज फोटो 3-आवेदक का स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर 4-वर्तमान में शिक्षण संस्थान का दिव्यांग प्रमाण पत्र 5- बैंक पासबुक की छाया प्रति 6- जाति प्रमाण पत्र 7-आधार प्रमाण पत्र 8- स्थाई निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। यह सभी दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर भर सकते हैं। इसके बाद विभागीय जांच के बाद उन्हें ट्राई साइकिल मिल जाएगी। मेरा नाम गिरधारी लाल है। मैं जन्म से दोनों पैरों से विकलांग हूं। वह कहीं आ जा नहीं सकता। इसके लिए किसी का सहारा लेना पड़ता है। मैं अभी कक्षा...