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भविष्य का निर्माण: बच्चों में अनुशासन और संस्कृति का पोषण

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  बच्चे आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं। यह देश की भावी पीढ़ी को अगर हम अनुशासन व संस्कार नहीं सिखाएंगे तो यह पथ भम्रित हो जाएंगे और अपना जीवन नष्ट कर लेंगे। अच्छे लक्ष्य प्राप्ति के लिए जीवन में अनुशासन में संस्कारों का होना अति आवश्यक है। यह अनवरत प्रक्रिया है जिसमें जीवन के समस्त क्रियाकलाप समाहित होते हैं। इन शिविरों में माध्यम से बच्चों की आंतरिक कला को निखारा जाता है और उनमें अच्छे संस्कार विकसित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य उनके जीवन का सर्वाधिक विकास करना है। उन्हें अपनी भाषा, आचरण, रीति रिवाज, संस्कारों के बारे में बताया जाता है। स्थिर रहने की एकाग्रता बढ़ती है। बुद्धि का विकास होता है और अच्छी सोच हमारी आदतों को विकसित करती है। यह शारीरिक भी होते हैं और मानसिक भी | संस्कार ही जीवन का आधार और मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। संस्कार से ही चरित्र निर्माण होता है। इनके द्वारा ही व्यक्ति क्रियात्मक व रचनात्मक बनता है। संस्कारों का ना होना पतन का मुख्य कारण होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के नेतृत्व में शहर की झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट बच्चों के साथ लगभग 12 स्थानों प