बाल विवाह रोकथाम और महिला सशक्तिकरण की दिशा में संस्थान का प्रयास

भारत में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता को प्रभावित करती है। यह न केवल एक व्यक्तिगत अधिकार का हनन है, बल्कि एक समूचे समाज के विकास में भी बाधा बनती है। विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में यह कुप्रथा आज भी जीवित है, जहाँ परंपरा, गरीबी, अशिक्षा और लैंगिक भेदभाव इसके पीछे के प्रमुख कारण हैं। इसी समस्या के समाधान हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ने एक अहम पहल की है। यह संस्था वर्षों से सामाजिक कल्याण की दिशा में कार्य कर रही है और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हाल ही में संस्था द्वारा एक व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य था बाल विवाह की रोकथाम, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को कम करना तथा महिलाओं को “एक खुला आकाश” देना , यानी उन्हें स्वतंत्र सोच और निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करना। बाल विवाह भारत की उन सामाजिक कुरीतियों में से एक है जो सदियों से प्रचलित है। यह लड़कियों को उनके बचपन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता से वंचित कर देता है। छोटी उम्र में वि...