संदेश

पर्यावरण बचाओ लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वर्मीकंपोस्ट: ग्रामीण काश्तकारों के लिए एक समृद्धि का स्रोत

चित्र
  हमारा भारत पशु प्रधान देश है। हमारे ग्रामीण भागों में कई दुधारू पशु पाए जाते हैं। इनमें प्राप्त मल अपशिष्ट व्यर्थ में फेंक दिया जाता है क्योंकि आजकल हमारे पास कृषि के लिए यूरिया का डीपीएस व रासायनिक पदार्थ उपज को बढ़ाने हेतु डाले जाते हैं जिससे इंसानों में लिवर, फेफड़ों व किडनी की बीमारियां बनती है। इसके बचाव के लिए ग्रामीण काश्तकारों को केंचुए से बनी वमीऺ कंपोस्ट खाद का प्रयोग करना चाहिए। यह पूरी तरह उर्वरक क्षमता से भरपूर है। पोषण पदार्थ से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है। यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है। वर्मी कंपोस्ट में बदबू नहीं होती और इससे मक्खी मच्छर भी नहीं बढ़ते हैं।  इस बदलते पर्यावरण में कीटनाशकों के रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से हमारी धरती का उपजाऊपन लगातार नष्ट होता जा रहा है जिससे कुछ समय ये बाद जमीन बंजर हो रही है। उसकी इसकी क्षमता बढ़ाने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर गांव में काश्तकारों के लिए यह वर्मी कंपोस्ट खाद्य निर्माण कार्यक्रम कराए गए हैं। इसमें यह बताया गया है। किस तरह हमें इसका निर्माण

पर्यावरण बचाओ - जल संरक्षण जल स्वच्छता कार्यक्रम

चित्र
जल ही जीवन है, यह जीवन का आधार है। हमारी संपूर्ण धरती पर 71 % हिस्सा पानी से ढका हुआ है, जबकि 1.6% अपनी जमीन के नीचे है और 0.01% में वाष्प व बादल के रूप में है। इनमें से पीने योग्य पानी धरती पर मात्र 2.7 % ही है। जीवन के लिए उनकी आवश्यकता बहुत जरूरी है परंतु इंसान द्वारा धरती को छेद- छेद कर इसका विद्वोंहन लगातार हो रहा है। जिसे जमीनी पेयजल खत्म होता जा रहा है और जल धरती के और नीचे तक जाता जा रहा है। पर्यावरण में लगातार प्रदूषण की वजह से हमारा पेयजल दूषित हो रहा है। मानव औद्योगिक कचरा में मल मूत्र और अन्य रासायनिक पदार्थ सब नदियों में डालकर मीठे पानी  पेयजल का सर्वनाश कर रहे हैं। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी है क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पूरे ब्रह्मांड में एक अपवाद के रूप में धरती पर जीवन चक्र को जारी रखने में जल मदद करता है क्योंकि धरती इकलौता ऐसा ग्रह है जहां जल और जीवन दोनों मौजूद है। धरती पर सभी जीवों के लिए जल एक बहुमूल्य संपदा है। जल हमारी बुनियादी जरूरत में से एक है। साफ पानी के स्रोत जनसंख्या की तुलना में बहुत कम रह गए