संदेश

मूल्यांकन लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

"आत्मविश्वास और नेतृत्व की दिशा में बालिकाओं के लिए एक प्रेरणादायक यात्रा"

चित्र
  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा वर्ष भर स्कूली बालिकाओं के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम करवाये जाते है जो उनके चहुँमुखी विकास में बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण स्कूलों में हमेशा ही नए और रोचक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जो न केवल छात्राओं के शैक्षिक विकास में सहायक होते है और उन्हें मनोरंजन के साथ आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर भी देते है यह कार्यक्रम उनको अपनी कला और टीमवर्क को प्रदर्शित करने का एक मंच भी देता है। बालिकाओं को खुद को व्यक्त करने का अवसर देना था व् अपनी क्षमताओ को सही मूल्यांकन कर सकें। यह कार्यक्रम मनोरंजन मात्र नहीं अपितु यह लड़कियों के बीच सहयोग और मित्रता की भावना विकसित करता है।  संस्था प्रतिनिधि विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन सभी बालिकाओं को जानकारी देते है जैसे पोस्टर, सेल्फी, गेम, स्पर्धा, तर्क-वितर्क, आंकलन इत्यादि है। लीडरशीप की गतिविधियाँ बच्चों को दिमागी और शारारिक दोनों तरह के कौशल का विकास करने में मदद करती है। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को न केवल नै चीजों को सीखने का अवसर प्रदान करते है बल्कि उन्हें यह भी सिखाते है की किसी भी कार्य क...

मंगला मणि - पोलर वूमेन विपरीत परिस्थितियों को अपने अनुरूप बनाया

चित्र
इसरो की 56 वर्ष की उम्र में एक महिला वैज्ञानिक ने कीर्तिमान रचा है। उन्होंने इस उम्र में अंटार्कटिका जैसे सबसे ठंडा प्रदेश में जहां तापमान - 90 डिग्री पर चला जाता है, वह पूरे 403 दिन बिताऐ हैं। इस महिला का नाम मंगला मणि है जिन्होंने इससे पहले कभी बर्फबारी का लुफ्त नहीं उठाया था। मंगला 23 सदस्य वाले एक जांच दल के साथ नवंबर 2016 में अंटार्कटिका स्थित सेंटर भारती गई थी। इस दल ने वहां वह अकेली महिला थी, उन्हें नारी शक्ति का प्रत्यक्ष रूप भी कहा जा सकता है। मंगला मणि जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपने मिशन को पूरा करके वापस लौटी है। उन्होंने कहा, अंटार्कटिका मिशन बहुत बड़ी चुनौती है। वहां की जलवायु काफी कठोर है। हम अपने रिसर्च स्टेशन से निकलते समय ज्यादा सतर्क रहते थे। हर किसी को पोलर कपड़े पहनने पड़ते थे। कई बार हमें गर्मी लेने के लिए वापस स्टेशन आना पड़ता था। साल 2016-17 के दौरान मंगला मणि अकेली भारतीय महिला वैज्ञानिक थी जो स्टेशन पर गई। वहां पहले से मौजूद चीन और रूस के रिसर्च स्टेशन की टीम में कोई भी महिला सदस्य शामिल नहीं थी। मंगला मणि अपने मजबूत दिल और तेज बुद्धि से अंटार्कटिका की कठि...