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सिंधु ताई सपकाल: एक माँ का प्यार सभी बाधाओं के बावजूद मातृत्व को अपनाना

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 सिंधुताई का 10 वर्ष की आयु में 30 वर्ष श्री हरि सपकाल से विवाह कर दिया गया। 20 वर्ष की आयु तक उनकी तीन संताने हो चुकी थी। सिंधुताई ने जिला अधिकारी से गांव वालों को उनकी मजदूरी के पैसे ना देने वाले गांव के मुखिया की शिकायत की। अपने इस अपमान का बदला लेने के लिए मुखिया ने उनके पति को घर से बाहर निकालने का प्रवृत्त किया। उनके पति ने उन पर अवैध संबंधों का आरोप लगाकर उन्हें पीटकर के घर से बाहर निकाल दिया। इस समय वह 9 माह की गर्भवती थी। उसी रात उन्होंने तबेले में अघऺचेतन एक बेटी को जन्म दिया। जब वह अपनी मां के घर आई तो उनकी मां ने भी उन्हें घर में रखने से इनकार कर दिया। फिर वह अपनी बेटी के साथ रेलवे स्टेशन पर रहने लगी। पेट भरने के लिए भीख मांगती और रात में खुद को वह अपनी बेटी को सुरक्षित रखने हेतु श्मशान में रहती। उनके इस संघर्षमय काल में यह अनुभव किया कि देश में न जाने कितने सारे अनाथ बच्चे हैं जिनको एक मां की जरूरत है तब उन्होंने निर्णय लिया। जो भी अनाथ बच्चा उनके पास आएगा। वे उनकी मां बनेगी। उन्होंने अपनी खुद की बेटी को  दगडुसेठ हलवाई पुणे महाराष्ट्र को ट्रस्ट में दे दिया ताकि वह सारे बच्

चेतना सिंन्हा : गांवों में महिला सशक्तिकरण की मिसाल

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चेतना सिंन्हा यह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है। वह अपने उद्यमशीलता कौशल,जमीन तक पहुंच और उत्पादन साधनों को सीखाकर ग्रामीण भारत के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनने का काम कर रही है। चेतना सिंन्हा ने 1997 में उन्होंने भारत में ग्रामीण महिलाओं के लिए मन देसी महिला सरकारी बैंक की स्थापना की। मन देसी बैंक के पास एक लाख खाताधारक थे और 2018 में बैंक में अत्यंत छोटे स्तर पर महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 50 मिलियन से अधिक का ऋण दिया। मन देसी फाऊंडेशन ग्रामीण स्तर पर सुक्ष्म महिला  सुक्ष्मके लिए बिजनेस स्कूल, सामुदायिक रेडियो और चैंबर ऑफ़ कॉमर्स चलता है। 2018 में किसने लगभग 5 लाख महिलाओं का समर्थन हासिल कर लिया | मुंबई में जन्मी चेतना सिंन्हा ने 1982 में मुंबई यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में मास्टर डिग्री हासिल की चेतना सिंन्हा को महिलाओं के लिए भारत के सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार नारी शक्ति से सम्मानित किया गया। शुरुआती जीवन की बात करें तो चेतना सिंन्हा 1970 से 1980 के दशक में मुंबई में पली - बढ़ी ,कॉलेज रहते हुए उन्होंने बीकॉम क