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संकल्प और मेहनत से सशक्त जीवन की ओर- आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

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मेरा नाम गीता है मेरे परिवार में मेरे पति व् 2 बच्चे हम सब साथ रहते है पति फुटकर मजदूरी करते है जो जीवन संचालित करने हेतु काफी नहीं है ! साथ ही बच्चे भी स्कूल  जाते है उनका खर्चा निकालना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ! फिर मैंने गांव में चल रहे स्वयं सहायता समूह में अपना नाम लिखवाया व् उसकी गतिविधियों में भाग लेने लगी ! धीरे धीरे मैंने अपने ध्यान  विदेशी कपडे की डिजाइन कार्य में लगाया !  ऐसे कपड़ो की   हर घर में हर महिला को जरुरत होती है ! यह कार्य अच्छी आय प्राप्त करने में मेरी मदद करने लगा ! जिसमे मैं घर की जरूरतों के खर्चे के अलावा समूह से प्राप्त ऋण की भी चुकौती करने लगी !  स्वयं सहायता समूह की महिलाओँ को आत्मनिर्भर बनाने की वो प्रक्रिया है जिसमे बचत, ऋण, चुकौती, अनुशासन, आर्थिक गतिविधिया व् प्रशिक्षण इत्यादि सिखाये जाते है व् उनके सफलतम गुर बताये जाते है की कैसे हम व्यवस्थित रूप से अपने जीवन का संचालन कर अपनी जरूरतें अपनी आर्थिक गतिविधियो से पूरी कर सकते है ! यह ग्रामीण महिलाओ के लिए एक सशक्त माध्यम है जो बाकी दुनिया में लाकर एक महिला को क्रियात...

"सपनों की उड़ान: जीवन कौशल शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण ''

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के साथ कई तरह के कार्यक्रम किये जाते है जिसमे से यह कार्यक्रम उनके बचपन को एक नेक शिक्षा देकर उन्हें व्यवहारशील और शालीन बनाता है ! इन गरीब बच्चों को ना तो शिक्षा प्राप्त हो पाती है और ना ही जीवन जीवन को किस प्रकार से जिया जाये वो ढंग प्राप्त हो पाता है ! इसलिए ये जरुरी बन जाता है की समाज के सभी बच्चो के सामान इनको समझे और उनके जैसे इन्हे भी खुलकर अपना जीवन जीने दे ! इस कार्यक्रम में शिक्षा के साथ उनके साथ मिलकर बहुत सारी गतिविधिया करवाई जाती है ! जिसके शाब्दिक पाठ्यक्रम में शाब्दिक ज्ञान, अक्षर ज्ञान, पहाड़े, कविताएं, कहानियाँ, सामान्य ज्ञान, रंगो की पहचान आदि करवाए जाते है ! इसके साथ साथ विभिन्न माध्यम के खेलों के साथ उनका मानसिक सर्वागीण विकास भी किया जाता है ! जो उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करते है और विषय वस्तु के ज्ञान को समझने के लिए आतुर रहते है !  संस्थान के मास्टर ट्रेनर उन्हें हर बात बहुत करीने से समझाते व् सिखाते है और साथ ही हर बात में उनका उत्साह वर्धन करते है ! जो आवश्यक रूप से उनको वो समस्त सामग्री का ज्ञान व् विषय वस्तु का बोध...

सपनों की उम्मीद और शिक्षा की राह: एक बालिका की कहानी

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जिंदगी में अगर सपनें सच हो जाये तो जिंदगी के अरमान हो कुछ और होते है ! दुनिया में हर कोई सपने देखता है व् छोटे बड़े कुछ भी हो सकते है ! जिंदगी हर कोई अपने नजरिये से जीना चाहता है मगर सामाजिक रीति -रिवाज, रिश्ते, प्रचलन, दिखावा आदि में फंस कर ही रह जाते है ! कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ ! मेरा नाम बरखा है मैं 16 वर्ष की हूँ ! मेरे माता पिता बहुत गरीब है हम घर में कुल 7 सदस्य है दादा दादी भी हमारे साथ रहते है शेष 2 मेरे भाई है वे स्कूल पढ़ने जाते परन्तु दादा जी की इच्छा है की मैं अपनी आँखो  से वो मेरी शादी देखें ! इसलिए पिता जी ने मेरा स्कूल छुड़वा दिया और मेरा रिश्ता तय कर दिया ! जिस वजह से मुझ में बहुत निराशा भर गई ! स्कूल जाने और आगे पढ़ाई करने का मैंने पिता जी कहा पर वह समाज, दादा के वचन और प्रथाओं से जुड़े थे ! इस लिए इंकार कर दिया !  फिर एक दिन स्कूल प्रशासन द्वारा एक गैर वित्तीय संस्थान जिसका नाम राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान है ! जो वंचित, गरीबी, निर्धन, विकलांग, जरूरतमंद बालिकाओं के लिए शिक्षा सम्बन्धी कार्य करती है उनके प्रतिनिधि हमारे घर आये और सभी परिवार जनों से बातचीत की ! उन...