संकल्प और मेहनत से सशक्त जीवन की ओर- आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
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मेरा नाम गीता है मेरे परिवार में मेरे पति व् 2 बच्चे हम सब साथ रहते है पति फुटकर मजदूरी करते है जो जीवन संचालित करने हेतु काफी नहीं है ! साथ ही बच्चे भी स्कूल जाते है उनका खर्चा निकालना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ! फिर मैंने गांव में चल रहे स्वयं सहायता समूह में अपना नाम लिखवाया व् उसकी गतिविधियों में भाग लेने लगी ! धीरे धीरे मैंने अपने ध्यान विदेशी कपडे की डिजाइन कार्य में लगाया ! ऐसे कपड़ो की हर घर में हर महिला को जरुरत होती है ! यह कार्य अच्छी आय प्राप्त करने में मेरी मदद करने लगा ! जिसमे मैं घर की जरूरतों के खर्चे के अलावा समूह से प्राप्त ऋण की भी चुकौती करने लगी ! स्वयं सहायता समूह की महिलाओँ को आत्मनिर्भर बनाने की वो प्रक्रिया है जिसमे बचत, ऋण, चुकौती, अनुशासन, आर्थिक गतिविधिया व् प्रशिक्षण इत्यादि सिखाये जाते है व् उनके सफलतम गुर बताये जाते है की कैसे हम व्यवस्थित रूप से अपने जीवन का संचालन कर अपनी जरूरतें अपनी आर्थिक गतिविधियो से पूरी कर सकते है ! यह ग्रामीण महिलाओ के लिए एक सशक्त माध्यम है जो बाकी दुनिया में लाकर एक महिला को क्रियात...