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बालिका शिक्षा और बाल विवाह पर जागरूकता

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अपनी बेटी को अरमानों की डोली में बैठकर अपने ससुराल जाना किस बाप का एक अच्छा सपना नहीं होता है सब पिताओं का यही सपना उनकी जिंदगी भर की कमाई होता है ! बेटी का पालना , उसे पढ़ाना, बड़ा करना, समाज के सभी विषयों का ज्ञान देना फिर जब एक दिन बेटी ब्याह के लायक हो जाती है ! तो दिल पर अरमानों का एक बड़ा सा पत्थर रख कर उसको विदा करना जिंदगी का सबसे मार्मिक क्षण होता है ! जब बरबस ही उसकी आखों के आँसू उस पिता की विवशता को दर्शाते है ! यह क्षण अत्यंत यादगार होता है ! इसके विपरीत जब एक पिता के द्वारा अपनी नाबालिग  बच्ची का जब बाल विवाह किया जाता है तो यह एक हत्या के सामान करा जाने वाला कृत्य कहलाता है ! जो उस बच्ची का बचपन खा जाता है ! और उसे नर्क की आग में जलने को जिंदगी भर के लिए डाल देता है !  मेरा नाम बलवंत सिंह है मैं पेशे से एक कारीगर हूँ मेरे परिवार में मेरी पत्नी ,माता पिता, व् 4 लड़किया है जो क्रमशः 14, 12, 10, 8 वर्ष की है ! जो की सभी स्कूल में अध्ययनरत है ! मेरे परिवार में जब मेरी बहन की शादी  की तब वह नाबालिग थी जो एक बच्चे को जन्म देने के बाद चल बसी ! इस वजह से मेरे दिल में यह डर  व्याप्त ह

शिक्षा और जागरूकता: बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई किए गए प्रयास और रणनीतियाँ

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मेरा नाम मनोज तिवारी है मैं ग्राम पदमपुरा में रा.उ.मा.वि में सरकारी टीचर के रूप में कार्यरत हूँ ! इस गांव में रावत व् गुर्जर जाती बाहुल्य रूप में निवास करती है जिसमे काफी हद तक निरक्षरता विद्यमान है !  जिसके चलते इनके रीती रिवाजो में बहुत सारी  कुरीतियाँ  शामिल है ! जो समाज में हमे नकारात्मकता का सन्देश देती है ! और देश व् राष्ट्र को पीछे धकेलने का कार्य करती है ! कुछ कुरीतियों को जड़ से मिटाना इतना संभव नहीं हो सकता है इस प्रकिर्या में सभी के साथ का होना अति आवश्यक है तभी हम स्वस्थ व् स्वच्छ समाज को पटल पर ला पाएंगे ! बाल विवाह वो दंश है जो एक नहीं समाज की बहुत सारी जिंदगियाँ बर्बाद करती है ! इसमें बालिका का बालपन छिन्न लिया जाता है ! जो उसे नर्क में धकेलने के लिए काफी है ! यहाँ समाज के हर व्यक्ति को इस विषय की सभी नकारात्मक बातों के लिए सोचना बहुत जरुरी है तभी हम बदलाव की किरण को जाग्रत कर पाएंगे !   हमारी स्कूल में पिछले 4-5 वर्षो से जरूरतमंद, वंचित, अनाथ, बेसहारा, गरीब, निर्धन, विकलांग, मानसिक रूप से पीड़ित आदि बालिकाओ की मदद के लिए यह संस्था बेहद सराहनीय व् प्रसंसनीय कार्य कर रही है

शिक्षा और सामाजिक जागरूकता: बालिकाओं को सशक्त बनाने की संस्था की पहल

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मेरा नाम मुकेश है ! और मैं एक ग्रामीण स्कूल में अद्यापक के पद पर कार्यरत हूँ ! मै पिछले 18 वर्षो से कार्य कर रहा हूँ ! पिछले 5 वर्षो से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा हर वर्ष गरीब, वंचित, बेसहारा, अनाथ, विकलांग, निर्धन, व् जरूरतमंद बालिका को यह संस्था अध्ययन सामग्री व् शिक्षण सम्बन्धी पूर्ण सामग्री इन बालिकाओ को प्रदान की जाती है जिससे यह बिना किसी भेदभाव या संकोच से पढ़ाई कर सकती है ! संस्था हर वर्ष 25 ऐसी बालिकाओ को यह शिक्षण सामग्री दी जाती है जिसमे स्कूल बैग, स्टेशनरी, कॉपी, किताब, जयोमेक्ट्री बॉक्स, कलर सेट, ड्रॉइंग बुक, एग्जामिनेशन बोर्ड, स्कूल ड्रेस, जूते मौजे, स्वेटर, व् जॉकेट, वितरित किये ! जो बालिकाओ को वर्षभर के अध्ययन में भरपूर सहयोग करेगा !  सर्वप्रथम संस्था प्रतिनधि हमारी शाला में आये व् ऐसी बालिकाओ की सूची प्रधानाद्यापक जी से प्राप्त कर डोर टू डोर सर्वे करते है ! जिसमे वो उनकी वास्तविक स्थिति को देखकर उसे दूर करने हेतु अपनी पुस्तिका में इंद्राज करते है व् हर बालिका के सर्वे प्रपत्र पर कुछ सवाल भरे जाते है ! व् उनकी पहचान पत्र, आधार कार्ड प्रति , व् अंक तालिका

एक पिता की आशा: शिक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य को सवस्थ और उज्ज्वल बनाना

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मेरा नाम किशन लाल है और मैं एक गरीब किसान हूँ जो जैसे तैसे अपने परिवार का भरण पोषण करता हूँ ! मेरे परिवार में मेरी पत्नी व् माँ और 2 बेटे और 3 बेटियाँ  है ! दोनों बेटे मेरा कृषि कार्य में साथ देते है व् 2 बेटियाँ पढ़ने जाती है ! एक बेटी को में पड़ने में असमर्थ हूँ दिल तो बहुत करता है मगर अपनी गरीबी, लाचारी, व् विवशता के कारण मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है ! इस बात को मैंने स्कूल प्रशासन को भी बताकर आया था ! फिर एक दिन स्कूल से हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान से कुछ प्रतिनिधि हमारे घर आये ! उन्होंने बताया मेरी बेटी को वो आगे पढ़ने में मदद करेंगे ! उनकी बात सुनकर मेरा दिल ख़ुशी से झूम उठा ! फिर उन्होंने कुछ सवाल पूछे व् मेरी बेटी का सर्वे प्रपत्र फॉर्म भरा गया !  इसके कुछ दिन बाद मेरी बेटी को स्कूल में दाखिला मिल गया !और वह फिर से शिक्षा प्राप्त करने स्कूल जाने लगी ! एक पिता होने के नाते अपनी बेटी के प्रति मेरे भी कुछ सपने है ! वह भी उच्च शिक्षा प्राप्त करे और समाज में अपना नाम कमाये व् देश की तरक्की में अपना योगदान दे ! इन सभी बातों का आज मुझे साराँश नजर आ गया ! अब जिंदगी में क

समाज में सम्मान और आत्म-संमान: शिक्षा के माध्यम से जीवन में सकारात्मक बदलाव

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मेरा नाम गायत्री है ! मैं अजमेर के पास अजयसर गांव में रहती हूँ ! मेरे माता पिता बहुत गरीब है ! जिसकी वजह से उनकी मजदूरी प्रभावित होती है ! इसलिए घर के संचालन के लिए मेरी माँ मजदूरी कार्य करती है ! हम 3 भाई बहन है ! मैं मे सबसे बड़ी हूँ ! एक बहन 10 वर्ष की है व् भाई 8 वर्ष का है ! इसी कारण मेरा भाई बस स्कूल जाता हैं ! वहम बहनें घर ही रहती हैं और काम करती है! मेरी आगे पड़ने की बहुत मंशा है ! मगर घर की विकट परिस्थिति के कारण मेरा अब स्कूल अध्ययन करना संभव नहीं हैं ! कभी कभी सारी इच्छाएं पूरी नहीं होती है ! हमे मौजूदा हालात से समझौता करना पड़ता है !   फिर एक दिन स्कूल प्रशासन ने मुझे बुलाया औ बताया की उसे आगे पढ़ने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अध्ययन हेतु 25 बालिकाओं में उसे भी जोड़ा गया है ! जिसमे उसको अध्ययन सम्बंधित सभी सुविधाये प्राप्त होगी ! उसे वर्ष भर के लिए स्कूल के अध्ययन हेतु समस्त सामग्री जैसे स्कूल बैग, कॉपी, किताब, स्टेशनरी, जयोमेक्ट्री बॉक्स, कलर सेट,एग्जामिनेशन बोर्ड, स्कूल ड्रेस, जूते, मौजे, स्वेटर, जाकेट, हाइजीन किट, व् छात्रवर्ती दी जाएगी ! यह बात सुन आकर मेरे मन

शिक्षा दान नहीं धर्म यह सबके हक़ का अधिकार बने

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मेरा नाम किशन शर्मा है में अजमेर के मुहामी गांव में रा.उ.मा.वि. के प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत हूँ पिछले कुछ वर्षो से राजस्थान समग्र कल्याण सस्थान द्वारा हमारे स्कूल में गरीब ,निर्धन , विकलांग ,असहाय ,अनाथ, बच्चों के साथ शिक्षा विकास हेतु बहुत सारे कार्यक्रम शाला में करवाये जाते है जिसमे ज्यादातर स्कूली छात्राओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया जाता है ! जिन्हें हमारा समाज आज भी पिछड़ेपन की दृष्टि से देखता है हमारे समाज में बालिका को शिक्षा के लिए बढ़ावा व् प्रोत्साहन कम देखने को मिलता है आज के इस बढ़ते हुए समाज के कुछ लोगों के कारण ही बालिकाएं स्वत्रत रूप से शाला में अध्धय्यन को जा रही है जिसमे राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस कड़ी में अपनी अहम् भूमिका निभा रही है समाज के वंचित छात्रों को इनके द्वारा एक सुनहरा मौका व् अवसर प्रदान किया जा रहा है जिसमे व् शिक्षा प्राप्त  कर अपनी  बौद्धिक क्षमताओ का विकास करे व् अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सके ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसी 25 बालिकाओं  को शिक्षण सामग्री व् जरुरत की सभी वस्तुएँ दी गई जो शिक्षा हेतु वर्ष भर उसके काम आएगी ! इसमें उनको स्कूल

स्लम एरिया के बच्चो को शिक्षा से जोड़ना

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर शहर के आसपास झुग्गी झोपडी वाले इलाके, स्लम एरिया व् डेरों निचली बस्तीयो में रहने वाले गरीब व् निर्धन बच्चों के लिए शिक्षा दिलाने हेतु पाठशालाये चलाई जाती है ! जहा उनको रंग ज्ञान, अक्षर ज्ञान, जोड़बाकी, व् कहानियाँ,कविताये सिखाई जाती है जिसमे इन गरीब बच्चो में शिक्षा के प्रति ललक जागे और यह सभी स्कूल जाने व् शिक्षा प्राप्त करें ! इनको स्कूल से जोड़ने के लिए पहले शिक्षा के स्वरुप को समझाया जाता है ! अनुशासित बनाया जाता है ! व् जिज्ञासा और ललक बढ़ाई जाती है ! तद्पश्चायत उनके प्रवेश संबंधी सभी दस्तावेज जाँचे जाते है ! जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन आधार कार्ड, भामाशाह व् माता पिता के पूर्व दस्तावेज भी उनके पास उपलब्ध होने चाहिए जिसके फलस्वरूप उनको आसानी से स्कूल में शिक्षा प्राप्ति हेतु दाखिला मिल सके इसके लिए संस्था प्रतिनधियों द्वारा उनका भरपूर सहयोग किया जाता है ! शिक्षा हर मानव का अधिकार है ! जो उसके जीवन को चहुँमुखी बनाता है ! व् सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है माँ बाप की असमर्थता के कारण बहुत से बच्चे पढ़ना तो चाहते है ! मगर आ

जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला कार्यक्रम

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जीवन कौशल वे मूल कौशल है ! जिन्हे प्रत्येक वयक्ति को स्वय और दूसरे लोगों की बेह्तरी के लिए आतंरिक और ब्राह्य रूप से अर्जित और आत्मसात करना आवश्यक है ! जीवन कौशल अनुकूल तथा सकारात्मक व्यवहार हेतु ऐसी योग्यताएं है ! जो व्यक्तियो को दैनिक जीवन की माँगो और चुनौतियों का प्रभावपूर्ण ढंग से सामना करने में समर्थ बनती है ! जिसमे  जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला के साथ साथ व्यक्तिगत गुन भी शामिल होते है जो कार्य स्थल में सफलता सुनिश्चित करते है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर यह कार्यक्रम करते है ! जिसमे जीवन जीने के श्रेष्ठ तरीको को बताया व् अपनाया जाता है ! भविष्य में निर्णय लेने की क्षमता ही आप में नेतृत्व की भावना का विकास करती है ! किसी भी जटिल कार्य को सरलता पूर्वक से और दक्षता से करने की योग्यता ही हमारा कौशल है ! जीवन कौशल शिक्षण का उद्देश्य मौजूदा ज्ञान और सकारात्मक द्रष्टिकोणों और मूल्यों  के साथ साथ नकारात्मक द्रष्टिकोणों और जोखिम भरे व्यवहारो को रोकना है ! जीवन कौशल शिक्षण व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओ की रोकथाम में

यौन उत्पीड़न हिंसा के रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा महिलाओ पर हो रही हिंसा के विरुद कई निवारण कार्यक्रम चलाये जा रहे है ! जो की सभी स्कूली बालिकाओं व् ग्रामीण महिलाओं  के साथ मिलकर किये जाते है ! यौन हिंसा वयक्तियो और समुदायों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य ,सामाजिक न्याय और सुरक्षा का मुद्दा है ! संस्था द्वारा यौन हिंसा , सम्बन्ध हिंसा ,यौन उत्पीड़न और पीछा करने के बारे में गंभीरता से सोचकर की कैसे एक सुरक्षित समुदाय का निर्माण किया जाये और अपने व् दुसरो के लिए जिम्मेदारियाँ ली जाये और नुक्सान पहुचाये गए लोगो के प्रति उचित प्रति क्रिया दी जाये शिक्षा महत्वपूर्ण है ! ज्ञान वयक्तियो और समुदायों को बदलने के लिए सशक्त बनता है ! संस्था द्वारा बताया गया की यह एक सतत प्रक्रिया है ! और इसमें विश्वासों , शब्दो ,व्यवहारों, और कार्यो की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है ! जबकि निरंतरता की शुरुआत में कई व्यवहार हमारी आचार सहिंता के विरुद्व नहीं हो सकते है !यौन हिंसा की रोकथाम एक सामुदायिक प्रयास है ! और रोजमर्रा की गतिविधिया एक अंतर पैदा करती है ! निरंतरता की शुरुआत में वस्तुओँ को सम्बोधित करके हम अपने समाज में पारस्परिक

छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम

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छात्रवृत्ति एक प्रकार की आर्थिक सहायता को कहते है ! जिसमे विद्याथीयो को आगे की शिक्षा में आर्थिक रूप से सहायता एवं मानसिक रूप से प्रोत्साहन हेतु प्रदान की जाती है ! इसे प्रदान करने का मुख्य आधार मेघावी अथवा निर्धन विद्याथीयो से होता है ! इसके जरिये मेघावी छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उन्हें भी इस सहायता के कारण पढ़ाई  में कोई परेशानी नहीं आती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सर्वप्रथम उस जरूरतमंद स्कूल को देखा जाता है ! जहा इसकी बहुत आवश्यकता है ! वह सम्बंधित प्रिंसिपल से मिलकर उन विद्यार्थिओं की सूची ली जाती है ! जो वास्तविक रूप से सहायता के लिए जरूरतमंद हो और फिर घर घर जाकर उनकी आर्थिक स्थिति भलीभांति देखी जाती है ! व् इस सहायता के लिए परिवार वालो से बातचीत भी की जाती है व् इस परेशानी के मुख्य कारणों को भी सूचीबद्ध किया जाता है ! ताकि संस्था अपने प्रयासों से इस विकृति या परेशानी को दूर करने में उनकी मदद कर सके ! इसके पश्च्यात भौतिक सत्यापन कर पुन प्रिंसिपल को देय छात्रों की सूचि से अवगत करा कर शाला में एक दिवसीय छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम वितरण कार्यक्रम के दौरान

मेरे सपनो को मिली सफलता की नई उड़ान

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मेरा नाम कविता है में 15 वर्ष की हूँ एक हादसे में मेरा सीधा हाथ कट गया जिसकी वजह से मै विकलांगता की श्रेणी में आ गई व् मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी भी ठीक नहीं है जिसमे मै आगे अपनी शिक्षा को प्राप्त कर सके फिर मुझे स्कूल टीचर द्वारा शाला में बुलाया गया जहा पर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मेरा नाम वंचित छात्रा की सूची में लिया गया व् इसके पश्च्यात राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम मेरे घर आकर मेरी स्थिति की पूर्ण जानकारी प्राप्त की व् सर्वे किया इसके कुछ दिनों बाद मुझे स्कूल में एडमिसन मिल गया व् संस्थान के द्वारा मुझे स्कूल बेग ,कॉपी ,किताब ,स्टेसनरी ,जयोमेक्ट्री बॉक्स ,शापनर ,रबर ,पेंसिल ,पैन सेट ,कलर सेट , एग्जामिनेशन बोर्ड ,जूते ,मौजे , ड्रेस , स्वेटर ,आदि सम्पूर्ण शिक्षण सामग्री दी जाती है जो मुझे वर्षभर ज्ञान प्राप्ति में सहायक होगी !  जब इस बात का मेरे परिवार को पता चला तो वह बहुत खुश हुए व् हर्षित हुए  साथ ही मुझे अपनी पढ़ाई पूर्ण करने को प्रोत्शाहित किया एक पल को मुझे लगा जैसे मुझे मेरा सारा जहा मिल गया अब मेरे भी सपने साकार हो सकेंगे और मैं भी अपने सपने साकार कर

शिक्षा समाज का प्रथम सोपान और अभिव्यक्ति की आजादी

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  शिक्षा हमारे जीवन का आधार है ! इसके बिना जीवन की कल्पना करना निरर्थक है ! आज भी हमारे समाज में बालिका शिक्षा को बढ़ावा नहीं दिया जाता है इसी कारण हमारी शिक्षा का स्तर अभी काफी नीचे सोपान पर है शिक्षा से वयक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है व् उसे उन्मुखीकरण की और अग्रसित करती है व् सकारात्मक विचारों को हमारे ह्रदय में जन्म देती है ! किसी भी स्वत्रंत व् विकासशील राष्ट्र के लिए शिक्षा सभी के लिए बहुत जरुरी है ! इस से नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है व् सामाजिक द्रृष्टिकोण भी बदलता है परम्परागत कुरीतियाँ और विचारधाराओ को बदलना बहुत जरुरी है तभी हम अच्छे राष्ट्र व् समाज की परिकल्पना को सार्थक कर सकेंगे !    इसी सन्दर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के लगभग 139  ग्रामीण स्कूलो में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ! जिसमें समाज व् गांव के निराश्रित ,गरीब ,असहाय ,विकलांग ,बेसहारा , बालिका को प्रोत्साहित किया जा रहा है ! जिसमे उनको वर्ष भर के लिए स्कूल बैग ,स्टेसनरी , कॉपी , किताब , जेयोमैट्री बॉक्स ,कलर सेट , पेन , रबर , पेंसिल , ड्रैस ,

संस्कार शिक्षा व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम

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शि क्षा मानव व्यवहार परिवर्तन करने का सबसे बड़ा अंग है। शिक्षा से ही ज्ञान, कर्म, श्रद्धा प्राप्त होती है। जो उनके जीवन में बदलाव लाती  है। शिक्षा जीवन  का अनमोल उपहार है। जो वयक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है। और संस्कार जीवन का सार है। अगर आपके संस्कार सही है तो आपकी शिक्षा भी सही दिशा में जाएगी हमारा दायित्व है समाज की इस बढ़ती युवा पीढ़ी को सही मार्ग दिखाए। ताकि आने कल अच्छा हो , स्कूल में शिक्षा व् घर पर संस्कारो को लेकर उनके साथ रोजाना बातचीत की जाये तो बच्चे स्वयं ही नैतिक मूल्य व् संस्कारो के प्रति सजग रहेंगे। जिस से हमारा दायित्व भी पूरा हो जायेगा।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा सहर के स्लम भागो में , झुगी - झोपड़ियों इलाके , कच्ची बस्तियों में गरीब बच्चो के साथ संस्कार शिक्षा व् व्यवहार परिवर्तन पर कार्यक्रम में साँप - सीढ़ी गेम के माध्यम से इस विषये पर बच्चो को पूर्ण जानकारियाँ दी जाती है। जिस से उनका मानसिक विकास बढ़े। और उनकी बौद्धिक समताये भी विकसित हो सके। यह नैतिक विकास करता है व् हमारी सोच में सही गलत को जानने , पहचानने, की समताये विकसित करता है। इस से

बच्चों के लिए शिक्षा और संस्कार शिविर: जीवन में सकारात्मक परिवर्तन

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 मेरा नाम आकाश है और मैं माक्कड़वाली के झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके में रहता हूं। परिवार में माता-पिता भाई व बहन है। हमारी आय अधिक न होने के कारण हम आगे पढ़ाई नहीं कर सके | जिससे हमें अनुशासन,संस्कार व अन्य चीजों के बारे में कुछ नहीं पता है। जीवन को अच्छा जीने का कौशल हमें नहीं आता है। हमारा बचपन घर के काम करने व खेल कूद में ही निकल जाता है। हमारे जीवन में सब किस तरह से संभव हो, यह हमें नहीं पाता है। इसके लिए हमारे यहां एक समाजसेवी संस्था द्वारा अनुशासन व संस्कार शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चों में शिक्षा के साथ अनुशासन  व संस्कार क्यों अति आवश्यक है। सभी को अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु जीवन में ये दोनों बातें अपनानी बहुत जरूरी है। शिक्षा और विकास के क्षेत्र में अनुशासन महत्वपूर्ण विषय है। अनुशासन मानवीय संसाधनों का एक मूल तत्व है जो व्यक्ति को संगठित करने,समय प्रबंधन करने, लक्षण की प्राप्ति के लिए कर्मकता और संगठनशीलता को विकसित करता है। बच्चों के बौद्धिक विकास क्षमताओं को निखारने का काम करते हैं। जीवन एक चुनौती पूर्ण लक्ष्य है। इसकी प्राप्ति के लिए इनका

आने वाले कल का भविष्य बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

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  मेरा नाम नीति है और मैं कक्षा 9  वी की छात्रा हूँ  घर में मेरे माँ व भाई है अधिक शराब के सेवन के कारण पूवऺ मे मेरे पिता का देहान्त हो गया हमारे समाज में आज भी बेटीयों को आगे तक पढ़ाया नहीं जाता है व क ई बार कन्या भूत हत्या तक की जाती है मेरी माँ मजदूरी करती है इतना सब कुछ परिवार चलाने के लिए संभव नहीं हो पाता है परन्तु एक दिन स्कूल प्रशासन द्वारा मुझे बताया कि उन्होंने उसका नाम संस्था मे लिखवाया है जिससे उसे कुछ मदद मिल सकेगी | कुछ दिन बाद राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के प्रतिनिधि हमारे घर आये व मेरा सवऺ कर संस्था द्वारा बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ में मेरा नाम सवऺ लिस्ट में लिख लिया | इस कार्यक्रम में संस्था द्वारा रैली, प्रतियोगिता, चित्रकला, काॅम्पिडिसन, प्रशनोतरी, व आपसी चचाऺ कर यह कार्यक्रम किया गया | जिसमें बताया गया कि कन्या भूण हत्या पर पूणऺत पांबन्दि हो, समाज में लिंगानुपात समान हो, कोई भेदभाव न हो, सबको शिक्षा का अधिकार हो व सामाजिक स्वत्रंता भी सबको प्राप्त हो सकें | कार्यक्रम में जो गरीब तबके की बालिकाऐ स्कूल में अध्ययन कर रही है उनके लिये शिक्षा प्रोत्साहन हेतु स्कूल

शिक्षा जिंदगी का पहला सोपान सफलता का द्वार

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मेरा नाम रेखा है मेरे घर पर माता- पिता व हम 4 बहनें है 1 बहन की शादी हो गई है हम तीन बहनें घर ही रहती है पिता मजदूर है उनकी इतनी आय नहीं है कि हम तीनों बहनों को स्कूल पढ़ा सकें व सबका खचऺ उठा सकें हमने भी इस मजबूरी के चलते परिवार से कोई आग्रह नहीं किया | फिर हमारे गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा पाठशाला कार्यक्रम हेतु सवऺ किया गया | जिसमें उन्होंने घर घर जाकर सवऺ किया और बताया कि इस कार्यक्रम में कोई खचऺ नहीं आयेगा बस अध्ययन के लिए रोज पाठशाला में आना होगा | इस बात के लिए हमारा परिवार राजी हो गया अब हम बहनें भी पढ़ लिख लें और अपनी पढा़ई पूरी कर सकें | फिर पाठशाला कार्यक्रम में हम बहनें जाने लगी वहाँ का वातावरण स्कूल से बिलकुल अलग था वहाँ पर गांव के हर पिछड़े व गरीब बच्चे को पढ़ने व अपने विचार रखने की स्वतंत्रता थी |समय समय पर हमारे साथ ज्ञानवर्धक क्रियाओं के माध्यम से समझाया जाता है व समय समय पर बौद्धिक विकास के लिए खेलों का आयोजन किया जाता है जिससे उनका शारीरिक विकास भी हो और व अपनी क्षमताओं को निखार सकें पाठशाला में अध्यापक द्धारा  शिक्षा के नये आयामों से पढ़ाई क