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शिक्षा दान नहीं धर्म यह सबके हक़ का अधिकार बने

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मेरा नाम किशन शर्मा है में अजमेर के मुहामी गांव में रा.उ.मा.वि. के प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत हूँ पिछले कुछ वर्षो से राजस्थान समग्र कल्याण सस्थान द्वारा हमारे स्कूल में गरीब ,निर्धन , विकलांग ,असहाय ,अनाथ, बच्चों के साथ शिक्षा विकास हेतु बहुत सारे कार्यक्रम शाला में करवाये जाते है जिसमे ज्यादातर स्कूली छात्राओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया जाता है ! जिन्हें हमारा समाज आज भी पिछड़ेपन की दृष्टि से देखता है हमारे समाज में बालिका को शिक्षा के लिए बढ़ावा व् प्रोत्साहन कम देखने को मिलता है आज के इस बढ़ते हुए समाज के कुछ लोगों के कारण ही बालिकाएं स्वत्रत रूप से शाला में अध्धय्यन को जा रही है जिसमे राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस कड़ी में अपनी अहम् भूमिका निभा रही है समाज के वंचित छात्रों को इनके द्वारा एक सुनहरा मौका व् अवसर प्रदान किया जा रहा है जिसमे व् शिक्षा प्राप्त  कर अपनी  बौद्धिक क्षमताओ का विकास करे व् अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सके ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसी 25 बालिकाओं  को शिक्षण सामग्री व् जरुरत की सभी वस्तुएँ दी गई जो शिक्षा हेतु वर्ष भर उसके काम आएगी ! इसमें उनको स्कूल

छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम

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छात्रवृत्ति एक प्रकार की आर्थिक सहायता को कहते है ! जिसमे विद्याथीयो को आगे की शिक्षा में आर्थिक रूप से सहायता एवं मानसिक रूप से प्रोत्साहन हेतु प्रदान की जाती है ! इसे प्रदान करने का मुख्य आधार मेघावी अथवा निर्धन विद्याथीयो से होता है ! इसके जरिये मेघावी छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उन्हें भी इस सहायता के कारण पढ़ाई  में कोई परेशानी नहीं आती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सर्वप्रथम उस जरूरतमंद स्कूल को देखा जाता है ! जहा इसकी बहुत आवश्यकता है ! वह सम्बंधित प्रिंसिपल से मिलकर उन विद्यार्थिओं की सूची ली जाती है ! जो वास्तविक रूप से सहायता के लिए जरूरतमंद हो और फिर घर घर जाकर उनकी आर्थिक स्थिति भलीभांति देखी जाती है ! व् इस सहायता के लिए परिवार वालो से बातचीत भी की जाती है व् इस परेशानी के मुख्य कारणों को भी सूचीबद्ध किया जाता है ! ताकि संस्था अपने प्रयासों से इस विकृति या परेशानी को दूर करने में उनकी मदद कर सके ! इसके पश्च्यात भौतिक सत्यापन कर पुन प्रिंसिपल को देय छात्रों की सूचि से अवगत करा कर शाला में एक दिवसीय छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम वितरण कार्यक्रम के दौरान

चिड़ियाघर द्वारा वन्य जीवन का संरक्षण: एक समर्पित प्रयास एक नई पहल

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मेरा नाम अविनाश आहूजा है मैं एक पर्यावरण विद हूं और एक कॉलेज में वनस्पति विज्ञान का प्रोफेसर हूं | हमारे भारत में कई तरह के पशु पक्षी निवास करते हैं उनमें से हर घर के बाहर आंगन में पहले बहुतायत गौरैया पक्षी पाई जाती थी | परंतु वृक्षों की अंधा धुन्ध कटाई व पर्यावरण प्रदुषण की वजह से इनकी प्रजाति लुप्त होने के कगार पर आ गई है इसके लिए कुछ समय पूर्व मुझे पता चला की अजमेर की राजस्थान समग्र कल्याण संस्था द्वारा इस प्रजाति को बचाने का एक अभियान चलाया जा रहा है संस्था से सम्पर्क करने पर उन्होंने कार्यालय में आने का मुझे निमंत्रण दिया  फिर मैं संस्था के पास या और उनसे बातचीत कर देखा कि संस्था द्वारा विभिन्न संस्थाओं, क्रार्यालयो , शिक्षण संस्थान बाग बगीचे में हॉस्पिटल थाने व और ऐसे स्थान जहां पेड़ों की संख्या बहुत अधिक है वहां चिड़ियाघर में उनके खाने हेतु फीडर की व्यवस्था की गई है जिसके नतीजे उनकी संख्या में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि देखी गई है | उनको देखकर लगा मुझे जैसे मेरे बचपन के वो दिन चिड़िया उड़ खेल की याद मेरे मन मस्तिष्क में पुनः ताजा हो गई। संस्था द्वारा ज्ञात हुआ प्राकृतिक रूप से वह

एक संगठित प्रयास छात्रों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त करना संघर्ष से सफलता तक

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मेरा नाम ज्योति गवारिया है मैं कक्षा 10 की छात्रा हूं मेरे माता-पिता बहुत गरीब हैं जैसे तैसे हम तीन भाई बहन स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं | हमारे स्कूल में 1 दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा गरीब बच्चों के नाम स्कूल से लेकर सर्वे किया गया | जिसमें मेरा नाम भी आया वह मेरा भी सर्वे हुआ संस्था द्वारा कैफ अमेरिका के तहत् हम गरीब छात्र छात्राओं को जूते ,मौजें,जैकेट ,व पानी की बोतल संस्था के प्रतिनिधि द्वारा स्कूल प्रांगण में दी गई। संस्था द्वारा जिले के हर स्कूल में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है | जिसमें सभी गरीब होशियार छात्र छात्राओं को यह सामग्री दी जा रही है जिसे वह अपनी स्कूली शिक्षा और अध्ययन सम्बंधित जरूरतों को पूरा कर सकें | वह अच्छे से अध्ययन कर समाज देश की भागीदारी में अपना योगदान दे सके|  हमारी शाला में ऐसे कई गरीब छात्र छात्राऐं हैं जिनके पास पहनने को जूते मौजे नहीं ठंड से बचने के लिए जैकेट नहीं व पीने का पानी पास रखने के लिए बोतल नहीं यह सभी सामग्री उनके हित के लिए बहुत उपयोगी है। संस्था द्वारा बताया गया गया इस तरह के कार्यक्रम से शाला में पढ़ रहे निर्धन व गरीब छात्र