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छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम

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छात्रवृत्ति एक प्रकार की आर्थिक सहायता को कहते है ! जिसमे विद्याथीयो को आगे की शिक्षा में आर्थिक रूप से सहायता एवं मानसिक रूप से प्रोत्साहन हेतु प्रदान की जाती है ! इसे प्रदान करने का मुख्य आधार मेघावी अथवा निर्धन विद्याथीयो से होता है ! इसके जरिये मेघावी छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उन्हें भी इस सहायता के कारण पढ़ाई  में कोई परेशानी नहीं आती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सर्वप्रथम उस जरूरतमंद स्कूल को देखा जाता है ! जहा इसकी बहुत आवश्यकता है ! वह सम्बंधित प्रिंसिपल से मिलकर उन विद्यार्थिओं की सूची ली जाती है ! जो वास्तविक रूप से सहायता के लिए जरूरतमंद हो और फिर घर घर जाकर उनकी आर्थिक स्थिति भलीभांति देखी जाती है ! व् इस सहायता के लिए परिवार वालो से बातचीत भी की जाती है व् इस परेशानी के मुख्य कारणों को भी सूचीबद्ध किया जाता है ! ताकि संस्था अपने प्रयासों से इस विकृति या परेशानी को दूर करने में उनकी मदद कर सके ! इसके पश्च्यात भौतिक सत्यापन कर पुन प्रिंसिपल को देय छात्रों की सूचि से अवगत करा कर शाला में एक दिवसीय छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम वितरण कार्यक्रम के दौरान

विपरीत परिस्थितियों के विरुद्ध संघर्ष: एक छात्र की शिक्षा की यात्रा

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मे रा नाम सुलेखा है और मैं कक्षा 9 में पढ़ती हूं। मेरे पिता एक मजदूर है और मां गृहणी का कार्य करती है। हम कुल 4 भाई बहन हैं अकेले पिता कमाने वाले हैं और हम तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं। बड़ा भाई भी अब मजदूरी करता है। हमारे खर्च के बाद हमारी पढ़ाई का खर्चा बहुत मुश्किल से उठाया जाता है मेरी आगे पढ़ने की इच्छा है मैं भी पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती हूं, परंतु गरीबी के कारण मेरा आगे तक पढ़ पाना संभव नहीं है। फिर एक दिन स्कूल में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि आए और उन्होंने बताया जो छात्रा आगे पढ़ना चाहती है, परंतु किसी कारणवश अध्ययन कार्य में समस्या आ रही है तो उसे दूर करेंगे। फिर वह मेरे घर आए और मेरा सर्वे करके मेरे घर मेरी स्थिति को देखा |और मुझे आगे और पढा़ई करने की बात कही | कुछ दिन बीतने के बाद फिर संस्था द्वारा एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें वो सभी छात्राएं जो आगे पढ़ने की इच्छुक है परंतु किसी कारणवश पढ़ नहीं पा रही है उनको छात्रवृत्ति देने हेतु यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संस्था प्रतिनिधि आए और उन्होंने हमको शिक्षा के महत्व, मूल्य इससे प्राप्त सुख के बारे में बताया। कि

गरीबी के खिलाफ शिक्षा का संघर्ष: एक प्रेरणादायक कहानी

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 शिक्षा हर व्यक्ति का शैक्षणिक अधिकार है यहां स्त्री और पुरुष में कोई भेद नहीं होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर स्कूली छात्रा हेतु कई कार्यक्रम किये जाते हैं, जिसमें वो शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित हो सके और अपना जीवन संवार सके। इसके लिए संस्था हर वर्ष स्कूल यूनिफॉर्म, स्टेशनरी, स्कूल बैग, कॉपी, किताब, जूते मौजें व शिक्षण सामग्री व गरीब बालिकाओं को छात्रवृत्तियां दी जाती है। संस्था का उद्देश्य समाज की हर बेटी के लिए शिक्षा मुहैया करवाना है। यह समाज की गरीब, असहाय, विकलांग पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को प्रदान की जाती है। इसको मिलने से सभी के मन में शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन जागता है और वह इस हेतु सतत् प्रयास भी करता है जिसके सकारात्मक प्रभाव हमें देखने को मिलते हैं जिसकी वजह से वो अपने शैक्षणिक सपने और महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर सके। पूरे देश में ऐसी सैकड़ो बालिकाएं हैं जो वित्तीय अस्थिरता की कमी के कारण उन्हें अपनी उच्च शिक्षा छोड़नी पड़ती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस वर्ष सात स्कूलों की 80 छात्राओं को छात्

शिक्षा के प्रति आत्मनिर्भरता: एक परिवर्तन की ताकत शिक्षा से जीवन की ओर

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  मेरा नाम नीतू है और मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय केसरपुरा में छठी क्लास की छात्रा हूं मेरे पिता का एक सड़क दुर्घटना में स्वर्गवास हो गया है वह घर में मेरी विकलांग माँ और एक भाई है स्कूल में पढ़ने के लिए मेरे पास फीस तक पैसे नहीं है जिसका कारण मुझे अध्ययन में  बहुत परेशानी हो रही है इस परेशानी से मैंने शाला प्रधान को अवगत कराया उनके द्वारा मुझे राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधियों के बारे में बताया। व इस विषय पर उनसे मेरी बात भी करवाई गई | फिर दिन संस्था के कुछ प्रतिनिधि पाठशाला में आए वे शाला प्रधान से मेरे घर जाने की बात कर हमारी स्थिति को जांचा व पुन् शाला में आकार आश्वासन दिया की हम तुम्हारी फीस व शिक्षण सामग्री का बंदोबस्त करते हैं फिर एक दिन शाला प्रधान को उन्होंने एक वर्ष की फीस की रकम एक साथ शाला में जमा करा दी | इस बात से मैं और मेरा परिवार बहुत खुश हुआ उनका यह कार्य मुझे और लगन देगा जिससे मैं और अच्छा पढ़ लिखकर कुछ बनकर अपने परिवार की समस्त आवश्यकताओ को पूरा कर सकूँ | समाज में ऐसा कई निराश्रित परिवार है जिनके बच्चे पढ़ना तो चाहते हैं मगर घर की माली हालत व गरीबी