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"दीपावली की रोशनी: वंचित बच्चों के लिए खुशियों का त्योहार"

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हिन्दू मान्यता के अनुसार दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है इस दिन भगवान् श्री राम लंका विजय कर 14 वर्ष बाद अपनी नगरी अयोध्या आये थे ! जिसकी खुशी और हर्षोउल्लास में सब ने मिलकर दीपक जलाये थे ! इसी उपलक्ष्य में भारत वर्ष में यह त्यौहार बड़ी खुसी व् धूमधाम से मनाया जाता है ! आपस में सभी भाईचारे के साथ मिलकर एक दूसरे को अपनी शुभ कामनायें देते है और पठाखे जलाकर अपनी ख़ुशी का इजहार करते है ! यह प्रकाश और खुशियों का त्यौहार है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष वंचित परिवारों के बच्चों के साथ मिलकर मनाते है ! जिसमे स्लम एरिया, झुग्गी झोपड़ी , निचली बस्तियाँ व् स्ट्रीट क्र बच्चे शामिल होते है गरीबी के कारण यह बच्चें हमारे बच्चों की तरह इस त्यौहार को मनाने में असमर्थ नहीं होते है ! अंतः संस्था इनको वो खुशियों प्रदान करती है जो एक बचपन अपनी इस अवस्था में उसकी लालसा रखता है और वह भी हसी खुशी इस त्यौहार को मनाना चाहता है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस वर्ष 550 बच्चों के साथ दीपावली उत्सव कार्यक्रम मनाया गया ! इसमें इन सभी बच्चों को ड्रेस, पटाखे , मिठाई, व् मोमबत्ती इत्या

"सपनों की उड़ान: जीवन कौशल शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण ''

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के साथ कई तरह के कार्यक्रम किये जाते है जिसमे से यह कार्यक्रम उनके बचपन को एक नेक शिक्षा देकर उन्हें व्यवहारशील और शालीन बनाता है ! इन गरीब बच्चों को ना तो शिक्षा प्राप्त हो पाती है और ना ही जीवन जीवन को किस प्रकार से जिया जाये वो ढंग प्राप्त हो पाता है ! इसलिए ये जरुरी बन जाता है की समाज के सभी बच्चो के सामान इनको समझे और उनके जैसे इन्हे भी खुलकर अपना जीवन जीने दे ! इस कार्यक्रम में शिक्षा के साथ उनके साथ मिलकर बहुत सारी गतिविधिया करवाई जाती है ! जिसके शाब्दिक पाठ्यक्रम में शाब्दिक ज्ञान, अक्षर ज्ञान, पहाड़े, कविताएं, कहानियाँ, सामान्य ज्ञान, रंगो की पहचान आदि करवाए जाते है ! इसके साथ साथ विभिन्न माध्यम के खेलों के साथ उनका मानसिक सर्वागीण विकास भी किया जाता है ! जो उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करते है और विषय वस्तु के ज्ञान को समझने के लिए आतुर रहते है !  संस्थान के मास्टर ट्रेनर उन्हें हर बात बहुत करीने से समझाते व् सिखाते है और साथ ही हर बात में उनका उत्साह वर्धन करते है ! जो आवश्यक रूप से उनको वो समस्त सामग्री का ज्ञान व् विषय वस्तु का बोध करवा