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आत्मनिर्भरता की ओर: एक महिला उद्यमिता की कहानी

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मेरा नाम नेहा वर्मा है मैंने स्नातक कर रखा है और अभी से घर पर ही रहती हूं। घर में माता-पिता व दो भाई हैं। पिता का छोटा सा कार्य है वे भाई पढ़ते हैं पढ़ने के बाद मेरी शुरू से इच्छा थी कि मैं कोई अपना व्यवसाय चलाऊं जिससे मुझे मेरा नाम और पैसे दोनों की प्राप्ति हो सके। सौंदर्य श्रृंगार में मेरी रुचि बहुत थी। सुंदर दिखना आकर्षण का परिचायक होता है और यही शुरू से मेरी इच्छा रही फिर मेरी सहेली से मुझे ज्ञात हुआ कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे यहां ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है जिसमें सर्व के दौरान मैंने अपना नाम अंकित करवा लिया इसके लिए परिवार से मैंने सहमति ही प्राप्त कर ली। कुछ दिनों पश्चात यह प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ हुआ। इसमें हम 30 महिलाएं थी। इस कार्यक्रम में हमें प्रत्येक दिन 8 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाने लगा, जिसमें महिलाओं के साज श्रृंगार के सभी काम हमें बारी-बारी सिखाए जाने लगे। 3 माह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में हमने अपना ब्यूटी पार्लर काम जारी रखा।   इस कार्यक्रम में हम सभी को साथ समय- समय पर अन्य और भी कार्य

बदलते भारत में महिलाओं का ब्यूटी पार्लर: विकास और सशक्तिकरण

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हमारा आज का भारत बदलता भारत है। यहां कई विकास की राहें खुली है संसाधन बढ़े हैं नई सोच विकसित हुई है वह आधुनिकता आई है। आज की नई इस दौर में सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहती है कि यही कारण से आज हर जगह महिलाओं का ब्यूटी पार्लर कार्य बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहा है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा युवा महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव नारेली में रखा गया जहां संस्था द्वारा किए गए सर्वे में सभी में उत्साह दिखाते हुए अपना नाम दर्ज करवाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन माह की अवधि का होता है जिसमें महिलाओं को साज श्रृगांर के संबंधित सभी कार्य सिखाए जाते हैं। प्रतिदिन 8 घंटे इसको चलाया जाता है जिसमें 25 से 35 महिला एक समूह बनाकर अपना कार्य करती है। इस कार्यक्रम में कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में सभी को प्रक्रियात्मक रूप से कार्य बताया जाता है जो कि हमारी रुचि में समाहित हो जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटना व सजाना, नाखून काटना, मेहंदी, वैक्सीन, फेस पैक, पेडीक्योर, स्टीम देना, मेकअप, ब्राइडल श्रृंगार, थ्रेडिंग, आईब्रो बनाना, ब्लीच, अनेक

महिला उत्थान: घरेलू स्त्रियों का स्वरोजगार के माध्यम से सफलता का पथ

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  मेरा नाम सीमा शर्मा है। मैं नवविवाहित महिला हूं और B.A पास हूं। घर में पति एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। इसके अलावा घर में सास,ससुर व देवर है। मैं भी घर के कामों में अपना सहयोग करना चाहती हूं। बचपन से मुझे अपना ब्यूटी पार्लर शॉप खोलने की इच्छा रही है। यह बात मैंने घरवालों को भी बता दी। फिर सब ने मुझे आश्वासन दिया और सहयोग करने की बात कही। उसके बाद मैं RSKS के द्वारा SHG के कार्यक्रम से जुड़ी |  जिसमें मुझे बचत,ऋण , बैंक किश्त अदायगी पर समूह में  कार्य किया | डेढ़ वर्ष बाद मुझे बैंक से समूह ऋण प्राप्त हुआ जिसको मैंने अपने ब्यूटी पार्लर के कार्य में लगाया। इस कार्य में मेरे पति व संस्था ने भरपूर सहयोग दिया। फिर मैंने इनसे प्राप्त पैसों से समस्त ब्यूटी पार्लर का सामान लेकर आई जैसे केश सजा,मेहंदी,फेशियल,मसाज,नेल कटिंग, पेडीक्योर, वैक्सिंग,मैनीक्योर, ब्लीचिंग,बाल काटने के उपकरण,स्ट्रेट करने के उपकरण,बॉडी मसाज, हेड मसाज इत्यादि सामान खरीदे। वह इनको अपने ब्यूटी पार्लर में रखा। फिर अपने कार्य को धीरे-धीरे में बढ़ाने लगी। मैंने यह कार्य पूर्व में अच्छे से सीखा था। इसलिए मुझे कोई दिक्कत न

राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान: महिलाओं के सामर्थ्य को बढ़ाते हुए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा अजमेर के काई शहरी ,अधऀशहरी,व ग्रामीण भागों में उघमिता विकास को लेकर महिलाओं के साथ उनके कौशल विकास को निखारने के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जाते हैं जिनमें आज के युग में प्रचलित ब्यूटी पार्लर बहुत ही प्रचलित कार्य है। संस्था द्वारा सर्वप्रथम किसी गांव व शहर के इलाके में जाकर वहाँ सर्वे किया जाता है जिसमें युवा वर्ग की महिलाओं को शामिल किया जाता है। घर-घर जाकर सर्वे में उनसे उनकी स्थिति वह अभिरुचि तय कर उनका नाम लिस्ट में जोड़ा जाता है। फिर एक साक्षात्कार किया जाता है जिसमें उन्हें कार्यक्रम की रूपरेखा समझाई जाती है। वह बीच में इसको ना छोड़ने की आज्ञा भी दी जाती है। सभी सर्वे कार्य साक्षात्कार पूर्ण हो जाने के बाद मां के जन्म प्रतिनिधि या समाजसेवी के द्वारा इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया जाता है। जीवन में महत्वाकांक्षी होना बहुत जरूरी है और महिला शक्ति अपने कार्य के प्रति बड़ी सजग रहती है। भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। इस बढ़ते युग में सौंदर्य प्रसाधन भी बढ़ रहा है। इसको देखते हुए ब्यूटी पार्लर व्यवसाय सफल वह अच्छा कार्य है। राजस्थ

महिलाओं के लिए कौशल विकास: आर्थिक स्वतंत्रता की मेरी राह

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  मेरा नाम एकता है मैं एक गृहणी हूँ घर में सास, ससुर, पति व 1 बच्चा है मेरी पढ़ाई 12 तक पूरी हुई फिर इसके बाद मैं अपना  एक दिन मुझे अजमेर की प्रतहस्थ जीवन व्यतीत करने लगी वैसे तो देखा जाये हर नारी को खूबसूरत दिखना व साज श्रृंगार करना बहुत अच्छा लगता हैं इसी रूचि के देखते हुए मैंने कई बार ब्यूटी पार्लर कोसऺ करने की सोची परन्तु किसी ना किसी कारण से अपनी अभिरुचि को इतना समय नहीं दे पाई एक दिन अजमेर की प्रतिष्ठित संस्था राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का मालूम चला जो महिलाओं के लिये रोजगार सम्बंधित प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम आयोजित करती है | उनके द्वारा हमारे यहाँ घर घर सवऺ कार्यक्रम हुआ वे हमारे घर आये उनके बताने और काफी समझाईश के बाद परिवार की स्वकृति के के बाद अपनी रूचि को देखकर मैंने अपना नाम इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लिखवा दिया | संस्था द्वारा 90 दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हमें ब्यूटी पार्लर के सभी कार्य सिखाये गयें जिसमें केश सज्जा, मेंहदी कार्य, फेशियल, नैल कटिंग, पैडिक्योर, वैक्सीन, मेनिक्योर, ब्लीचिंग, बाल कलर करना, बाल स्ट्रेट करना, बाॅडी मसाज, इत्यादि थे | संस्था के मास्टर