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टीम बिल्डिंग की कला: साझा लक्ष्यों की ओर एक साथ कदम बढ़ाना

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टीम बिल्डिंग अथवा कुशल नेतृत्व उसे कहते है जब संगठन खराब संचार प्रणाली या अस्पष्ट नेतृत्व निर्देशों के लिए त्वरित समाधान की तलाश में होते है जिसके कारण अनुत्पाद टीमें बनती है और उन्हें यह स्पष्ट नहीं होता की सफल कैसे हुआए जाये ! 1 टीम वर्क इसका सबसे अच्छा कार्य है ! जबकि लीडरशिप एक ऐसी टीम बनाने और बनाये रखने की वो क्षमता है जो अपने प्रतिस्पर्धियों के सापेक्ष अच्छा प्रदर्शन करती है दूसरे शब्दो में प्रभावी नेता या लीडर लोगों को अन्य टीमों से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए संगठित कर सकते है इस दृश्टिकोण का अर्थ है की नेतृत्व एक उपाधि नहीं बल्कि अनुयायियों को प्रेरित करने की क्षमता है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ऐसे ही अपने भारत की समस्त महिला शक्ति को कुशल नेतृत्व व् क्षमता निर्माण कार्यक्रम करवा कर  उन्हें समाज में अपना नाम स्थान स्थापित करवाने का सुअवसर प्रदान कर रहे है जिससे वे भी संगठित हो सकते है टीम निर्माण एक महत्वपूर्ण प्रकिर्या है जिसका उदेश्य एक साँझा लक्ष्य की दिशा में एक साथ काम करने वाले व्यक्तियों के समूह की प्रभावशीलता और दक्षता को मजबूत करना है ! जो सामूहिक उद्देश्यों को

महिला सशक्तिकरण द्वारा स्वरोजगार: एक गांव प्रगति की ओर

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मेरा नाम मैंना नायक है, मैं एक गृहणी हूं। घर में मेरे चार बच्चे हैं। वह पति मजदूरी का कार्य करते हैं। हमारा गांव अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है। यहां रोजगार संबंधी कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है जिसके कारण  हमें यहाँ रोजगार नहीं मिल पाता है अतः हमारी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। फिर बच्चों की पढ़ाई का खर्च बहुत अधिक हो जाता है। कुछ माह पुवऺ हमारे गांव में RSKS की टीम आई | उनके द्वारा महिलाओं के लिए   SHG का कार्यक्रम रखा गया जिसमें बहुत सारी महिलाओं ने भाग लिया। वहाँ उन्हें बहुत अधिक जानकारियां दी गई। उनके द्वारा बनाए गये SHG में मैंने भी अपना नाम लिखवा लिया। समय-समय पर मीटिंग के माध्यम से वह हमें बचत करने की प्रेरणा सीखते थे और अपनी बचत को SHG की महिलाओं में आपसी ऋण के रूप में बांटने के लिए प्रेरित करते थे। धीरे-धीरे फिर हमनें बैंक से स्वरोजगार लिए ऋण आवेदन किया। उसके बाद मैंने संस्था के माध्यम से सिलाई प्रशिक्षण में अपना नाम लिखवा दिया। प्रशिक्षण में हमें सभी प्रकार के वस्त्र सिलना सिखाया गया। और उस काम में हमें पांरगत किया फिर हमें बैंक से जो ऋण प्राप्त हुआ, उससे मैंने सिलाई मशीन खरीद कर घर

भारत में कुपोषण की समस्या: विश्लेषण और समाधान

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कुपोषण का मतलब शरीर में पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी को कहते हैं कुपोषणता तब होता है जब शरीर को सही व पूर्ण मात्रा में आवश्यक तत्व नहीं मिलते हैं। इसके कारण आहार की कमी, पाचन की अवस्थाएं ,या कोई अन्य रोग शामिल है। इसमें शरीर एकदम निर्बल हो जाता है। थकान,चक्कर के लक्षण दिखाई देते हैं और मानसिक विकलांगता तक आ जाती है। व इसके कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है जिससे वे कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। भारत में कम मात्रा में भोजन करने पर कुपोषण विकसित होता है। कम आय वाले लोगों में भोजन की कमी बहुत आम बात है। खाने या पोषक तत्वों को अवशोषित करने में कठिनाई के कारण पुराने संक्रमण कैंसर,टी बी की बीमारी वाले लोगों को भूख कम लगती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस हेतु गरीब,निर्धन,असहाय,बेरोजगार, बेसहारा,विकलांग, मानसिक रोगी,गरीब बच्चों को स्लम एरिया के लोग,विधवा महिलाएं,व गरीब मरीजों के साथ हाइजीन फूड वितरण कार्यक्रम व राशन वितरण कार्यक्रम संस्था द्वारा किए जाते हैं, जिससे इनके शरीर के लिए जरूरी तत्व वाली समस्त रसोई खाद्य सामग्री उनको दी जाती है जिससे उनमें कुप