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उद्यमिता और नेतृत्व: महिलाओं के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देना

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उद्यमिता जीवन का वो चरण है जो जीवन को स्थिरता प्रदान करता है और आजीविका को संचालित करता है और जीवन के कई कार्य सम्पादित करता है यह महिलाओं के कौशल , नेतृत्व , विचारधारा , आत्मविश्वास व् स्वाभिमान को बल देता है ! उद्यमिता विकास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हमारी महिलाओं की नेतृत्व , प्रबंधन और वाणिज्यक क्षमताओ को विकसित करना है ताकि वे जीवन में सफल उद्यमी बन सके ! यह कार्यक्रम महिलाओं को अपने उद्यम शुरू करने और प्रबंधित करने के लिए आवश्यक कौशल ज्ञान अनुभव प्रदान करता है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण महिला शक्ति के मिलकर इसका आयोजन किया जाता है जिसमें उनको विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करता है जो उनके लिए बहुत जरुरी है इसमें पोस्टर प्रदर्शन, सेल्फी, साप सीढ़ी गेम , अखबार फोल्डिंग गेम, और पत्थर से घर निर्माण गेम के द्वारा उनका उत्साह वर्धन करता है ! और इस विषय पर सूक्षम जानकारी दिलवाता है ! जीवन में छोटी छोटी बातें जीवन की बुनियाद रखती है ! जो उसको सफल बनाने में उनकी मदद करती है ! महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम उन महिलाओ को सहायता प्रदान...

"उद्यमिता कौशल विकास : सपनों को हकीकत में बदलना

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जीवन में सपने हर कोई देखता है पर अनायास जीवन में अपने सपनों पर पंख लग जाना जीवन में वो परिवर्तन ला देता है जो हम कभी इस बारे में सोच नहीं सकते है ! महिलाओ का जीवन घरेलु अवस्था रूपी ही होता है पर यदि कोई कार्य में सलंग्न हो जाये तो अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत कर सकती है और परिवार में आर्थिक संचालन में अपना सहयोग कर सकती है ! इसी विषय में हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा ग्रामीण महिलाओ के साथ उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम करवाया गया जिसमे लगभग 150 महिलाओ ने भाग लिया ! उद्यमिता विकास कार्यक्रम औद्योगिकीकरण का एक अस्त्र है तथा उद्यमिता के विकास में आने वाली बाधाओं एवं समस्याओ का समाधान करता है परियोजना का कुशलतापूर्वक संगठन एवं सचालन करने के लिए प्राथमिक प्रबंधीय चातुर्य को प्राप्त करना है !  मेरा नाम पिंकी चौधरी है मैं एक ग्रामीण महिला हूँ ! जो अपने घरेलु कार्यों में सलग्न रहती हूँ इसके अलावा मैं स्वयं का ब्यूटी पार्लर का कार्य खोलना चाहती हूँ इसकी प्रेरणा मुझे राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन के द्वारा 1 दिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम से प्राप्त हुई ! वास्तव मे...

"उद्यमिता में सफलता का मार्ग: "ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता

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उद्यमिता से अभिप्राय अपने सबसे बुनियादी स्तर पर एक व्यक्ति या भागीदारो के एक छोटे समूह से हैं जो एक नया व्यवसाय बनाने के लिए एक मूल मार्ग पर चलते है ! इसमें एक व्यक्ति की विचारों को कार्यवाही में बदलने की क्षमता हैं जो रचनात्मक व् नवाचारों से भरी होती हैं जिसमे परियोजनाओं की योजना बनाने और प्रबंधन करने की क्षमता भी शामिल है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ग्रामीण महिलाओ के साथ उद्यमिता विकास कार्यक्रम हमारे गांव में किया गया ! जिसमे लगभग 150  महिलाओ ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया ! सभी महिलाये उत्साहित थी और संस्था प्रतिनिधियों द्वारा इस कार्यक्रम में सम्बोधन के साथ इसे प्रारंभ किया और हमें हमे कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की , जिसमे सभी महिलाओं को इस विषय पर जानकारी दी ! मेरा नाम सविता है मैं एक पढ़ी लिखी साक्षर महिला हूं मैं भी अपना स्वय का कार्य स्थापित करना चाहती हूँ परन्तु सही और सटीक जानकारी और मेरे पास संसाधनो का अभाव था ! जिसके कारण मुझे हर बार अपने कदम पीछे करने पड़ते थे ! लेकिन फिर संस्था प्रतिनिधियों ने जिस प्रकार इस कार्यक्रम में हमें जानकारी दी और वे मार्ग बताये ...

"सशक्त महिला, सशक्त समाज: संस्थान के माध्यम से महिला उद्यमिता का विकास"

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मेरा नाम रामावतार है में पुष्कर के नजदीक नाँद गांव में ग्राम सेवक के पद पर कार्यरत हूँ ! वैसे तो ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओ के लिए बहुत सारे कार्यक्रम पंचायत भवन पर किये जाते है ! परन्तु यह कार्यक्रम तक ही सिमित रह जाते है यह आगे गति या प्रगति नहीं कर पाते है ! कही तो अवसरों की कमी होती है तो कभी जानकारियों का सटीक अभाव होता है ! और कभी कभी हमे साधन उपलब्ध नहीं हो पाते है ! परन्तु इस मिथ्या को राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा सिरे से समाप्त कर दिया गया ! कुछ समय पूर्व ही संस्था द्वारा हमारे पंचायत भवन में महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम एक बड़े पैमाने पर किया गया ! जिसमे गांव की लगभग 200 महिलाओ के उत्थान हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियो को इसमें शामिल किया गया ! जिसमे इन महिलाओ का रुझान व् रूचि बढ़े और वो भी जिंदगी में किसी आर्थिक गतिविधी को अपनाकर अपने जीवन को यथासंभव सुव्यवस्थित कर सुचारु रूप से संचालन कर सके !  हमारे ग्रामीण भारत में ऐसे नाना प्रकार के लघु व् कुटीर उद्योग है जिनको अपनाकर हम एक अच्छे से जीवन को संचालित कर सकते है परन्तु जानकारियों का अभाव अक्सर नगण्यता को जनम दे...

"उद्यमिता विकास से ग्रामीण जीवन में सुधार: संस्थान की एक अनूठी पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम"

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  स्वरोजगार एवं उद्यमिता विकास के माध्यम से आर्थिक स्वत्रंता सवर्धन  हेतु भारत सरकार स्वयं सहायता समूहों का प्रावधान किया है यह ऐसा कार्यक्रम है जिसका उदेश्य क्षमता वर्धन कर लोगों में उद्यमशीलता को प्रबल रूप से बढ़ाना है। या हम कहे उसके श्रेष्ठम कौशल को बढ़ाना, विकसित करना और उसे निखारना है स्वयं सहायता समूह लोगो के छोटे समूह है जिसमें मुख्य रूप से महिलाये है जो ग्रामीण परिवेश में रहती है और पैसे बचाने और एक दूसरे को ऋण प्रदान करने के लिए साथ आते है।  वे उदेश्य , राशि, ब्याज दर, पुनःभुगतान सहित बचत और ऋण गतिविधियों पर एक साथ निर्णय लेते है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्वयं सहायता समूहो का 1 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम रखा गया है जो उनमें बचत करने के अवसरों को आगे की और ले जायेगा ! और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उनकी सहायता प्रदान करेगा।  उद्यमिता का अर्थ है बदलाव की तलाश करना , उसका जवाब देना और उसका दोहन करना।  उद्यमी वह होता है जो जोखिम को समझते हुए लाभ की उम्मीद में व्यवसाय स्थापित करता है उद्यमिता का प्राथमिक उदेश्य बेहतर वित्तीय ...

"समाजिक बदलाव की नींव: महिलाओं के लिए उद्यमिता प्रशिक्षण"

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मेरा नाम केसर सिंह है मैं जालिया गांव का सरपंच हूँ वर्तमान में हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा गांव में महिलाओं के साथ जीवन कौशल व् उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ! जिसमे गांव की लगभग 350 महिलाओं ने भाग लिया ! इस कार्यक्रम में महिलाओं से संबंधित कार्यो के बारे में पूछा गया और लघु व् कुटीर उद्योगो के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया ! जीवन का अपने कार्य से कैसे हम कुशल संचालन करे और उसके लिए किन बातों की आवश्यकता होती है इन बातों पर चर्चाये की गई ! साथ ही ग्रामीण परिवेश में किस किस प्रकार के लघु व् कुटीर उद्योगो के जरिये महिलाये अपनी आर्थिक गतिविधियाँ संचालित करती है उस विषय पर विभिन्न माध्यमो से इन्हे अवगत करवाया गया !  जीवन का चहुँमुखी विकास तभी संभव होगा जब परिवार का हर सदस्य आर्थिक गतिविधि कार्य में निहित हो और उसका समय समय पर ध्यान रखता हो ,घर में मात्र एक जाने के कमाने से सभी घरेलु खर्च पूर्ण नहीं हो पाते है ! अंत जीवन रूपी इस गाड़ी का अपने सभी पहियों पर बराबर चलना बहुत जरुरी है ! आज भी हमारे ग्रामीण इलाको में स्त्री का घर से निकलना अच्छा नही...

"सकारात्मक दृष्टिकोण: महिलाओं के व्यवसाय में आत्मविश्वास की वृद्धि"

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जीवन में एक सरलता प्राप्त करने के लिए हमारा किसी भी कार्य में कुशल होना अति आवश्यक है ! कोई भी कार्य उसकी निपुणता के बगैर करना संभव नहीं है इसके अभाव में मानव एक निष्क्रिय जीव है जो केवल अपना भरण पोषण कर जीवन व्यतीत करता है वही बात किसी भी समाज को उन्नति का मार्ग दिखाती है ! और विकास को तेजी से आगे लाती है ! जिसके उदाहरण हमारे विश्व की महाशक्तियां है जो सभी अपने कार्य में पूर्ण दक्ष है और दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत्र है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अनेकों गांव में महिला सम्बन्धी जीवन कौशल व् उद्यमिता विकास कार्यक्रम में सभी को इस विषय में गहनतम जानकारियाँ दी जा रही है ! जिसमे महिला सशक्तिकरण के मध्य नजर उनको कार्यों का वर्गीकरण व् उसकी कार्य विधि के बारे में समझाया जाता है !  यह जरुरी नहीं के हम कोई बड़ा कार्य करने के पश्च्यात ये विकास की दर को आगे बड़ा सकते है ! हमारे पास मौजूदा संसाधनों का उपयोग करके भी हम उसे उन्नत बना सकते है और अपने कार्य को धीरे धीरे आगे बड़ा सकते है ! आपकी मेहनत हमेशा रंग लाएगी हमे हमारा दृष्टिकोण विशाल बनाना होगा तभी हम अपने आस पास की व...

"महिलाओं में उद्यमिता: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम व कुटीर उद्योगों का भविष्य "

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जीवन में धन अर्जित करना व् जीवन का सुव्यवस्थित संचालन करना अतिआवश्यक है इसके लिए किसी कार्य का होना व् उसमे निपुणता हासिल करना जरुरी होता है यह जरुरी नहीं पूर्ण शिक्षा के बाद ही कोई काम कर सकता है जो काम पड़े लिखे है वो भी अपने छोटे मोटे कार्य को कर के अच्छा धन अर्जन कर सकते है यह छोटे उद्योग हमे अच्छा धन मुनाफा प्रदान करते है ये कई तरह के होते है कुछ हाथ करघा उद्योग होते है तो कुछ पशुपालन सम्बन्धी तो कई कृषि सम्बन्धी होते है इन्हे सफलतापूर्वक जीवन में संचालित करना ही उद्यमिता कहलाया जाता है ! एक कुशल व्यक्ति अपने कुशल नेतृत्व के जरिये अपने छोटे से व्यवसाय को और भी बड़ा कर सकता है ! यही सफलता का सोपान होता है !  सरल शब्दो में अगर इसे व्यक्त करे तो जीवन कौशल विकास एक आजीवन प्रकिया है जो व्यक्तियों को बढ़ने और परिपक़्व होने में मदद करती है उन वास्तविकताओ को पहचानना जिन्हे बदला नहीं जा सकता और उन्हें स्वीकार करना , व् अपने महत्त्व को पहचानना , सभी लोग एक सामान नहीं होते तथा इस प्रकार की विविधता का इस क्षेत्र में होना अच्छा है ! जीवन कौशल में व्यक्ति के समग्र व् सम्पूर्ण व्यक्तित्व को ध्य...

सामाजिक परिवर्तन की दिशा में महिलाओं का सशक्तिकरण: राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का पहल

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा इसके तत्वाधान में अजमेर के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए उद्यमिता वह लीडरशिप कार्यक्रम करवाये गए।इसमें लगभग 200 गांव की 10000 महिलाओं के साथ यह कार्यक्रम किया गया। जिसमें हमारे गांव की ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता विकास में लीडरशिप कार्यक्रम के बारे में बताया गया कि किस प्रकार हम छोटे-छोटे उद्योगों को अपनाकर अपनी स्वयं की उद्यमिता को प्रारंभ करें और अपने जीवन के कौशल विकास को निखारने का काम करें। इससे उनके आर्थिक जीवन का विकास होगा और वह भी अपना संपन्न जीवन व्यतीत कर सकेंगे। इसके साथ-साथ उन महिलाओं में लीडरशिप की भावना को भी जागृत करना था क्योंकि यह सही निर्णय आपको आपकी मंजिल तक आवश्यक रूप से ले जाता है। संस्था द्वारा यह कार्यक्रम में फ्लिपकार्ट के माध्यम से,सांप सीढ़ी खेल के माध्यम से,पास हूप,रिंग के माध्यम से टीम बिल्डिंग,माइन फील्ड,गिलास,आंख पर पट्टी के माध्यम से लीडरशिप एवं टीम बिल्डिंग शेप एंड टाई,फरियो के माध्यम से,बिल्डिंग द बिल्डिंग,भाटे, पत्थर, लकड़ी आदि से मैजिक कारपेट,तिरपाल के माध्यम से,माय सेल्फी,व सेल्फी के माध्यम से लोगों का ...

बाधाओं को तोड़ना: उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण संघर्ष से सफलता तक

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 मेरा नाम लाडू कंवर है और मैं पुष्कर के नजदीक डूंगरिया कला गांव में रहती हूं। मैं एक विधवा एकल महिला हूं घर में हालात सही नहीं है | घर के काम के अलावा मैं नरेगा में भी जाती हूं और उसी से अपना भरण पोषण करती हूं। मैं जीवन में कुछ करना चाहती हूं। मगर ज्ञान न होने की वजह से मेरे कदम पुनः पीछे आ जाते हैं। फिर एक दिन हमें पता चला कि गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा महिलाओं के लिए उद्यमिता वह लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जा रहा है, जिसमें महिलाओं को उद्यमिता वह लीडरशिप की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जायेगी | गाँव के नजदीक सामुदायिक भवन में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया | जिसमें गांव की अधिक से अधिक महिलाएं पधारी | कार्यक्रम में संस्था के प्रतिनिधित्व द्वारा भारत के कुटीर उद्योग , हाथ करघा ,उघोग,पशुपालन,बैंकिंग,बचत व कई मुद्दों पर चर्चा की गई और बताया गया। किस तरह हम छोटी पूंजी से भी अपना घरेलू व्यवसाय चालू कर सकते हैं और अपनी आमदनी के स्त्रोत को उत्पन्न कर आर्थिक सशक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता,प्रश्नोत्तरी,भाषण,खेलकूद के माध्यम से ...