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पर्यावरण बचाव कार्यक्रम ( स्कूल में चिड़ियाघर लगवाना )

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पृथ्वी मनुष्यों का एकमात्र सांझा घर है एक ऐसी जगह जो हमे ताजी हवा, ठंडा पानी और बहुमूल्य प्राकर्तिक संसाधन प्रदान करती है। हालांकि आज पर्यावरण कई गंभीर समस्याओ का सामना कर रहा है। जैसे पर्यावरण प्रदूषण , जलवायु परिवर्तन , जैव विविधता को बहुत नुक्सान आदि सीधे मानव जीवन और स्वास्थ्य को खतरे में डालते है। समाज का सतत विकास हो इसलिये पर्यावरण संरक्षण एवं बचाव बहुत जरुरी है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान जीव बचाव की दिशा में चिड़ियाघर का वितरण कर रही है। जो पर्यावरण को बढ़ावा देती है और साथ ही उसके विकास के लिए कार्यरत है।  यह प्रेरणादायक कार्य समाज में एक नव चेतना का संचार करता है जो पर्यावरण प्रेमियों की संख्या में इजाफा करते है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों का एक समूह है जिसका उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण रोकना, नियंत्रित करना, कम करना और खत्म करना है साथ ही पर्यावरण गुणवत्ता में बहाल करना है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षो से बयां पक्षी के संरक्षण एवं बचाव हेतु चिड़ियाघरों का वितरण कर रही है। जो समाज को एक प्रेरणा देने का कार्य करता है साथ ही संरक्षण की द...

पर्यावरणीय संरक्षण: गौरैया पक्षी के संरक्षण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का योगदान

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु कई विविध कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं जिससे पर्यावरण और परिस्थितिक से संबंधित सभी मुद्दे शामिल है। इसी विषय पर संस्था द्वारा गौरैया जाति की चिड़िया की संरक्षण हेतु विभिन्न जगहों पर चिड़ियाघर व फिडर लगती है जिसका उद्देश्य लुप्त हो रही इस प्रजाति को बचाना है जिससे पारिस्थितिक तंत्र बना रहे और हमारा आंगन भी चेहकता रहे | पहले हमारे घर, आंगन, ऑफिस, बाग, बगीचे, पेड़ों पर यहां वहां बहुतायत संख्या में पाई जाती थी, परंतु पर्यावरण विनाश, प्रदूषण, इंसानी अतिक्रमण, व रासायनिक सामग्री के बढ़ते प्रयोग से इनकी संख्या लगातार गिरती ही जा रही है। समय रहते हम एक जरा से कार्य से उनका संरक्षण कर उनकी संख्या में वृद्धि करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा इस वर्ष लगभग 180 चिड़ियाघर व उनके खाने की फिडर लगाए गए हैं, जिसमें शहर के सी आर पी एफ स्कूल मुख्य है। कुछ ज्यादा पेड़ पौधे वाली जगह में अगर निवास स्थान और भोजन सहायता उपलब्ध हो जाए तो इनको भोजन की तलाश हेतु दूर नहीं जाना होता और उनके जीवन चक्र पर ...

जीवन की रक्षा में एक कदम आगे: गांव के बच्चों के साथ अजय की पहल

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  मेरा नाम अजय चतुर्वेदी है। मैं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जेठाना में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हूं। हमारी धरती जीव -जंतु ,पशु -पक्षी सभी से भरी पड़ी है। इस बदलते पर्यावरण परिवेश में आजकल पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे हमारी वनस्पतियां व पशु-पक्षी का जीवन बहुत ही संकटमय में स्थिति में आ गया है। इसका मुख्य कारण हम मनुष्य ही हैं जो अपने निजी स्वार्थ हेतु इस पर्यावरण का विनाश कर रहे हैं। परंतु समाज के कुछ बुद्धिजीवों द्वारा उसको रोकने का आवश्यक प्रयास किया जा रहा है। इसी संदर्भ में हमारे गांव के स्कूल में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा कई चिड़ियाघर लगाये गये। इसके बचाव हेतु उनके द्वारा बच्चों के साथ एक कार्यक्रम भी किया गया, जिसमें बच्चों को प्रायः हमारे घर पर मिलने वाली बंया पक्षी के बारे में बताया जो पहले अक्सर घरों के आसपास,खेतों में,ऑफिस में,व हर जगह जहां पेड़ बहुतायत होते हैं। वहां बहुत सी संख्या में मिल जाती थी। परंतु अब प्रकृति के विनाश और पर्यावरण विदोहन के कारण इनकी संख्या लगभग नगण्य सी हो गई है। संस्था द्वारा सभी बच्चों को बताया गया किस तरह इ...