अनुशासन और संस्कार : जीवन की नींव और सफलता की कुंजी
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अनुशासन एवं संस्कार मानव जीवन की वो विशेषता है जो पृथ्वी पर अन्य जीवों से हमको पृथक कर सर्वोच्च स्थान प्रदान करती है ! इसमें मानवीय दृष्टिकोण की वो झलक मिलती है जो उन्हें शिक्षित प्रतिरूप में प्रदर्शित करती है ! यह शिक्षा उसको अपने माता- पिता, भाई -बहन, अपने गुरुजन और समाज के मार्गदर्शकों से प्राप्त होती है ! अनुशासन और संस्कार बच्चे के पैदा होते ही उसको सिखाये जाने लगते है जिसमे एक व्यवस्थित दैनिक दिनचर्या और अनुशासित रहने का भाव विधमान होता है ! हम किस प्रकार से अपने दिन का प्रारंभ करे उसे दिन समाप्त होने तक हमारे क्या और कैसे क्रिया कलाप होने चाहिये ! बहुत हद तक मानवीय संवेदनाये और व्यवहार हमारे अनुशासन और संस्कार पर ही निर्भर करता है और हमे जीवन की सही राह के लिए प्रेरित करता है व् हमारी बौद्धिक क्षमताओ का विकास कर हमे वृह्द दृष्टिकोण उपलब्ध करवाता है ! मेरा नाम गोविन्द श्री वास्तव है मेरे 2 बेटे व् 1 बेटी है पत्नी एक घरेलु महिला है हम दोनों मिलकर अपने बच्चों का लालन पालन किया और उन्हें प्राथमिक अवस्था से ही वो संस्कार दिए जो उन्हें अनुशासित बनाते है ! सुबह उठकर सभी को प्रणाम...