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"स्वस्थ शरीर, स्वस्थ भविष्य : गरीब बच्चों को उचित पोषण संस्थान का न्यूट्रिशन अभियान"

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जीवन का संचालन करने के लिये हमारे शरीर का स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है तभी हम जिंदगी के सभी कार्य अच्छे से संचालित कर पाएंगे और स्वस्थ जीवन यापन कर पाएँगे ! एक मानव शरीर को दिन भर में औसतन 2200 कैलोरी की आवश्यकता होती है ! यदि इस से काम मात्रा शरीर में जाये तो शरीर का वजन भी निरंतर घटने लगता है इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गरीब, असहाय , निर्धन , झुग्गी झोपडी में रहने वाले बच्चें , स्ट्रीट व् निचली बस्ती के बच्चों के साथ वहां पर न्यूट्रिशन कैंप आयोजित किये जाते है ! जो उन बच्चों के साथ वह पर उनको भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, न्यूट्रिशन आदि देने का कार्य करते है।  झुग्गी झोपड़ी व् स्ट्रीट वाले बच्चों को गरीबी के चलते उचित मात्रा में न्यूट्रिशन पदार्थ मिल नहीं पता है। संस्था का उद्देश्य यही है की समाज के सभी बच्चों को उचित व् भरपूर मात्रा में कैलोरी व् न्यूट्रिशन की प्राप्ति होती रहे जिससे वो भी आम बच्चों के जैसे स्वस्थ रहे और निरोगी बन सके ! पोषण पदार्थ की कमी से शरीर में कुपोषणता आ जाती है इसे दूर करने के लिए भरपूर मात्रा में न्यूट्रिशन वस्तु का सेवन इन बच्चों...

पर्यावरणीय संरक्षण: गौरैया पक्षी के संरक्षण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का योगदान

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु कई विविध कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं जिससे पर्यावरण और परिस्थितिक से संबंधित सभी मुद्दे शामिल है। इसी विषय पर संस्था द्वारा गौरैया जाति की चिड़िया की संरक्षण हेतु विभिन्न जगहों पर चिड़ियाघर व फिडर लगती है जिसका उद्देश्य लुप्त हो रही इस प्रजाति को बचाना है जिससे पारिस्थितिक तंत्र बना रहे और हमारा आंगन भी चेहकता रहे | पहले हमारे घर, आंगन, ऑफिस, बाग, बगीचे, पेड़ों पर यहां वहां बहुतायत संख्या में पाई जाती थी, परंतु पर्यावरण विनाश, प्रदूषण, इंसानी अतिक्रमण, व रासायनिक सामग्री के बढ़ते प्रयोग से इनकी संख्या लगातार गिरती ही जा रही है। समय रहते हम एक जरा से कार्य से उनका संरक्षण कर उनकी संख्या में वृद्धि करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा इस वर्ष लगभग 180 चिड़ियाघर व उनके खाने की फिडर लगाए गए हैं, जिसमें शहर के सी आर पी एफ स्कूल मुख्य है। कुछ ज्यादा पेड़ पौधे वाली जगह में अगर निवास स्थान और भोजन सहायता उपलब्ध हो जाए तो इनको भोजन की तलाश हेतु दूर नहीं जाना होता और उनके जीवन चक्र पर ...