संदेश

जनजागरूकता लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दहेज प्रथा से महिला स्वतंत्रता: समाज का संकल्प

चित्र
भारत में वैसे तो परंपरागत रूप से आज भी कई कुरितीयां  विद्यमान है। बाल विवाह,निरक्षरता,दहेज प्रथा,सती प्रथा,पर्दा प्रथा,बहु विवाह, विधवा विवाह विरोध,जातिवाद, और सांप्रदायिकता प्रमुख है। दहेज प्रथा के नाम पर यह एक प्रचलित सामाजिक बुराई है जो संपत्ति, विवाह के समय वधू के परिवार की तरफ से दी जाती है। इस बुराई में महिलाओं के प्रति कठोर यातनाएं और अपराध उत्पन्न हुयें हैं। एक गरीब पिता की अपनी पुत्री का विवाह करना बहुत ही कठिन में कष्टदायक हो जाता है। इस अभिशाप से लड़की का जीवन नर्क के समान बन जाता है जिसके लिए उसके परिवार द्वारा उसे प्रताड़ित भी किया जाता है। दहेज का प्रयोग अक्सर न केवल विवाह के लिए स्त्री की वांछनीयता बढ़ाने के लिए हुआ है बल्कि बड़े परिवारों में यह सत्ता और संपत्ति बढ़ाने के लिए कई बार किया गया है। इसके कारण वर वधू के परिवारों के बीच दहेज को लेकर सहमति न होने पर रिश्ते टूट जाते हैं। दहेज प्रथा के ये विभत्स परिणाम हमें देखने को मिलते हैं। पिछड़े भारतीय समाज में दहेज प्रथा अभी भी विकराल रूप में है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा इस कार्य में कई भरसक प्रयास किया ज

पर्यावरण संरक्षण: बच्चों के साथ एक नए दौर की शुरुआत

चित्र
पर्यावरण का आशय परिवेश से है। दूसरे शब्दों में कहें तो पर्यावरण अर्थात वनस्पति प्राणियों और मानव जाति सभी संजीवों और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को पर्यावरण कहते हैं। वास्तव में पर्यावरण में वायु,जल, भूमि, पेड़, पौधे ,जीव जंतु ,मानव व उसकी विविध गतिविधियों के परिणाम आदि सभी का समावेश होता है। आज धरती पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। वैज्ञानिक उपलब्धियों से मानव इस संतुलन की उपेक्षा कर रहा है। जनसंख्या वृद्धि, औद्योगीकरण एवं शहरीकरण व पेड़ों की अंन्धाधुन्ध कटाई इस मुख्य समस्या है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के माध्यम से अजमेर के हम 13 गांव के सरकारी स्कूलों में उनके बच्चों के साथ पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में बताया गया कैसे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है जिसका दुष्परिणाम हम सब मानव जाति पर तीव्र रूप से पड़ रहा है। हमें वृक्ष,जल, वनस्पति, नदी, सिंचाई  युक्त भूमि, व कृषि सबका ध्यान रखना होगा। पर्यावरण कैसे हमें जीवन देता है और हमारे जीवन प्रणाली में सहयोग करता है। वायु प्रदूषण, जल, प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण यह सभी हमारे पर्यावरण को खोखला बना रहे हैं। इ