बाधाओं को पार करते हुए: सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए प्रिया की लड़ाई
इंडियन आर्मी में आज महिलाएं ऊंचे ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं। मगर पहले एक वक्त था जब सेना में केवल पुरुष ही भर्ती हुआ करते थे, लेकिन एक चिट्ठी ने सब कुछ बदल दिया जिसके बाद इंडियन आर्मी में महिलाओं के लिए रास्ते खुल गए। यह उस महिला की कहानी है जिसने जमाने की सोच का विरोध करते हुए इंडियन आर्मी में जाने का सपना देखा | बता दे कि उसे दौर में महिलाओं को इंडियन आर्मी में जाने पर पाबंदी थी, जिसके खिलाफ प्रिया ने सरकार को चिट्ठी लिखी थी। प्रिया जीवन का जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में हुआ था। प्रिया के पिता एक पुलिस अफसर थे। जिस वजह से उनके घर पर काफी अनुशासन था। इसके बावजूद भी प्रिया बचपन में बहुत शैतान थी। प्रिया की पढ़ाई लोरेंटो कान्वेंट तारा कोल स्कूल से पूरी हुई | स्कूल में भी वे अपनी चंचलता के लिए जानी जाती थी। प्रिया बचपन से ही लड़कों की तरह रहती थी। वह जब भी कुछ ठान लेती थी, उसे पूरा किए बिना हार नहीं मानती थी। बचपन से ही उनके शौक लड़कों की तरह थे। वह खेल कूद में अपनी टोली की सरदार भी रहा करती थी। प्रिया जब नौवीं क्लास में पढ़ती थी तब उन्होंने पहली बार सेना में जाने का मन बनाया। दरअसल उ