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"बाल विवाह के खिलाफ एक सशक्त कदम : समाज में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता"

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  हमारे समाज में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो हमारे सामाजिक ढांचे का स्वरुप बिगाड़ती है जो विशेषकर ग्रामीण , झुग्गी झोपड़ी व् स्लम एरिया में अधिक देखने को मिलती है यह न केवल बच्चों के अधिकारों का उलंघन है ! बल्कि उनके शारारिक , मानसिक और शेक्षणिक विकास में रुकावट डालता है बाल विवाह के कारण लड़कियां  छोटी उम्र में ही  जिम्मेदारियो  का बोझ उठाने के लिए  मजबूर हो जाती है ! जिसमे उनकी  शिक्षा और भविष्य प्रभावित होते है ! ऐसे में झुग्गी झोपड़ी स्लम और पिछड़े क्षेत्रों में बाल विवाह की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रमों की आवश्यकता है। बाल विवाह का समाज पर एक गंभीर असर पड़ता है यह न केवल लड़कियों के शारारिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि उनके जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को प्रभावित करता है बाल विवाह से लड़कियां जल्दी गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसमे मातृ शिशु स्वास्थ्य में दिक्क़ते उत्पन्न होती है इसके अलावा बाल विवाह के कारण लड़कियों के आत्मसम्मान में गिरावट , मानसिक अवसाद और हिंसा की घटनाये बढ़ जाती...

"किसान की खुशहाली के लिए बीजों की सौगात : किसानों के लिए उम्मीद की किरण "

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हमारी धरती पर छाया हुआ हमे जीवन प्रदान करता है। और कृषि हमारा जीवन संचालन करती है। भारत के कृषि प्रधान देश है।  जो पूर्णता मानसून पर निर्भर रहता है यह एक तरह  का मौसमी जुआ है जो यदि समय रहते हो जाये तो अच्छी उपज किसानों को उपलब्ध करवाता है और यदि न हो तो किसानों को गरीबी रेखा तक ले जाता है।  भारत के ग्रामीण भागों में आज भी किसान की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जो पूर्णतया कृषि पर निर्भर रहते है इनकी आय, आमदनी, रोटी, आजीविका सब कुछ यही कृषि होती है। इसी अवस्था को देख राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब को संस्था की और से निशुल्क बीजों का वितरण किया जाता है जो उन्हें पुनः खेती के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करते है। यह उच्च गुणवत्ता के बीज बेहतर उच्च गुणवत्ता वाले होते है।  जो विपरीत अवस्था में भी फूट जाते है।  राज संस्था का उद्देश्य भी यही है की यह गरीब किसान इसकी सहायता प्राप्त उपज से अपनी आजीविका का संचालन कर सकें। यह कार्यक्रम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे किसानों के लिए किया जाता है। यह काम वर्षा, विपरीत मौसमी परिस्थितियों तथा अन्य प्राकतिक क...

"प्रशिक्षण के साथ आत्मनिर्भरता: महिलाओं के लिए नई दिशा"

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आत्मनिर्भरता जीवन की वो सीढ़ी है जो जीवन में सफलतायें लाती है और आत्मविश्वास को जगाती है एक आत्म  निर्भर व्यक्ति कभी आश्रित नहीं रहता उसका कार्य सदा उसको आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहता है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण महिला युवा शक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु संस्था द्वारा खापरी ग्राम में 90 दिवसीय गारमेंट मेकिंग ट्रेनिंग का शुभांरभ किया गया ! जिसमे लगभग 40 महिलाओं ने भाग लिया ! यह कार्यक्रम ग्राम में पड़े लिखे बेरोजगार महिला शक्ति को प्रोत्साहित करता है जो प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकती है और जीवन में अपनी आय बढ़ा सकती है !  संस्था द्वारा यह कार्य प्रक्रियात्मक रूप से पूर्ण किया जाता है जिसमे सर्वप्रथम जो इस कार्यक्रम के लिए इच्छुक महिलायें है उन्हें चिन्हित किया जाता है फिर घर जाकर उनके परिवार के साथ विचार विमर्श कर उन्हें प्राथमिक तालिका में अंकित कर दिया जाता जाता है प्रशिक्षण प्रारम्भ होने पर जो  भी  महिला  शक्ति  तालिका के क्रम के अनुसार यथावत रहती है उसे प्रशिणार्थी मान कर प्रशिक्षण शिविर ...