"उद्यमिता विकास से ग्रामीण जीवन में सुधार: संस्थान की एक अनूठी पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम"
स्वरोजगार एवं उद्यमिता विकास के माध्यम से आर्थिक स्वत्रंता सवर्धन हेतु भारत सरकार स्वयं सहायता समूहों का प्रावधान किया है यह ऐसा कार्यक्रम है जिसका उदेश्य क्षमता वर्धन कर लोगों में उद्यमशीलता को प्रबल रूप से बढ़ाना है। या हम कहे उसके श्रेष्ठम कौशल को बढ़ाना, विकसित करना और उसे निखारना है स्वयं सहायता समूह लोगो के छोटे समूह है जिसमें मुख्य रूप से महिलाये है जो ग्रामीण परिवेश में रहती है और पैसे बचाने और एक दूसरे को ऋण प्रदान करने के लिए साथ आते है। वे उदेश्य , राशि, ब्याज दर, पुनःभुगतान सहित बचत और ऋण गतिविधियों पर एक साथ निर्णय लेते है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्वयं सहायता समूहो का 1 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम रखा गया है जो उनमें बचत करने के अवसरों को आगे की और ले जायेगा ! और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उनकी सहायता प्रदान करेगा। उद्यमिता का अर्थ है बदलाव की तलाश करना , उसका जवाब देना और उसका दोहन करना। उद्यमी वह होता है जो जोखिम को समझते हुए लाभ की उम्मीद में व्यवसाय स्थापित करता है उद्यमिता का प्राथमिक उदेश्य बेहतर वित्तीय ...