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शिक्षा मंजिलों को पाने का आसान रास्ता

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  मेरा नाम उषा पाराशर है मैं राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान मैं फ़ुल टाइम परमानेंट वर्कर हूँ मैं समाज के उस वंचित पिछड़े वर्ग मे जीवन यापन करने वाले बच्चो के साथ सामाजिक शिक्षा हेतु कार्य करती हूँ जिसमे शहरी बस्ती के गरीब झुग्गी झोपड़ी मे निवास कर रहे बच्चो को प्राथमिक शिक्षा ज्ञान दिया जाता है जिसमे उनकी बौद्विक समताये बढ़े व अपना विकास कर पाए | प्राथमिक शिक्षा ज्ञान मे इनको अक्षर ज्ञान ,गिनती ,पहाड़े ,कविताएं ,कहानिया ,रंगो के माध्यम से विभिन जानकारियां खेल कूद व विभिन प्रकार की प्रतियोगिताओं के माध्यम से उनका बौद्विक सवर्द्धन किया जाता है इस प्रकिय्रा से उनमे पढ़ने की भावना का विकास होता है और व अक्षर ज्ञान के महत्व को भली भांति समझ पाते है     राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के कई पिछड़े स्लम भागो मे खानाबदोश बच्चो के लिए प्रत्येक स्थान पर 30 से 35 बच्चो के साथ 6 दिवसीय शिक्षा  कार्यक्रम चलाया जाता है जिसमे उनके मानसिक स्तर की वृद्धि हो सके व् उनकी बौद्धिक समताओं का उत्सर्जन हो सके ,यह 20 जगह करवाया जाना सुनिश्चित है जिसमे उनके विकास की प्रकिया को सुनिश्चित किया जा सके , यहाँ पर

शिक्षा हर बालिका का अधिकार नए समाज की पहल

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 शिक्षा वो माध्यम है जो हमारी संकीर्णताओ  को दूर करता है और बौद्धिक क्षमताओं का विकास के आगे बढ़ने की राह अग्रसर करता है भारत में आज भी बालिका को शिक्षा से वंचित रखा जाता है उसे घरेलू कार्य ही करवाए जाते है जिस से उसका आने वाला कल ख़राब होता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्रारा इस हेतु सभी ग्रामीण इलाक़ों में सभी सरकारी स्कूलों में गरीब , निर्धन ,बेसहारा ,अनाथ , विकलांग ,बच्चों में राजस्थान  समग्र कल्याण संस्थान स्कूल बैग ,कॉपी , किताब ,स्टेसनरी ,रबर,पेंसिल ,पेन ,शापनर ,रंग ,ड्रांइग बुक,आदि का वितरण हेतु सर्वे कार्य सम्पादित किया जा रहा जिसमे यह सभी छात्रा को इसका लाभ प्राप्त हो सके व् अपनी पढ़ाई के अध्यनकर्ता को सुचारु रूप से संचालित कर सके और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा समाज में उस विचारधारा को निरंतर दूर किया जाता है जिसमे छात्राओ को सामान  अधिकार है लड़का और लड़की दोनों को पढ़ने का पूर्ण अधिकार है हर कोई अपना आने वाला कल सुधारना चाहता है इस हेतु संस्था के प्रतिनिधि गांव की सरकारी स्कूल से मिलकर गरीब छात्रओ की एक सूची प्राप्त करते है जिसको प्राप्त

ब्यूटी पार्लर महिला शक्ति का रूचि और गरिमापूर्ण कार्यक्रम

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 मेरा नाम कविता रेगर है मै एक कॉलेज पास आउट छात्रा हूँ और खुद के पैसे पर खड़े होना चाहती हूँ मेरे घर पर माँ और दो भाई है पिता का देहांत पूर्व में हो गया है इसलिए घर को ठीक से चने के लिए हमे कार्य करना ही होगा।  बचपन से मैंने देखा है की महिलाओ को सजना सवरना बहुत अच्छा लगता है मुझे भी इसमें रूचि होने लगी फिर कुछ समय बाद हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा हमारे यहाँ ब्यूटी पार्लर कार्यक्रम प्रशिक्षण हेतु सर्वे कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे लगभग 55 महिला व् युवतीओ का साक्षात्कार किया गया। व् उनके अभिभावक से भी इस विषय पर चर्चा की गई व् उनकी सहमति प्रदान की गई। यह कार्यक्रम पुरे 90 दिन का होगा। सभी प्रतिभागी को इस में प्रतिदिन आना होगा। सभी नियम शर्ते पता करने के बाद मेरा नाम लिस्ट में अंकित करवा दिया।  संस्था द्वारा इस प्रशिक्षण में हम सभी महिलाये को ब्यूटी पार्लर सम्बंधित कार्य सिखाये जायेगे ,जिसमे बाल काटना,हेयर डोर्पेर , मसाज ,नेल कटिंग , पेडिक्योर ,मेंहदी ,बाल कलर करना ,फैशियल ,सैटेट बाल ,वैक्सिंग ,बिलीचिंग ,आदि कार्य हमको सिखाये जाते गए। समय बीतने के साथ इस कार्य

सक्षम भविष्य: राजस्थान में लड़कियों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष सरकारी स्कूल में अध्यनरत जरूरतमंद ,गरीब, बेसहारा, अनाथ,  निराक्षित, बालिका को स्कूली जरूरतों को पूरा करने के लिए संस्था द्वारा आर्थिक मदद व् प्रोत्साहन राशि  छात्रवृति के रूप में दी जाती है जिससे उनको आगे की स्कूली शिक्षा व् अध्ययन करने में कोई असुविधा का सामना न करना पड़े। कभी कभी अध्ययन करने में उनको गरीबी व् कई कारणों से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे वह ज्ञान अर्जित नहीं कर पाती है। और अपने भविष्य को अंधकार में डाल देती है। इस स्थिति से बचाने हेतु संस्था लगातार स्कूली बालिकाओ को शिक्षा के लिए प्रोत्शाहित करती है व् समय समय पर स्कूली जरुरतमंद सामग्री मुहैया करवाते रहते है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा लगभग सरकारी स्कूलों का सर्वे कर 40 बालिकाओ का चयन किया गया जो की सभी गरीब व् जरूरतमंद थी। प्रत्येक बालिका को शिक्षा हेतू  2000/- प्रति बालिका को प्रोत्साहनराशि ( छात्रवृति ) के रूप में प्रदान की गई। जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सके और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। किसी सामाजिक भलाई के लिए किया गया कार्य उसकी सभी आवश्यक्ताओ
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Child Right & Welfare Street, slum and children of deprived section are miles away from their basic requirements as education, health, nutrition, happiness. Sometimes, these children lead their life to waste by getting involved in wrong doings as theft, begging, prostitution, addiction to meet their basic requirements. Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan is determined to bring them in the mainstream of the society. The organisation is running quality education school for the educational development of these children. The children are not only educated but also learn discipline, life skills and rights. Additionally, Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan also provide new clothes, nutritious food, toys, study material to slum and street children from time to time. The objective of Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan is that these children may be able to find and live a better life and lay the foundation of a bright future by leaving wrong doings. Rajasthan
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  Education Rajasthan state has 13.20 lakh shool drop-out children of 6 - 14 years age group according to the survery report 2013-14 of "Sarv Shiksha Abhiyaan" of the government of Rajasthan. It is a terrible figure of school drop-outs. Besides that the election commission has declared that one must pass minimum 8 th standard for the candidancy of Panchayat elections. This declaration has increased the importance of education more. As per sensex 2011, the state has 67.41 literacy rate which is not so good and the rate shows illiteracy and backwardness in the state. Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan is working on various educational models  with deprived section for the educational development and better literacy in which "Patshala" schools for school drop-out kids and breif syllabus of middle level education for women are managed in remote villages. Hundreds of women and children are getting quality education in these schools so that t

Financial Literacy

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