संदेश

जागरूक लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महिला सशक्तिकरण...समानता का अधिकार

चित्र
महिला सशक्तिकरण और समानता का अधिकार समाज के विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह केवल महिलाओं के अधिकारों की बात नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता, न्याय और अवसरों की बराबरी को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।महिला सशक्तिकरण का मतलब है महिलाओं को अपने अधिकारों, स्वतंत्रता और समान अवसरों के प्रति जागरूक करना, ताकि वे अपने जीवन के निर्णय खुद ले सकें और समाज में समान दर्जा प्राप्त कर सकें। इसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल, और राजनीतिक भागीदारी शामिल हैं, ताकि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा सकें और समाज में अपने अधिकारों का पूरा उपयोग कर सकें। समानता का अधिकार न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को केवल उसके लिंग, जाति, धर्म, या किसी अन्य भेदभाव के कारण भेदभाव का सामना न करना पड़े। समानता का अधिकार समाज में हर एक व्यक्ति को बराबरी के अवसर देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब समाज में महिला सशक्तिकरण और समानता के अधिकारों का सम्मान किया जाता है, तो यह न केवल महिलाओं को बल्कि पूरे समाज को लाभ पहुंचाता है,...

"पौधारोपण से बदलाव: बालिकाओं का पर्यावरणीय जागरूकता अभियान"

चित्र
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण भागों के स्कूलों में बालिकाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण पर पौधारोपण कार्यक्रंम किया गया। हमारा पर्यावरण प्राकर्तिक संसाधनो से भरपूर है लेकिन आजकल इसे नुक्सान पहुंचाने वाले कई कारक सामने आ रहे है। इनका असर न केवल हमारे जीवन पर बल्कि पूरी पृथ्वी पर हो रहा है।  इस चुनौती का सामना करने के लिये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे है। पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें विद्यालयों में बालिकाओं का सक्रिय योगदान बेहद जरुरी है। पौधारोपण अभियान न केवल हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका है ये जीवन के लिए बहुत जरुरी है। पौधे हवा में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्सइड को सोखते है और ऑक्सीजन का उत्पादन करते है जिससे वायुमण्डल में संतुलन बना रहता है।  ग्रामीण विद्यालय की बालिकाओं को पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के महत्व के बारे में जागरूक करना आज की आवश्यकता बन गई है जब बालिकायें पौधारोपण अभियान में शामिल होती है तो न केवल वे पर्यावरण को बचाने में योगदान देती है बल्कि यह उनके सामाजिक विकास में भी सहायक होता है। बालिकायें पौधे लगा...

"छोटे प्रयास, बड़ा बदलाव : बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का निर्माण"

चित्र
स्पैरो हाउस स्कूल को देने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जो पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों की रक्षा के लिये एक अनूठी पहल की, जो न केवल शिक्षा का हिस्सा बल्कि समाज को जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका साबित हुई है। बंया पक्षी को बचाने हेतु चिड़ियाघर वितरण इस कार्यक्रम ने छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के बीच पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का अहसास करवाया है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से बच्चों में प्रकर्ति और वन्य जीवों के प्रति सहानभूति और संरक्षण की भावना पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। चिड़ियाघर बंया पक्षी का एक छोटा सा घर है जो उनकी प्रजातियों को संरक्षित करने व् आश्रय प्रदान करता है ताकि इस प्रजाति को बचाया जा सकें और पर्यावरण के प्रति लगाव को सशक्त बनाया जाये ,यह एक सामाजिक कार्य है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उनकी जानवरों से देखभाल उनके भोजन और सुरक्षा में कोई कमी न हो। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह समझाया की सिर्फ चिड़िया घर देकर बंया पक्षी को बचाना नहीं अपितु प्राकर्तिक संशाधनों और वन्य जीवों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है बच्चों को यह ...

"अच्छे और बुरे स्पर्श की जागरूकता: बच्चों के लिए एक जरूरी शिक्षा"

चित्र
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सामाजिक क्षेत्र के कई विषयों पर सकारात्मक कार्य किये जाते है। जो समाज को प्रेरणा देने के साथ समाज में बदलाव की दिशा को निर्धारित करता है। ऐसा ही एक विषय को लेकर संस्था द्वारा झुग्गी झोपडी, स्लम, स्ट्रीट ,व् गन्दी बस्तियों म रहने वाले बच्चों के साथ संस्था ने अच्छा स्पर्श व बुरा स्पर्श  कार्यक्रम करवाया जाता है जो इनके शरीर में बदलाव और रहन सहन की समस्त जानकारिया देता है। जो बच्चों को सजग व् जागरूक करता है जो इनके लिए अति आवश्यक होता है। क्योकि यह सभी बच्चे प्राथमिक शिक्षा व् अन्य विषयों की जानकारी से अनभिज्ञ होते है। यहाँ तक यह जानकारी कई बच्चों का भविष्य व् जान माल बचाने में मदद करती है और समाज की नकारात्मक द्रष्टि से इनको सुरक्षा की एक दीवार बनकर खड़ी होती है।  यहां संस्था प्रतिनिधियों द्वारा सभी बच्चों को एक स्थान पर एकत्रित कर उनको पोस्टर, सेल्फी, व्याख्यान, गेम, सवाल-जवाब, और कई साधनो से समझाया व् जानकारी दी जाती है। और साथ ही उनके साथ भिन्नता पूर्वक बातचीत के दौरान वहां की स्थिति का विवरण लिखा जाता है व् समझा जाता है ताकि उसका निराकरण क...

"SHG और प्राथमिक अभिविन्यास: महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से सशक्त बनाना"

चित्र
स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम भारत में महिलाओ के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरे है ! इन समूहों के माध्यम से महिलाये अपनी समस्याओं का समाधान ढूढ़ने और समुदाय के विकास कार्यों में योगदान करने के लिए एकजुट होती है।  स्वयं सहायता समूह  के साथ प्राथमिक अभिविन्यास कार्यक्रम का  आयोजन महिलाओं को उनके अधिकारों , कौशलों और विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करने का  एक  अच्छा  प्रभावी तरीका हो सकता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सभी ग्रामीण महिलाओं के लिये यह कार्यक्रम का उद्देश्य  महिलाओ को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ साथ उन्हें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत पहलुओं पर सशक्त बनाना है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बताया गया की इसमें उन्हें संविधान और क़ानूनी अधिकारों की जानकारी प्राप्त होगी, आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ेगा , सामाजिक सशक्तिकरण सशक्त रूप से इन्हे जागरूक करेगा व् इनको स्वास्थ्य और पोषण के विषय में भी जागरूक करेगा।  shg महिलाओ को विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करन...

"जीव रक्षा का धर्म: बयां पक्षियों के लिए योगदान पर्यावरणीय जागरूकता

चित्र
भगवान् के द्वारा संसार में बनाई हर रचना अद्भुत और अद्वितीय है  कही तो  ये जीव रूप में  बड़े तो कही छोटे रूप में विधमान है ! मेरा नाम अतुल गोस्वामी है ! मै शुरू से एक पर्यावरणीय प्रेमी हूँ ! और मैंने अपने घर के आस पास पेड़ पौधे लगा रखे है ! जिन्ह पर कई जाति के पंछी आते है ! और अपना बसेरा बसाते है ! साथ ही मैंने अपने स्थान पर उनको खाने योग्य दाने की व्यवस्था भी कर रखी है ! जिससे वो अपना पेट भर सकती है ! एक दिन मैंने अपने कंप्यूटर में इस विषय पर मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के बारे में सुना जो पर्यावरण बचाव हेतु बयां पक्षी के बचाव के लिए एक अभियान चला रखा है ! जिसमे बयां को सुरक्षित जीवन चक्र संचालित करने हेतु वह एक चिड़ियाघर और फीडर की व्यवस्था मुहैया करवाते है !  इसे पढ़ने के बाद मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान से संपर्क किया और इस विषय की उनसे पूर्ण जानकारी प्राप्त की फिर उसके पश्चायत उनसे मैंने 5 चिड़ियाघर व् 5  फीडर हेतु फॉर्म भरकर उनसे आवेदन किया ! उन्हें प्राप्त करके मैंने अपने आँगन व् पेड़ो पर इन चिड़ियाघरों को स्थापित किया और उनके खाने की व्यवस्था फीड...

"वृक्षारोपण: कल के लिए आज की जिम्मेदारी एक अमूल्य योगदान"

चित्र
  हमारी धरती के सभी जीव जंतु व् सभी संसाधनों की रक्षा व् उनकी वर्द्धि में सहयोग करना हर मानव का कर्तव्य है ! यह हमे मानवता का पाठ सिखाती है और समाज व् देश को पिछड़ेपन की अवस्था से उबारने का कार्य करती है ! जिसका लाभ समाज के सभी वर्गो को प्राप्त हो ! हमारी प्रकर्ति भगवान का दिया हमको एक अमूल्य उपहार है ! जिन्हें हम अपने जीवन के कार्यों में काम लेते है कही न कही इस धरती पर एक दूसरे की मदद करना हमें इंसानियत व् मानवता सिखाता है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा पर्यावरण विषय पर बहुत सारे कार्यक्रम किये जाते है ! जिसे खाद बीज वितरण , फलदार पौधों का वितरण व् वर्मी कम्पोस्ट का वितरण , पेड़ो का वितरण , किसान सहयोग कार्यक्रम , फूलों के पौधों का वितरण व् बच्चों के साथ पर्यावरण के सभी संजीदा विषयों पर संस्था सफलतापूर्वक कार्य करती है ! ग्रामीण जीवन क्षेत्रों में कई संस्थानों में पेड़ लगाने का पावन कार्य किया है ! जो सबको जीवन देते है ! संस्था द्वारा स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, पंचायत, ग्राम पंचायत, श्मशान भूमि, गोचर भूमि व् सड़क के किनारे वाली जगहों पर वृक्ष लगवायें जाते है ! जो ह...

आगामी पीढ़ियों के लिए हरित भविष्य वृक्षारोपण से पर्यावरण को पुनर्जीवित करना

चित्र
राजस्थान सम्रग कल्याण संस्थान पर्यावरण को लेकर काफी सजग व् जागरूक है उसका मानना है इस धरती को वृक्ष विहीन करने पर सम्पूर्ण धरती का नाश हो जायेगा ! जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल होगा व् धरती पर ऑक्सीजन लगभग न के बराबर हो जाएगी ! ऐसी परिस्थितियां मानव स्वयं अपने लिए निर्माण कर रहा है ! जो खुद उसकी प्रजाति के लिए बेहद घातक सिध्द होगा ! यह विषय समाज, देश, दुनिया के लिए अत्यंत शोचनीय बनता जा रहा है ! इसके कारण बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन हमे देखने को मिल रहा है ! जिसमें तापक्रम का प्रति वर्ष बढ़ना, अतिवृष्टि होना, मिट्टी का कटाव होना, भूस्खलन होना, समुन्द्र के जल स्तर में बढ़ोतरी , भूकंप, विस्फोट ,ज्वालामुखी आदि समस्याऐं उत्पन्न हो रही है ! वृक्षों का निरंतर काटा जाना इसकी मुख्य वजह है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष वर्षा ऋतु के आस पास ग्रामीण काश्तकारों के साथ मिलकर वृहद पैमाने पर्यावरण  संरक्षण के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम में काश्तकारों को फलदार पौधे , पेड़, व् खाद का वितरण किया जाता है ! संस्था ने इस वर्ष लगभग 61 परिवारों के साथ यह कार्य किया गया इसमें 450 पौधे का वितरण लगभग...

समाज की जिम्मेदारी: बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता और शिक्षा का महत्व

चित्र
भारत व् एशिया के कई देशों में बाल विवाह का कुरीति है ! जिसके चलते न जाने कितनी मासूम बालिकाओ का बचपन रौंधा गया व् कई हजारो बलि की वेदिका पर चढ़ गई ! समाज के द्वारा इन बालिकाओ को बालपन में ही इनका विवाह कर दिया जाता है ! जिससे न तो यह अपना बचपन, शिक्षा, समझ व् शारारिक संगठन को पूर्ण नहीं कर पाती है फलस्वरूप कई तरह की बीमारियों से यह ग्रसित हो जाती है व् अकाल मृत्यु का ग्रास बन जाती है ! जल्दी शादी करने से न तो यह परिपक़्वता आती है न ही यह गर्भधारण करने योग्य रहती है ! समाज की सामाजिक कुरीतियों व् रूढ़िवादिता में इनकी दशा अत्यंत दयनीय होती है ! गरीबी, निर्धनता, लाचारी, अशिक्षा, रीती-रिवाज, प्रभुत्ववादी लोग व् नकारात्मक सोच की उपज ही बाल विवाह का मुख्य कारण बनती है इस अन्धकार को शिक्षा के प्रकाश से ही दूर किया जा सकता है !   राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा जरूरतमंद वंचित परिवारों की बालिकाओ के साथ बाल विवाह रोकथाम कार्यक्रम चलाया जा रहा है ! इसमें शिक्षा के साथ इस विषय पर सभी बालिकाओ को जागरूक किया जा रहा है ! जिसमे इस बाल विवाह कुरीति का हमारे समाज में अन्तः हो सके व् सभी बालिक...

संस्थान का योगदान: पर्यावरण संरक्षण के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की प्रेरणादायक पहल

चित्र
मेरा नाम गीतांजली शर्मा है मैं अजमेर में ही निवास करती हूँ और पर्यावरण से बहुत अधिक प्रेम करती हूँ एक दिन मिडिया पर मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का सेव द बर्ड्स प्रोजेक्ट देखा ! जिसमे कैसे एक विलुप्त हो रही एक नन्ही सी चिड़िया को बचाने का एक वृह्द कार्य इसके द्वारा किया जा रहा है ! ताकि हम अपने आस पास रहने वाली बयां पक्षी को बचा सके ! हमारे मानवीय दुष्टपरिणामों की वजह से और जटिल वातावरण बदलाव के कारण यह जाति अब संकटग्रस्त हो रही है ! अंत इस जीव के पुनः बचाने के लिए मानवीय सहयोग का होना अति आवश्यक है ! तभी हम दुनिया में विलुप्त हो रहे जीव को बचा पाएंगे ! फिर मैंने संस्था के ऑफिस से संपर्क किया और इस विषय पर संस्था प्रतिनिधियों से जानकारियां प्राप्त की ! उनके द्वारा मुझे इस पक्षी के जीवन चक्र के बारे में सविस्तार समझाया गया ! सभी जानकारिया प्राप्त कर मैंने उनसे 1 चिड़ियाघर व् फीडर प्राप्त किया ! जिसको मैंने अपने घर पर बगीचे में ऊपर छायादार स्थान पर लगाया ताकि यह पक्षी आकर अपने घोंसले का निर्माण करे व् इस जीवन चक्र की शृंखला को आगे बढ़ाये ! इसके कुछ समय पश्च्यात उस चिड़ियाघर में बयां ...

जल भराव क्षेत्रों में मच्छर दानी वितरण कार्यक्रम

चित्र
  इस वर्ष भारत में हर जगह अत्यधिक वर्षा के कारण परेशानियाँ उत्पन हुई है ! जिससे बाढ़ ,मिटटी का कटाव ,अपरदन व् कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है ! ग्रामीण क्षेत्रों में जहा मिटटी के बड़े -बड़े  गड्डे बने होते है ! वह इस मौसम में मच्छर के लार्वा बहुत अधिक मात्रा में उत्पन्न होते है ! और इनके काटने से घातक मलेरिया रोग उत्पन्न होता है ! जो बहुत ज्यादा हानिकारक होता है ! इस रोग से मृत्यु भी हो जाती है ! इसका बचाव नितांत आवश्यक है ! अंत ऐसे स्थानों पर कीटनाशक व् मिट्टी के तेल का उपयोग करे जिससे लार्वा उत्पन्न न हो सके व् इस रोग से हम बच सके ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के 20 ऐसे स्थानों का चयन किया गया ! जहा मलेरिया फैलने की अधिक सम्भावनानाये है ! जहाँ पर सरकारी सुविधाओ का अभाव है ऐसे स्थानों पर संख्या द्वारा मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम रखा गया ! जिसके प्रत्येक गांव या स्थान पर 25 परिवारों को लाभान्वित किया व् उन्हें मच्छरदानी दी गई लगभग 500 वियक्तियों को इसमें लाभान्वित करवाया गया !  मच्छरदानी एक प्रकार का जालीदार पर्दा होता है ! जिसे बिस्तर या सोने के स्थान पर परिधि के...

मेहनत और ईमानदारी से स्वरोजगार की ओर: रुकमा की यात्रा

चित्र
मेरा नाम रुकमा है। मैं पीसांगन गांव में रहती हूं। मेरा परिवार बेहद गरीब है। मेरे तीन लड़कियां हैं। मेरे पति कभी कभी फुटकर मजदूरी करते हैं। मैं भी मजदूरी करके अपना घर चलाती हूं। मैं जैसे तैसे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई हेतु भेज रही हूं जिससे वह साक्षर हो सके। मुझे एक दिन पंचायत से पता चला कि हमारे यहां राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा स्वयं सहायता समूह का कार्यक्रम करवाया जा रहा है। मैंने उसमें भाग लिया और एक समूह से जुड़ी धीरे-धीरे मुझे इसकी बारीकियाँ समझ में आने लगी और मैं अपनी छोटी-छोटी बचत उसमें जमा करने लगी और आपसे ऋण सहयोग से अपने घर की जरूरत को पूरा कर उस ऋण को चुकाने लगी। फिर संस्था द्वारा स्वरोजगार हेतु बैंक से हमें एक बड़ा लोन करवाया गया जिसको 2 वर्ष में पूर्ण अदा करना था। मैंने उन पैसों से अपनी एक लकड़ी की केबिन बनवाई और उसमें मनिहारी ( महिला श्रृंगार ) का सामान विक्रय करने लगी। मुख्य बाजार में मेरी केबिन होने की वजह से मेरी आमदनी अच्छी खासी होने लगी। धीरे-धीरे फिर और सामान मैंने अपनी केबिन में डाला। अब मुझे प्रति माह 10000 से 12000 की आय प्राप्त होने लग...

नीमा नामादामू डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो विकलांग महिला कार्यकर्ता

चित्र
 हीरो वूमेन राइजिंग नाम के नेटवर्क का मकसद कांगो में महिलाओं और किशोरियों के जीवन स्तर को बहतर करना है। विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता नीमा नामादामू ने इस जमीनी संगठन की स्थापना की जो शिक्षा और तकनीक से महिलाओं की आवाज बुलंद करता है और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक मानता है। पूर्वी कागों के दूर दराज इलाकों में पैदा हुई नामादामू को दो वर्ष में ही पोलियो हो गया और वह विकलांग होते हुए यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वह पहली अपनी जातीय समूह की महिला थी। वह संसद की सदस्य भी बनी और देश की परिवार कल्याण मंत्री की सलाहकार भी रही| संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो की महिलाओं के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक देशों में से एक है। लड़कियों को कम उम्र में शादी कर दी जाती है। महिलाएं घरेलू हिंसा की रिपोर्ट करती है और कानून के तहत उन्हें बहुत कम सुरक्षा मिलती है और औपचारिक शिक्षा के बारे में अक्सर बाद में सोचा जाता है। 2012 में नीमा ने सुजा मीडिया सेंटर खोला जो महिलाओं को मुफ्त डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण प्रदान करता है। आज केंद्र महिलाओं और लड़कियों के लिए अपने आसपास की दुनिया के...