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स्वस्थ शरीर, स्वस्थ विचार: महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में पहल

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शारीरिक स्वच्छता एवं स्वास्थ्य मानव जीवन की वो स्वास्थ्य विशेषता है जो उसे निरोगी काया प्रदान करता है और ऊर्जा का संचार करता है ! इसलिये भारतीय शास्त्रों में भी कहा जाता है `` पहला सुख निरोगी काया `` यह बात पूर्ण सार्थक सिद्ध होती है एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ विचारों का जन्म होता है और वह द्रस्टिपटल पर पूर्ण रूप से कार्य करते है ! परन्तु आज भी हमारे ग्रामीण जीवन का परिवेश वही पुराणी आदतों और परम्पराओ से घिरा है जहां मानवीय विचारधाराएं आज भी संकीर्ण और संकुचित है मैं भी एक ग्रामीण महिला हूँ मेरा नाम विजयलता है मैं कक्षा 8 वीं मई पढ़ती हूँ ! और इस विषय पर थोड़ी जानकारी रखती हूँ !   राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे गांव में बी हैप्पी बी स्माइल का यह कार्यक्रम किया गया इसमें महिला को हाइजीन बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है और स्वास्थ्य संबधी वो महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जिनसे वो अभिन्न थी ! इस कार्य के प्रति आजकल सरकार भी सचेतक है और महिलाओ के स्वास्थ्य के लिए बहुत सारे कार्यक्रम चला रही है संस्था प्रतिनिधि द्वारा हाइजीन सेनेटरी पेढ़ की विशेषताओं के बारे में सभी को बताया...

"ग्रामिण महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिक्षा: हाइजीन का महत्व एक आवश्यक कदम"

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  रा जस्थान समग्र कल्याण  संस्थान द्वारा महिलाओं के साथ बहुत से मुद्दों पर कार्य किये जाते है जिसमें हर माह महिलाओं में होने वाला ऋतु स्त्राव चक्र है मुख्यत यह चक्र यदि अंडाणु को प्राप्त करने की तैयारी करता है गर्भपात की दिवार मोटी तथा संपजी हो जाती है लेकिन निषेचन न होने पर ये धीरे धीरे टूटती है और रुधिर व् भूकपं के रूप में योनि मार्ग से बाहर निकलती है इस प्रकिर्या को रजोधर्म या ऋतुस्राव चक्र कहते है !  भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को इस कार्य के प्रति जागरूक किया जाता है ! जिसमे व् हाइजीन पेड का प्रयोग करें क्योकि पुराने व् परम्परागत तरीकों से कई प्रकार की बीमारिया इनको हो जाती है व् बहुत घातक और इनको नुक्सान पंहुचा सकती है ! सेनेटरी नेपकीन एक अजीब है लेकिन इसका अर्थ है सोखने वाला पेड है जिसे आप पीरिड्स के दौरान अपनी पैंटी पर पहनती है ताकि मेंस्टुअल ब्लड को सोखा जा सके ! संस्था के द्वारा इसके प्रति सजग बनाया जाता है व् उन्हें निशुल्क सैनेटरी पेड वितरण किया जाता है जिससे वह जीवन में हायजीनिकता को अपनाये व् स्वस्थ और स्वच्छ रहे ! प्रारम्भिक दौर में हर ...