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मानवता की मिसाल: सर्दी से बचाव हेतु बेघर और वंचितों के लिए कम्बल वितरण

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एक मानव का दूसरे मानव के लिए किया गया कार्य मानवता कहलाता है।  जिसमे किसी अन्य व्यक्ति की सेवा या मदद शामिल है।  हमारे समाज में ऐसे कई बेघर लोग, वंचित, बेसहारा, अनाथ , सड़को के किनारे पर अपना जीवन यापन करते है उनके पास न तो रहने योग्य स्थान , खाने के लिए उपयुक्त भोजन एवं ओढ़ने व् पहनने के लिए वस्त्रों का अभाव रहता है।  जो किसी भी प्रकार से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाने में असक्षम ही रहते है ऐसे बेघर, अनाथ, बेसहारा, मानसिक विकलांगता , पागल आदि को सर्दी से बचाने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा कम्बल वितरण किया गया। शहर की सड़कों के किनारे, दुकानों के आस- पास, स्टेशन, बस स्टैंड, पर रह रहे लगभग 150 लोगों को सर्दी बचाव के लिए कम्बल बाँटे गए।  जो इस भयंकर सर्दी में उनको इससे बचाएँगे।  रात्रि में सर्दी का कहर कभी- कभी इनको मौत के मुँह में ले जाता है।  इस वर्ग को इस प्रकार की मदद की बहुत आवश्यकता होती है।  जो इनको जीवन बचाने में अपना सहयोग देती है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा निर्धारित रुपरेखा के तहत गरीब लोगों की मदद की जाती है धर्म ...

आशा के कंबल: बेघरों को आराम प्रदान करना सहायतार्थ कार्य

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 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गरीबों की सहायतार्थ हेतु बहुत से कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिनमें उनकी कुछ मदद कर उन्हें बचाव या किसी जरूरत को पूरा करके किया जाता है। इसी संदर्भ में रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड और पुल के आसपास फुटपाथ के पास जो बेघर, बेसहारा,अनाथ,गरीब लोग रहते हैं। उनको सर्दी से बचाव हेतु गर्म कंबल वितरण किए जाते हैं जिससे वह अपना बचाव कर सके और सर्दी के प्रकोप से बच सके । हमारा भारत एक विकासशील राष्ट्र है, परंतु आज भी कहीं ना कहीं गरीबी के कारण बहुत से लोग अपना दयनीय जीवन यापन कर रहे हैं। मानव का मानव की सहायतार्थ हेतु किया जाने वाला कार्य ही मानवता कहलाता है। भारत के उत्तरी पूर्वी इलाकों में सर्दी के समय यहां बहुत ठंड पड़ती है जिसमें संपन्न में मध्यम वर्ग के लोग अपना तो बचाव कर लेते हैं, परंतु गरीब, असहाय, बेसराहा ,अनाथ,विकलांग, बुजुर्ग लोग जो अपना जीवन फुटपाथ सड़क के किनारे बिताते हैं, उन्हें ठंड से कोई बचाव नहीं मिल पाता है। लेकिन ईश्वर की इस धरती पर किसी न किसी को निमित्त बनाकर जरूरतमंदों का ख्याल रखते हैं। वैसे तो गरीबों के लिए सभी मौसम दुखदाई होते हैं, परंतु ...