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शिक्षा हर बालिका का अधिकार नए समाज की पहल

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 शिक्षा वो माध्यम है जो हमारी संकीर्णताओ  को दूर करता है और बौद्धिक क्षमताओं का विकास के आगे बढ़ने की राह अग्रसर करता है भारत में आज भी बालिका को शिक्षा से वंचित रखा जाता है उसे घरेलू कार्य ही करवाए जाते है जिस से उसका आने वाला कल ख़राब होता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्रारा इस हेतु सभी ग्रामीण इलाक़ों में सभी सरकारी स्कूलों में गरीब , निर्धन ,बेसहारा ,अनाथ , विकलांग ,बच्चों में राजस्थान  समग्र कल्याण संस्थान स्कूल बैग ,कॉपी , किताब ,स्टेसनरी ,रबर,पेंसिल ,पेन ,शापनर ,रंग ,ड्रांइग बुक,आदि का वितरण हेतु सर्वे कार्य सम्पादित किया जा रहा जिसमे यह सभी छात्रा को इसका लाभ प्राप्त हो सके व् अपनी पढ़ाई के अध्यनकर्ता को सुचारु रूप से संचालित कर सके और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा समाज में उस विचारधारा को निरंतर दूर किया जाता है जिसमे छात्राओ को सामान  अधिकार है लड़का और लड़की दोनों को पढ़ने का पूर्ण अधिकार है हर कोई अपना आने वाला कल सुधारना चाहता है इस हेतु संस्था के प्रतिनिधि गांव की सरकारी स्कूल से मिलकर गरीब छात्रओ की एक सूची प्राप...

नई आशा की किरण जगाना पौधारोपण सबको अपनाना

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वृक्ष हमारे जीवन के लिए अतिआवश्यक है यह जीवन कि जान है धरती पर इसके बिना जीवन की कल्पना करना सार्थक नहीं यह हमें प्राणदायक वायु प्रदान करते है और जीवन संचारित करने हेतु बहुत सी वस्तुएँ भी इन से प्राप्त होती है जैसे ईधन के लिए लकड़ी ,खाने योग्य फल ,बीज ,छाल ,पत्ते ,और भीं प्राप्त वस्तुएँ, धरती पर मानव द्वारा अपने स्वार्थ पूर्ति  हेतु इसका हास्स किया जा रहा है निरंतर वृक्षो को काटा जा रहा है जिससे जलवायु परिवर्तन हो रहा है व् इसका विनाश सम्पूर्ण मानव जाति  पर पड़ रहा है यदि ऐसा ही चलता रहा तो पृथ्वी पर जीवन एक दिन संभव नहीं रह पायेगा। इस कड़ी में  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा  श्रृंखला बृद्ध तरीके से गांव , शहरी ,कस्बों ,ढाणियों में पौधारोपण सर्वे कार्यक्रम करने हेतु प्रोसाहित किया जा रहा है।जिसको यह अपने घर ,खेतों के आसपास ,सड़क किनारे लगाकर उसका लालन पालन करे।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 7 गांव के 65 कास्तकारों का सर्वे किया गया है   जिसमे उनको फलदार पौधो का वितरण किया और उनके लालन पालन के लिए उनको प्रेरित भी किया।  और पशुओं से इनकी ...

आत्मनिर्भरता जीवन का सशक्त पहलू

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भारत वर्ष में परिधान ( कपडे ) का बहुत महत्व है भारतीय महिलाओ की इसमें विशेषता रूचि होती है  जो की महिलाओ द्वारा किया जाने वाला सबसे अधिक प्रचलित कार्य है। इस कार्य में सभी महिला रुचिपूर्ण तरीके से यह कार्य करने व् सिखने की इच्छुक होती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष युवा वर्ग की महिलाओ के साथ यह कार्यक्रम संचालित करती है जिसमे लगभग 25 से 30 महिलाये शामिल होती है। यह कार्यक्रम लगभग 3 माह अवधि का होता है। जिसमे उनको कपडा की कटिंग ,सिलाई ,तुरपाई ,बटन लगाना ,पिको ,कशीदा ,किनारीपट्टी लगाना आदि सिखाया जाता है। मास्टर ट्रेनर इस कार्यो को बड़ी निपुणता  के साथ उस सभी को बारीकी से सिखाते है जिसमे वो इस कार्य में पारंगत हो सके। संस्था के इस कार्यक्रम  में मास्टर ट्रेनर द्वारा सभी को महिलाओ के वस्त्र व् बच्चो के वस्त्र सिलना सिखाये गए। जिसमे बलाउज ,पेटीकोट ,कुर्ती ,पजामा ,फॉर्क ,शर्ट ,नेकर ,इत्यादि थे। सर्वप्रथम मास्टर ट्रेनर द्वारा सभी आकर के फर्मे काट लिए जाते है फिर उन फर्मो की मदद से कपडे को आकार दिया जाता है और फिर उसे सिला जाता है और सर्वप्रथम छोटे छोटे आकार के ...

ब्यूटी पार्लर महिला शक्ति का रूचि और गरिमापूर्ण कार्यक्रम

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 मेरा नाम कविता रेगर है मै एक कॉलेज पास आउट छात्रा हूँ और खुद के पैसे पर खड़े होना चाहती हूँ मेरे घर पर माँ और दो भाई है पिता का देहांत पूर्व में हो गया है इसलिए घर को ठीक से चने के लिए हमे कार्य करना ही होगा।  बचपन से मैंने देखा है की महिलाओ को सजना सवरना बहुत अच्छा लगता है मुझे भी इसमें रूचि होने लगी फिर कुछ समय बाद हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा हमारे यहाँ ब्यूटी पार्लर कार्यक्रम प्रशिक्षण हेतु सर्वे कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे लगभग 55 महिला व् युवतीओ का साक्षात्कार किया गया। व् उनके अभिभावक से भी इस विषय पर चर्चा की गई व् उनकी सहमति प्रदान की गई। यह कार्यक्रम पुरे 90 दिन का होगा। सभी प्रतिभागी को इस में प्रतिदिन आना होगा। सभी नियम शर्ते पता करने के बाद मेरा नाम लिस्ट में अंकित करवा दिया।  संस्था द्वारा इस प्रशिक्षण में हम सभी महिलाये को ब्यूटी पार्लर सम्बंधित कार्य सिखाये जायेगे ,जिसमे बाल काटना,हेयर डोर्पेर , मसाज ,नेल कटिंग , पेडिक्योर ,मेंहदी ,बाल कलर करना ,फैशियल ,सैटेट बाल ,वैक्सिंग ,बिलीचिंग ,आदि कार्य हमको सिखाये जाते गए। समय बीतने के...

सक्षम भविष्य: राजस्थान में लड़कियों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष सरकारी स्कूल में अध्यनरत जरूरतमंद ,गरीब, बेसहारा, अनाथ,  निराक्षित, बालिका को स्कूली जरूरतों को पूरा करने के लिए संस्था द्वारा आर्थिक मदद व् प्रोत्साहन राशि  छात्रवृति के रूप में दी जाती है जिससे उनको आगे की स्कूली शिक्षा व् अध्ययन करने में कोई असुविधा का सामना न करना पड़े। कभी कभी अध्ययन करने में उनको गरीबी व् कई कारणों से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे वह ज्ञान अर्जित नहीं कर पाती है। और अपने भविष्य को अंधकार में डाल देती है। इस स्थिति से बचाने हेतु संस्था लगातार स्कूली बालिकाओ को शिक्षा के लिए प्रोत्शाहित करती है व् समय समय पर स्कूली जरुरतमंद सामग्री मुहैया करवाते रहते है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा लगभग सरकारी स्कूलों का सर्वे कर 40 बालिकाओ का चयन किया गया जो की सभी गरीब व् जरूरतमंद थी। प्रत्येक बालिका को शिक्षा हेतू  2000/- प्रति बालिका को प्रोत्साहनराशि ( छात्रवृति ) के रूप में प्रदान की गई। जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सके और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। किसी सामाजिक भलाई के लिए किया गया कार्य ...

The Energetic Youth Friends Club !!

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Dear Friend, In our society, incidents of female molestation, child marriage, female violence occur every day, especially in rural areas. The main reason for this is that people in rural areas are not aware and at the same time such incidents are suppressed. In such a situation, women do not get justice. Awareness program against women molestation, female violence etc. was organized by RSKS Organization under which the following activity was organized by the organization. At such a time, a step was taken by the RSKS Organization which is as follows...... The Youth Friends Club was formed in the rural areas by the Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan in which a group of young boys and girls were formed. The organization has 13 youth Friends clubs with 130 young generation boys and girls. The organization has made aware and trained young women club members against female violence, molestation, child marriage etc. Now the Youth Friends Club raises its voice against such incidents at its own ...

RSKS Honored! Do Good ~ Feel Good !!

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  Every Award, appreciation, reward generates a new energy feeling by which we work with more passion, determination and allegiance and work with new pace on our purpose.   We are feeling immense joy in telling you that because of our work "Covid-19 Humanitarian Relief Response", RSKS India got appraisal certificate and award memento from 7 block panchayat offices and from deputy district magistrate office on the occasion of Indian Independence day 15th august 2020 to honor and increase our enthusiasm. In this way, RSKS India also got 67 appraisal certificates and appreciation from the 67 block panchayat, hospital, police department, district administration and medical department etc. for the "Covid-19 Humanitarian relief response" done for ensuring food security of poor deprived families, livelihood, education, hygiene kit distribution, awareness etc work. The Representative of RSKS India Received this Honour. We thank all our supporters, partners, donors like you ...

BE FREE; Happy Period with Sanitary Napkins!!

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Namaste ! Warm Greetings from RSKS India ..... If you are from India, chances are that the word ‘menstruation’ conjures up an uncomfortable image in your mind. This is because menstruation is a forbidden topic and is not discussed openly in India due to the stigma associated with it. In many parts of India, menstruating women are considered to be unclean. They are not allowed to enter the kitchen, visit temples or auspicious functions. Dasra, an NGO,did a report in 2014 titled Spot On!, which found that70% of the mothers, predominantly in rural and among lower income classes, consider menstruation as ‘dirty’ and most of them are not aware of what menstruation really is. It is little surprise then that most rural or urban poor girls, would not have heard of menstruation before they reach menarche, the onset of menstruation. The chronic lack of awareness about menstruation has led to the prevalence of unhygienic p...
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  Education Rajasthan state has 13.20 lakh shool drop-out children of 6 - 14 years age group according to the survery report 2013-14 of "Sarv Shiksha Abhiyaan" of the government of Rajasthan. It is a terrible figure of school drop-outs. Besides that the election commission has declared that one must pass minimum 8 th standard for the candidancy of Panchayat elections. This declaration has increased the importance of education more. As per sensex 2011, the state has 67.41 literacy rate which is not so good and the rate shows illiteracy and backwardness in the state. Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan is working on various educational models  with deprived section for the educational development and better literacy in which "Patshala" schools for school drop-out kids and breif syllabus of middle level education for women are managed in remote villages. Hundreds of women and children are getting quality education in these schools so that t...