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"स्वतंत्रता दिवस समारोह: शिक्षा, सशक्तिकरण और संस्कृति का उत्सव"

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आर.एस.के.एस. इंडिया द्वारा संचालित पाठशाला में 15 अगस्त का आयोजन बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। यह दिन भारत की आज़ादी की याद में हर वर्ष पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है, और इस अवसर पर पाठशाला में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके बाद ध्वजारोहण किया गया। तिरंगा झंडा लहराते ही पूरे वातावरण में देशभक्ति की भावना उमड़ पड़ी। उपस्थित सभी छात्राएं, शिक्षकगण और अभिभावक इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने। इस आयोजन की सबसे ख़ास बात यह रही कि इसमें पाठशाला की सभी बालिकाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कुछ बालिकाओं ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए, तो कुछ ने रंगारंग नृत्य और नाटकों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को श्रद्धांजलि दी। एक समूह ने स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें झांसी की रानी, महात्मा गांधी, भगत सिंह जैसे महानायकों की भूमिका निभाई गई। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और बच्चियों के आत्मविश्वास और प्रतिभा को भी उजागर किया। समारोह के अंत में संस्था के पदाधिकारियों और शिक्षकों ने स्वतंत्रता का मह...

"हम भी बराबर हैं: ग्रामीण स्कूली बालिकाओं के सशक्तिकरण की ओर''

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ग्रामीण भारत की बेटियाँ आज आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की ओर कदम बढ़ा रही हैं, और इस दिशा में RSKS India द्वारा चलाई जा रही पहलें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हाल ही में संस्था द्वारा एक विशेष कार्यक्रम "We Are Equal" का आयोजन ग्रामीण विद्यालय में किया गया, जिसमें स्कूली बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं में समानता, आत्मसम्मान और नेतृत्व की भावना को बढ़ावा देना था। समाज में व्याप्त लैंगिक असमानताओं को खत्म करने की दिशा में यह एक प्रभावशाली कदम रहा, जिसमें छात्राओं को यह समझाया गया कि वे किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं और वे भी हर सपना साकार करने का अधिकार रखती हैं। कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं ने भाषण, निबंध लेखन, रंगोली, चित्रकला, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन गतिविधियों में उन्होंने लैंगिक समानता, शिक्षा का महत्व, महिला अधिकार, और स्वच्छता जैसे विषयों पर खुलकर अपनी राय रखी। छात्राओं ने प्रेरक नारों और पोस्टरों के ज़रिए यह संदेश दिया कि लड़कियाँ भी हर क्षेत्र में समान अवसरों की ...

"शिक्षा से रोशन गाँव: वंचित छात्राओं के लिए आरएसकेएस का प्रयास"

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राजस्थान  समग्र कल्याण संस्थान (आरएसकेएस) द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल करते हुए हाल ही में विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में नई पाठशालाओं का उद्घाटन किया गया। इन पाठशालाओं का उद्देश्य उन वंचित छात्राओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है, जो किसी कारणवश औपचारिक शिक्षा से वंचित रह गई थीं। इन विद्यालयों की स्थापना समाज के सबसे पिछड़े वर्गों की बालिकाओं के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि वे भी शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें। इन पाठशालाओं में छात्राओं को न केवल प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी, बल्कि उन्हें जीवन मूल्यों, स्वच्छता, आत्मविश्वास और सामाजिक कौशलों की भी जानकारी दी जाएगी। पढ़ाई का माहौल पूरी तरह सुरक्षित, प्रेरणादायक और बालिकाओं के अनुकूल बनाया गया है, जिससे वे बिना किसी झिझक के खुलकर अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है ताकि वे इन बच्चों की शैक्षणिक और मानसिक आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझ सकें और सहयोग कर सकें। कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान गांव के स्थानीय लोगों, अभिभावकों और समाजसेवियों ने बड़ी संख्...

"हुनर और हौसले की मिसाल: स्वावलंबन की राह पर महिलाएं ''

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वावधान में संचालित ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सौंदर्य सेवाओं का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें या किसी प्रतिष्ठान में कार्य करके आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। हाल ही में इस प्रशिक्षण के अंतर्गत महिलाओं के लिए एक विशेष जीवन कौशल कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्हें विभिन्न व्यवहारिक एवं मानसिक कौशलों की जानकारी दी गई। जीवन कौशल कार्यक्रम का उद्देश्य केवल आर्थिक सशक्तिकरण तक सीमित नहीं था, बल्कि महिलाओं को मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी सक्षम बनाना था। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने संवाद कौशल, आत्मविश्वास, समय प्रबंधन, टीम वर्क, तनाव प्रबंधन और निर्णय लेने की क्षमता जैसे विषयों पर चर्चा की। प्रशिक्षणार्थियों ने समूह गतिविधियों, रोल प्ले और खेलों के माध्यम से इन कौशलों को सीखने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। इस कार्यक्रम का महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला। उन्होंने न केवल ब्यूटी पार्लर के तकनीकी ज्ञा...

"ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की ओर: RSKS India द्वारा जीवन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम"

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ग्रामीण विकास का आधार तभी मजबूत होता है जब वहां की महिलाएं सशक्त, आत्मनिर्भर और जागरूक हों। इसी सोच को साकार रूप देने के लिए स्वयंसेवी संस्था RSKS India ने हाल ही में एक जीवन कौशल (Life Skills) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें गांव की सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें जीवन के विविध पहलुओं से परिचित कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा। इस पहल ने महिलाओं को सामाजिक, भावनात्मक और आर्थिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को संवाद कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, समय प्रबंधन, स्वास्थ्य और स्वच्छता, मानसिक तनाव से निपटने के उपाय, घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता तथा महिला अधिकारों की जानकारी दी गई। इन विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सरल भाषा में प्रशिक्षण दिया गया ताकि ग्रामीण महिलाएं इन्हें अपने जीवन में आसानी से लागू कर सकें। कुछ सत्रों में समूह चर्चाओं, कहानी सुनाने, नाटक और व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाया गया। इससे महिला...

"प्राथमिक अभिविन्यास से नेतृत्व तक: आत्मनिर्भरता की एक प्रेरक पहल"

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महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रही संस्था RSKS India द्वारा हाल ही में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के साथ एक प्राथमिक अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को SHG की कार्यप्रणाली, उनके अधिकारों, समूह के वित्तीय प्रबंधन, और सामुदायिक विकास में उनकी भूमिका के प्रति जागरूक करना था। ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं को संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना, इस पहल का मूल उद्देश्य रहा। कार्यक्रम में महिलाओं को समूह गठन की प्रक्रिया, बचत व ऋण प्रणाली, बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग, और सरकारी योजनाओं से जुड़ने के तरीके विस्तारपूर्वक समझाए गए। RSKS India की टीम ने सहभागियों को प्रशिक्षण के दौरान प्रेरणादायक कहानियों, समूह गतिविधियों और व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से सिखाया कि वे अपने अधिकारों को कैसे पहचानें और सामूहिक रूप से कैसे समस्याओं का समाधान करें। इस प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्मविश्वास की वृद्धि हुई और वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने लगीं। इस अभिविन्यास कार्यक्रम के माध्यम...

पशुपालन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण

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भारत में ग्रामीण क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से कई बार उपेक्षित होते हैं, जहां संसाधनों की कमी और पारंपरिक सोच के कारण महिलाओं को उतने अवसर नहीं मिल पाते, जितने उन्हें मिलने चाहिए। इन समस्याओं के समाधान के लिए कई सामाजिक संस्थाएं और संगठन काम कर रहे हैं, जिनमें से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान एक प्रमुख संगठन है। इस संस्था ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है – पशुपालन कार्यक्रम। पशुपालन, विशेषकर गाय, भैंस, बकरियां और मुर्गियां पालने का कार्य ग्रामीण महिलाओं के लिए एक सशक्त आजीविका का साधन बन सकता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां महिलाओं को न केवल रोजगार मिल सकता है, बल्कि वे अपने परिवार के लिए स्थिर आय भी उत्पन्न कर सकती हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ने इसी उद्देश्य से एक व्यापक पशुपालन कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को पशुपालन से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना था। शुरुआत में यह कार्यक्रम उन महिलाओं तक पहुंचाने का कार्य किया गया, जो अपने परिवार की आय को बढ़ाने के लिए...

"सहयोग से सशक्तिकरण: "सम्मान के साथ विवाह की एक नई शुरुआत"

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भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में आज भी अनेक परिवार आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी में असमर्थ होते हैं। विशेषकर गरीब परिवारों की बेटियाँ इस कठिनाई का अधिक सामना करती हैं। ऐसे में यदि कोई सामाजिक संस्था सहयोग का हाथ बढ़ाए, तो यह न केवल एक बेटी की जिंदगी संवारता है, बल्कि पूरे समाज को सकारात्मक संदेश देता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ने इसी भावना को साकार करते हुए एक गरीब बालिका को विवाह के लिए आवश्यक घरेलू सामग्री प्रदान की, जो अत्यंत सराहनीय और प्रेरणादायक कार्य है। यह सहायता केवल दहेज स्वरूप सामग्री नहीं थी, बल्कि यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया एक कदम था। विवाह के बाद एक नवविवाहित युवती के लिए गृहस्थी की आवश्यक वस्तुएँ जैसे बर्तन, कपड़े, फर्नीचर, रसोई का सामान आदि उसका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करते हैं। यह सहयोग उसे अपने नए जीवन की एक सम्मानजनक शुरुआत करने में सहायता करता है। दहेज जैसी सामाजिक बुराई के स्थान पर यदि संस्थाएं इस प्रकार की सहायक सामग्री "सहयोग" के रूप में दें, तो यह सामाजिक चेतना और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल बन सकती है। यह कार्य न...

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना: प्राथमिक अभिविन्यास और नेतृत्व विकास

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS), एक अग्रणी जमीनी स्तर का गैर-सरकारी संगठन है, जो हमेशा सामुदायिक विकास और महिला सशक्तिकरण के मामले में सबसे आगे रहा है। इसकी सबसे प्रभावशाली पहलों में से एक ग्रामीण महिलाओं के लिए प्राथमिक अभिविन्यास और क्षमता निर्माण कार्यक्रम रहा है, जिसका उद्देश्य सादा जीवन और प्रभावी नेतृत्व के आवश्यक आयामों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण और वंचित पृष्ठभूमि की महिलाओं को बुनियादी जीवन कौशल, स्वच्छता, वित्तीय साक्षरता, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के बारे में शिक्षित करने पर केंद्रित है। इंटरैक्टिव सत्रों, कार्यशालाओं और समूह चर्चाओं के माध्यम से, महिलाओं को व्यावहारिक उपकरणों और ज्ञान से परिचित कराया जाता है जो उन्हें स्वस्थ, अधिक संगठित और टिकाऊ जीवन जीने में मदद करते हैं। सादा जीवन के ये मूलभूत पहलू महत्वपूर्ण हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां संसाधन सीमित हैं और चुनौतियां बहुत हैं। इसके अलावा, यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं में नेतृत्व के गुणों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रतिभागियों को बोलन...

महिला सशक्तिकरण...समानता का अधिकार

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महिला सशक्तिकरण और समानता का अधिकार समाज के विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह केवल महिलाओं के अधिकारों की बात नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता, न्याय और अवसरों की बराबरी को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।महिला सशक्तिकरण का मतलब है महिलाओं को अपने अधिकारों, स्वतंत्रता और समान अवसरों के प्रति जागरूक करना, ताकि वे अपने जीवन के निर्णय खुद ले सकें और समाज में समान दर्जा प्राप्त कर सकें। इसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल, और राजनीतिक भागीदारी शामिल हैं, ताकि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा सकें और समाज में अपने अधिकारों का पूरा उपयोग कर सकें। समानता का अधिकार न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को केवल उसके लिंग, जाति, धर्म, या किसी अन्य भेदभाव के कारण भेदभाव का सामना न करना पड़े। समानता का अधिकार समाज में हर एक व्यक्ति को बराबरी के अवसर देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब समाज में महिला सशक्तिकरण और समानता के अधिकारों का सम्मान किया जाता है, तो यह न केवल महिलाओं को बल्कि पूरे समाज को लाभ पहुंचाता है...

"उभरती महिलाएं: बेहतर कल के लिए कौशल में वृद्धि"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा shg की महिलाओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम किये गए जिसका  उद्देश्य इन महिलाओं को प्रभावी रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है  ।  जिसमे यह अपना आर्थिक सशक्तिकरण  मजबूत बना  सके। और  अपने  महिला अधिकारों  का उपयोग  कर सकें। और  हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें। इस कार्यक्रम माध्यम से महिलायें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने जीवन को बेहतर  बनाने की  दिशा में एक आवश्यक  कदम है।  इस कार्यक्रम से महिलाये विभिन्न कौशलों को हासिल करती है जो उन्हें अपने परिवार की भलाई के लिए बल्कि समाज में एक सक्रिय सदस्य बनाने में भी मदद करती है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य और महत्व महिलाओं को आत्मसम्मान निर्भरता की दिशा में आगे कदम बढ़ाना ,लीडरशीप और सामूहिक निर्णय निर्माण की विचारधारा को प्रबल करना है। क्षमता निर्माण कार्यक्रम में महिलाओं को नेतृत्व के गुण ,टीमवर्क और संघर्ष समाधान के कौशल सिखाये जाते है। इसमें इन महिलाओं के कौशल को सही करके रोजगार के नए अवसर प्रद...

"ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण यात्रा: जीवन कौशल और उद्यमिता का प्रभाव"

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आज के युग में महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं बल्कि एक आवश्यकता  बन चुका है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाऐं सामाजिक और आर्थिक रूप में पिछड़ी हुई है। और उनके पास संसाधनो की कमी होती है हालांकि समय के साथ यह बदलाव आ रहा है और महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में से एक महत्वपूर्ण पहल है " जीवन कौशल और उद्यमिता विकास कार्यक्रम " जो ग्रामीण महिला के जीवन में बदलाव लाने का एक प्रभावी तरीका बन चुका है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ जीवन कौशल और उद्यमिता विकास कार्यक्रम अति उत्साह के साथ करवाए जा रहे है।  ग्रामीण महिलाओं के लिये जीवन कौशल और उद्यमिता विकास की आवश्यकता अत्यंत महत्व पूर्ण है अधिकांश ग्रामीण महिलाऐं सिमित शिक्षा और संसाधनो के कारण अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाती है। जीवन कौशल का मतलब केवल बुनियादी शिक्षा और प्रबंध से नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता , आत्मविश्वास और समस्या को हल की क्षमता विकसित करने से है वही उद्यमिता विकास उन्हें अपने हुनर को पहचानने और उससे आर्थिक सशक्त...

"व्यावसायिक प्रगति और जीवन कौशल: ब्यूटी पार्लर महिलाओं के लिए सशक्तिकरण"

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सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के कौशल विकास हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया। आज के युग में महिलाऐं हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है ब्यूटी पार्लर का क्षेत्र भी इससे अलग नहीं है जहाँ महिलाऐं अपनी मेहनत और कौशल से न सिर्फ अपने परिवार को सशक्त कर रही है बल्कि अपने सपनों को भी साकार कर रही है।  हालांकि यह यात्रा कभी भी आसान नहीं होती। इन महिलाओं को अपने काम में सफलता प्राप्त करने के लिए सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं बल्कि जीवन कौशल की भी आवश्यकता होती है इसी आवश्यकता को समझते हुये कई संस्थाये ब्यूटी पार्लर की महिलाओं के लिये " जीवन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम " आयोजित करती है जो उनकी सफलता के रास्ते को और भी आसान बनाता है।  संस्थान का मानना है इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पार्लर की महिलाओं को उनके व्यवसाय और व्यक्तिगत विकास में सफलता और सहायता प्रदान करता है।  प्रत्येक महिला को अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए तकनीकी कौशल ही नहीं बल्कि व्यावसायिक और जीवन कौशल की भी जरुरत होती है।  ये कौशल उन्हें अपने क...

"गणतंत्र दिवस: महिला सशक्तिकरण के लिए प्रेरणा और नए अवसरों की शुरुआत"

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गणतंत्र दिवस का दिन हमारे लिए केवल राष्ट्रीय उत्सव का दिन नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में हमारी सामाजिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों की याद भी दिलाता है। इस दिन को मनाने के लिये जब हम इसे महिलाओं के साथ जैसे गारमेंट्स मेकिंग जैसे व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से मनाते है। तो इसका महत्त्व और भी बाद जाता है। यह महिलाओं को न केवल उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करता है बल्कि उन्हें अपने आत्म सम्मान, आत्मनिर्भरता और समाज में अपनी भूमिका को समझने के लिए भी प्रेरित करता है।  महिलाओं के साथ गणतंत्र दिवस मनाने के महत्त्व निम्न है ! आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम, संविधान और अधिकारों की समझ, कौशल विकास और आत्मविश्वास, समाज में समानता और सामाजिक उत्थान, प्रेरणा और उत्साह आदि महत्व हमें देखने को मिलती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनके कार्यक्षेत्र में दक्षता और आत्मविश्वास प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में अब लगातार महिलाओं की भागेदारी बढ़ रही है। इन प्रशिक्षण से उन्हें कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते है जैसे तकनीकी कौशल में सुधार , समाज म...

"SHG और प्राथमिक अभिविन्यास: महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से सशक्त बनाना"

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स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम भारत में महिलाओ के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरे है ! इन समूहों के माध्यम से महिलाये अपनी समस्याओं का समाधान ढूढ़ने और समुदाय के विकास कार्यों में योगदान करने के लिए एकजुट होती है।  स्वयं सहायता समूह  के साथ प्राथमिक अभिविन्यास कार्यक्रम का  आयोजन महिलाओं को उनके अधिकारों , कौशलों और विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करने का  एक  अच्छा  प्रभावी तरीका हो सकता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सभी ग्रामीण महिलाओं के लिये यह कार्यक्रम का उद्देश्य  महिलाओ को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ साथ उन्हें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत पहलुओं पर सशक्त बनाना है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बताया गया की इसमें उन्हें संविधान और क़ानूनी अधिकारों की जानकारी प्राप्त होगी, आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ेगा , सामाजिक सशक्तिकरण सशक्त रूप से इन्हे जागरूक करेगा व् इनको स्वास्थ्य और पोषण के विषय में भी जागरूक करेगा।  shg महिलाओ को विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करन...

"स्वावलंबन से समाज परिवर्तन तक: SHG महिलाओं के लिए कौशल निर्माण और नेतृत्व विकास"

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा shg की महिलाओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम किये गये जिसका उद्देश्य इन महिलाओं को प्रभावी रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है  जिसमे यह अपना आर्थिक सशक्तिकरण मजबूत बना सके। और अपने महिला अधिकारों का उपयोग कर सकें। और अपने महिला अधिकारों का उपयोग कर सके व् हमारे इस समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।  इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलायें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।  इस कार्यक्रम से महिलाये विभिन्न कौशलों को हासिल करती है जो उन्हें अपने परिवार की भलाई के लिए बल्कि समाज में एक सक्रीय सदस्य बनने में भी मदद करती है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य और महत्त्व महिलाओं को आत्म निर्भरता की दिशा में आगे कदम बढ़ाना सभी महिला शक्ति को सामाजिक और क़ानूनी जानकारी देकर जागरूक बनाना , लीडरशीप और सामूहिक निर्णय निर्माण की विचारधारा को प्रबल करना क्षमता निर्माण कार्यक्रम में महिलाओं को नेतृत्व के गुण , टीमवर्क और संघर्ष समाधान के कौशल सिखाये जाते है।  इसमें इन महि...

"राहों पर रोशनी: वंचित लड़कियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाता पाठशाला कार्यक्रम"

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शिक्षा जीवन का वो अध्याय है जो जिंदगी की किताब को सर्वश्रेष्ठ बनता है। शिक्षा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है यह व्यक्ति को जीवन में बहुआयामी बनाती है संस्था समाज में ऐसे ही ड्राप आउट , वंचित, गरीबी रेखा वाली लड़कियों के साथ पाठशाला कार्यक्रम करती है। जिसमे इन बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल करने पर ध्यान केंद्रित करती है।  सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो यह महिला सशक्तिकरण समाज में महिला शक्ति को प्रतिबिम्बित करता है।  जो अपनी मज़बूरी या विवशता को दरकिनार करके इस पायदान तक पहुंचने में सफल हो सकी है। संस्थान द्वारा इसके लिए इन्हे पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त हुआ है।  राजस्थान समग्र कल्याण सस्थांन द्वारा संचालित पाठशाला कार्यक्रम में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर पाठशाला में पढ़ने वाली छात्राओं के शैक्षणिक  प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम रखा गया।  जिसमे सभी ने उत्साहपूर्ण रूप से भाग लिया।  बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना करके, भाषण, अभिव्यक्ति, नृत्य, गायन, विचार विमर्श आदि गतिविधियां इस कार्यक्रम में की गई। बाद में संस्थ...

"स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का कौशल विकास और सामाजिक सशक्तिकरण आत्मनिर्भरता की ओर "

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जीवन में अपनी दक्षता, क्षमता और कौशल को बढ़ावा व् उसके साथ अपने जीवन को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करना ही जीवन कौशल है यह आम व्यक्ति को श्रेष्ठ  बनाने में कारगार सिद्ध होता है। स्वयं सहायता समूह एक संगठित महिलाओं का समूह है जिसमें अनुशासन, क्षमता, बचत, ऋण, कौशल आदि सभी का समावेश होता है ग्रामीण महिलाओं के साथ कौशल विकास कार्यक्रम उनकी क्षमताओ को बढ़ाकर आजीविका संचालन के लिए प्रेरित करता है। यह विकास की दर को भी बढ़ाता है और उनके नेतृत्व करने में उनको मदद करता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 1 दिवसीय जीवन कौशल विकास कार्यक्रम लगभग 15 स्वयं सहायता समूहो के साथ करवाया गया। जिसमें लगभग 170 महिलाओं ने भाग लिया।  स्वयं सहायता समूहों ने महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप देश भर में महिला केंद्रित स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के लिये संस्थागत ढांचा उपलब्ध कराना तथा कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है। जिसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आये। जो विविध आय सृजन गतिविधियों में कुशल महिलाओं के सामाजिक ...

महिला हिंसा उन्मूलन और शिक्षा का संदेश: पुष्कर मेला में एक सामाजिक प्रयास

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राजस्थान की पावन धरा पर पुष्कर मेला अन्त राष्ट्रीय  ख्याति प्राप्त मेला है ! जहा दुनिया भर से लोग इसका आनद लेने के लिए आते है यहाँ सभी लोगो का जैसे संगम सा लग जाता है ! यह एक पशु मेला है जिसमे बहुत से पशु यहाँ खरीद फरौत के लिए आते है ! यह ब्रम्हा जी का एक मात्र मंदिर है जहा एकादशी को पूजा होती है इस मेले में अत्यधिक भीड़ आने से यहाँ सड़क व्यवस्था थप पड़ जाती है उसे सुचारु रूप से चलाने हेतु व्यवस्थित सड़क व्यवस्था का होना जरुरी है जो उनको व्यवस्थित रखे ! इसके लिए संस्था द्वारा राजस्थान परिवहन सड़क सुरक्षा सप्ताह में अपने प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है।  संस्था द्वारा इस मेले में कार्य करने का एक और उद्देश्य था जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है इस वर्ष का मुख्य विषय महिला उत्पीड़न रोकथाम कार्यक्रम था ! जिसमे महिलाओं के ऊपर बढ़ते अत्याचार को काम किया जा सकें और उस पर क़ानूनी दबाव बनाया जा सकें ! इस कार्यक्रम में स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देना , बाल विवाह को समाप्त करना , महिला उत्पीड़न को काम करना आदि बातें व् विषय शामिल थे ! इस कार्यक्रम में आये सभी मेलार्थी के साथ मिलकर ह...

"सशक्त महिला, सशक्त समाज: संस्थान के माध्यम से महिला उद्यमिता का विकास"

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मेरा नाम रामावतार है में पुष्कर के नजदीक नाँद गांव में ग्राम सेवक के पद पर कार्यरत हूँ ! वैसे तो ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओ के लिए बहुत सारे कार्यक्रम पंचायत भवन पर किये जाते है ! परन्तु यह कार्यक्रम तक ही सिमित रह जाते है यह आगे गति या प्रगति नहीं कर पाते है ! कही तो अवसरों की कमी होती है तो कभी जानकारियों का सटीक अभाव होता है ! और कभी कभी हमे साधन उपलब्ध नहीं हो पाते है ! परन्तु इस मिथ्या को राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा सिरे से समाप्त कर दिया गया ! कुछ समय पूर्व ही संस्था द्वारा हमारे पंचायत भवन में महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम एक बड़े पैमाने पर किया गया ! जिसमे गांव की लगभग 200 महिलाओ के उत्थान हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियो को इसमें शामिल किया गया ! जिसमे इन महिलाओ का रुझान व् रूचि बढ़े और वो भी जिंदगी में किसी आर्थिक गतिविधी को अपनाकर अपने जीवन को यथासंभव सुव्यवस्थित कर सुचारु रूप से संचालन कर सके !  हमारे ग्रामीण भारत में ऐसे नाना प्रकार के लघु व् कुटीर उद्योग है जिनको अपनाकर हम एक अच्छे से जीवन को संचालित कर सकते है परन्तु जानकारियों का अभाव अक्सर नगण्यता को जनम दे...