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शैक्षणिक प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम ( पाठशाला बच्चों के साथ )

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शिक्षा जीवन का वो अध्याय है जो जिंदगी की किताब को सर्वश्रेष्ठ बनता है। शिक्षा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है यह व्यक्ति को जीवन में बहुआयामी बनाती है संस्था समाज में ऐसे ही ड्राप आउट , वंचित, गरीबी रेखा वाली लड़कियों के साथ पाठशाला कार्यक्रम करती है। जिसमे इन बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल करने पर ध्यान केंद्रित करती है।  सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो यह महिला सशक्तिकरण समाज में महिला शक्ति को प्रतिबिम्बित करता है।  जो अपनी मज़बूरी या विवशता को दरकिनार करके इस पायदान तक पहुंचने में सफल हो सकी है। संस्थान द्वारा इसके लिए इन्हे पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त हुआ है।  राजस्थान समग्र कल्याण सस्थांन द्वारा संचालित पाठशाला कार्यक्रम में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर पाठशाला में पढ़ने वाली छात्राओं के शैक्षणिक  प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम रखा गया।  जिसमे सभी ने उत्साहपूर्ण रूप से भाग लिया।  बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना करके, भाषण, अभिव्यक्ति, नृत्य, गायन, विचार विमर्श आदि गतिविधियां इस कार्यक्रम में की गई। बाद में संस्था...

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के संग जीवन कौशल कार्यक्रम

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जीवन में अपनी दक्षता, क्षमता और कौशल को बढ़ावा व् उसके साथ अपने जीवन को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करना ही जीवन कौशल है यह आम व्यक्ति को श्रेष्ठ  बनाने में कारगार सिद्ध होता है। स्वयं सहायता समूह एक संगठित महिलाओं का समूह है जिसमें अनुशासन, क्षमता, बचत, ऋण, कौशल आदि सभी का समावेश होता है ग्रामीण महिलाओं के साथ कौशल विकास कार्यक्रम उनकी क्षमताओ को बढ़ाकर आजीविका संचालन के लिए प्रेरित करता है। यह विकास की दर को भी बढ़ाता है और उनके नेतृत्व करने में उनको मदद करता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 1 दिवसीय जीवन कौशल विकास कार्यक्रम लगभग 15 स्वयं सहायता समूहो के साथ करवाया गया। जिसमें लगभग 170 महिलाओं ने भाग लिया।  स्वयं सहायता समूहों ने महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप देश भर में महिला केंद्रित स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के लिये संस्थागत ढांचा उपलब्ध कराना तथा कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है। जिसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आये। जो विविध आय सृजन गतिविधियों में कुशल महिलाओं के सामाजिक ...

महिला हिंसा उन्मूलन और शिक्षा का संदेश: पुष्कर मेला में एक सामाजिक प्रयास

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राजस्थान की पावन धरा पर पुष्कर मेला अन्त राष्ट्रीय  ख्याति प्राप्त मेला है ! जहा दुनिया भर से लोग इसका आनद लेने के लिए आते है यहाँ सभी लोगो का जैसे संगम सा लग जाता है ! यह एक पशु मेला है जिसमे बहुत से पशु यहाँ खरीद फरौत के लिए आते है ! यह ब्रम्हा जी का एक मात्र मंदिर है जहा एकादशी को पूजा होती है इस मेले में अत्यधिक भीड़ आने से यहाँ सड़क व्यवस्था थप पड़ जाती है उसे सुचारु रूप से चलाने हेतु व्यवस्थित सड़क व्यवस्था का होना जरुरी है जो उनको व्यवस्थित रखे ! इसके लिए संस्था द्वारा राजस्थान परिवहन सड़क सुरक्षा सप्ताह में अपने प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है।  संस्था द्वारा इस मेले में कार्य करने का एक और उद्देश्य था जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है इस वर्ष का मुख्य विषय महिला उत्पीड़न रोकथाम कार्यक्रम था ! जिसमे महिलाओं के ऊपर बढ़ते अत्याचार को काम किया जा सकें और उस पर क़ानूनी दबाव बनाया जा सकें ! इस कार्यक्रम में स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देना , बाल विवाह को समाप्त करना , महिला उत्पीड़न को काम करना आदि बातें व् विषय शामिल थे ! इस कार्यक्रम में आये सभी मेलार्थी के साथ मिलकर ह...

"सशक्त महिला, सशक्त समाज: संस्थान के माध्यम से महिला उद्यमिता का विकास"

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मेरा नाम रामावतार है में पुष्कर के नजदीक नाँद गांव में ग्राम सेवक के पद पर कार्यरत हूँ ! वैसे तो ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओ के लिए बहुत सारे कार्यक्रम पंचायत भवन पर किये जाते है ! परन्तु यह कार्यक्रम तक ही सिमित रह जाते है यह आगे गति या प्रगति नहीं कर पाते है ! कही तो अवसरों की कमी होती है तो कभी जानकारियों का सटीक अभाव होता है ! और कभी कभी हमे साधन उपलब्ध नहीं हो पाते है ! परन्तु इस मिथ्या को राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा सिरे से समाप्त कर दिया गया ! कुछ समय पूर्व ही संस्था द्वारा हमारे पंचायत भवन में महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम एक बड़े पैमाने पर किया गया ! जिसमे गांव की लगभग 200 महिलाओ के उत्थान हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियो को इसमें शामिल किया गया ! जिसमे इन महिलाओ का रुझान व् रूचि बढ़े और वो भी जिंदगी में किसी आर्थिक गतिविधी को अपनाकर अपने जीवन को यथासंभव सुव्यवस्थित कर सुचारु रूप से संचालन कर सके !  हमारे ग्रामीण भारत में ऐसे नाना प्रकार के लघु व् कुटीर उद्योग है जिनको अपनाकर हम एक अच्छे से जीवन को संचालित कर सकते है परन्तु जानकारियों का अभाव अक्सर नगण्यता को जनम दे...

आर्थिक स्वतंत्रता की ओर : ग्रामीण महिलाओं का विकास और सशक्तिकरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा चलाये जा रहे 90 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का गंगवाना में भव्य समापन किया गया ! जिसमे संस्थान के प्रतिनिधि व् सभी प्रशिणार्थीयो , सरपंच व् गांव के गणमान्य नागरिको ने इस कार्यक्रम में शिरकत की गई ! ग्रामीण महिलाओ को सशक्त बनाना व् आर्थिक गतिविधि से मजबूती प्रदान करने में यह प्रशिक्षण एक मील का पत्थर साबित होता है ! इस 90 दिवसीय कार्यक्रम में संस्था के मास्टर ट्रेनर द्वारा उनको सिलाई सम्बन्धी सभी कार्य बेहद सरलता पूर्वक तरीके से समझाए व् बताये जाते है ! जिससे उनको कार्य करने में कोई परेशानी या असुविधा न हो सके! इस पुरे कार्यक्रम में महिला प्रशिणार्थी द्वारा रूचिप्रद तरीके से कार्य किया   व्साथ ही इस ग्राम में अपनी निपुणता भी दिखाई ! घर रहकर भी सुविधाजनक तरीके से यह कार्य महिलाये कर सकती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का उदेश्य महिला सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान करने है ! व् साथ ही ग्रामीण महिलाओ के उस परम्परागत जीवन में बदलाव लेकर उसको किसी भी आर्थिक गतिविधि से जोड़ना है ! जो उसे सफल और सक्षम बना सके और यह भी अपने परिवार संचालन में स्...

क़ानूनी जागरूकता: महिलाओं और बालिकाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम

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स माज के कमजोर और वंचित वर्गों निशुल्क और सक्षम क़ानूनी सेवाएं प्रदान करने की भावना और उद्देश्य विफल हो जायेगा यदि कमजोर वर्ग को उनके विभिन क़ानून और सवैधानिक अधिकारों के बारे जागरूक नहीं किया जा सका। निरक्षरता, वयक्ति को उसके साथ किये गए अन्याय को पहचाने में असमर्थ बनती है जब कोई वयक्ति बुनियादी मानवाधिकारो से अनभिज्ञ होता है तो सामाजिक कल्याण योजनायें प्रभावी नहीं हो पाती है। क्युकी वह सरकार दवारा अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए दिए जाने वाले अवसरों का लाभ उठाने में असमर्थ होता है। क़ानूनी साक्षरता मानवाधिकारों को प्रदर्शित करता है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ एवं बालिकाओ के साथ क़ानूनी अधिकार पर जागरूकता के बहुत से कार्यक्रम वर्ष भर किये जाते है। जिस में महिलाओ के क़ानूनी अधिकारों के बारे में सभी को विस्तारपूर्ण बताया व् समझाया गया। इस मई सबको फिलिप चार्ट के माध्यम से, कहानी व् नाटकीय रूपांतरण द्वारा, यौन उत्पीड़न, व् उसके रोकथाम और उसके उपाय, महिला हिंसा के बारे में और अपराधिक तत्वों से बचाव हेतु समस्त जानकारियाँ  महिलाओ को क़ानूनी अधिकार के...

महिलाओं का सम्मान: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सशक्तिकरण और समानता

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नारी शक्ति, अभिमान, ज्ञान, त्याग, बलिदान, की मूरत है। हमारा भारतीय समाज सर्वप्रथम नारी पूजने से ही अपने कार्य को प्रारंभ करता है। महिलाएं जीवन को गति प्रदान करती है। हमारे यहां नारी को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। महिला दिवस कार्यक्रम का अर्थ है महिलाओं की अहमियत को समझने के लिए लोगों को जागरूक करना उनके लिए ऐसे समाज का निर्माण करना जहां महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ और सशक्त महसूस करें। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का महत्व सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारियों और तरक्की के प्रति जागरूकता को बढ़ाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को समाज में समानता, समरसता और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 8 मार्च 2024 को अजमेर के लामाना व नारेली गांव में बड़ी धूमधाम के साथ महिला दिवस कार्यक्रम मनाया गया | जिसमें लगभग 1475 महिलाएं शामिल हुई। महिला जागरूकता और महिला सशक्तिकरण की भावना से संस्था द्वारा उनके साथ सगोष्ठी, नाटक, नृत्य, प्रतियोगिता, रेस, खेलकूद, बैनर, चर्चा, प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कई आयोजन ह...

समावेशी विकास: दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष बड़े उत्साह के साथ विकलांगता दिवस मनाया जाता है। समाज एवं विकास के प्रत्येक स्तर पर दिव्यांग लोगों के अधिकारियों और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 3 दिसंबर के दिन विश्व विंकलागता दिवस मनाया जाता है। इसे अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति व्यवहार में बदलाव लाना है व विकृति से ग्रसित लोगों के साथ ही अन्य परिजनों को उनके अधिकार के लिए जागरूकता फैलाना है। इसको मनाने का एक और उद्देश्य उनके प्रति करुणा, आत्मसम्मान और जीवन को बेहतर बनाने का समर्थन और सहयोग दोनों करना है। इसके लिए राजस्थान समग्र कल्याण की टीम प्रत्येक गांव के दिव्यांग व उनके परिवार को ऐसे स्थान पर एकत्रित किया जाता है जहां पर उनको उठने बैठने की सुविधा मिल सके फिर उनके साथ पूरे दिन वहाँ कार्यक्रम किए जाते हैं व उनका मनोरंजन पूर्ण तरीके से सिखाया फिर समझाया जाता है। उनके साथ चचा, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला, नृत्य, मनोरंजक गतिविधियां की जाती है और उत्साह वर्धन में उनकी अभिरूचिया जानी जाती है। उनके द्वारा तरह-तरह की ...

स्वतंत्रता की ओर बढ़ना: विकलांगता सशक्तिकरण के साथ मेरा अनुभव

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विकलांगता का एक अभिशाप नहीं अपितु एक शारीरिक विकलांगता है जो किसी अंग के काम न करने की वजह से होती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा विकलांगता को दूर करने हेतु कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिसमें उन व्यक्तियों को ट्राई साइकिल वितरण हेतु आवेदन पत्र भरकर उन्हें दिलवाने का कार्य करना भी इसमें शामिल है जो शारीरिक रूप से आवागमन नहीं कर सकते, जिन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे दिव्यांगों का सशक्तिकरण होता है। इस ट्राई साइकिल को प्राप्त करने हेतु आवेदक के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध होने चाहिए। जैसे 1- दिव्यांगता प्रमाण पत्र 2-पासपोर्ट साइज फोटो 3-आवेदक का स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर 4-वर्तमान में शिक्षण संस्थान का दिव्यांग प्रमाण पत्र 5- बैंक पासबुक की छाया प्रति 6- जाति प्रमाण पत्र 7-आधार प्रमाण पत्र 8- स्थाई निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। यह सभी दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर भर सकते हैं। इसके बाद विभागीय जांच के बाद उन्हें ट्राई साइकिल मिल जाएगी। मेरा नाम गिरधारी लाल है। मैं जन्म से दोनों पैरों से विकलांग हूं। वह कहीं आ जा नहीं सकता। इसके लिए किसी का सहारा लेना पड़ता है। मैं अभी कक्षा...

विकलांगता से स्वावलंबन की ओर : मेहनत और साहस की कहानी

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मेरा नाम आफताब है। मेरा गांव श्रीनगर में है मैं एक पैर से पूर्णतया विकलांग हूं और 12वीं क्लास तक पढ़ा हूं। मेरे पास अभी कोई कार्य नहीं है। बेरोजगारी के कारण मेरी स्थिति बद से बदतर हो गई है। घर पर हालात सही नहीं है। इस समस्या से मैं ग्रस्त हो गया था। कुछ दिन बाद राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के बारे में पता चला जो विकलांग जनों के लिए कई कार्य करती है। सरपंच की सहायता से मैंने उनसे संपर्क किया और अपनी पूरी व्यथा उनके सम्मुख रखी। संस्था प्रतिनिधियों द्वारा मुझे आश्वस्त किया गया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना के अंतर्गत मेरे सभी दस्तावेज लगाकर फॉर्म भरा | इस योजना के तहत आय सृजन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देने वाली किसी भी गतिविधि को शुरू करना है। इसमें लाभार्थी को किफायती दरों पर ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक और समग्र सशक्तिकरण के लिए रियायती की ऋण प्रदान करके जरूरतमंद दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता करना है। यह ऋण रोजगार ,शिक्षा, डिप्लोमा, कौशल विकास के लिए दिया जाता है  संस्था प्रतिनिधियों ने बताया इसके लिए विकलां...

स्वयं सहायता समूह से स्वरोजगार की ओर पहल : महिला सशक्तिकरण

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मेरा नाम मनोहरी है, मैं एक विधवा महिला हूं। कुछ समय पूर्व मेरे पति का देहांत हो गया था | मेरे एक बच्चा है। वह अभी बहुत छोटा है। मैं गांव के नरेगा कार्य वह मजदूरी पर जाती हूं, परंतु इससे मेरा परिवार नहीं चल पाता क्योंकि मुझे कभी-कभी तो मजदूरी मिलती है और कभी नहीं। इसलिए जरूरी है कि कोई रोजगार मेरे पास हो। इसके लिए मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधियों को अपनी पूरी कहानी बताई की किस तरह मुझे कितना कष्ट दायक जीवन जीना पड़ रहा है। फिर संस्था द्वारा मुझे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से स्वरोजगार ऋण दिलवाया गया। वे मुझे आश्वस्त किया गया कि अपने सपने का जहां तुम स्वयं बनाओ | फिर मैंने उसे ऋण से एक केबिन बनाई और सब्जी मंडी से कई प्रकार की सब्जियां लाकर दुकान में रखी। हमारे गांव में सब्जी की कोई दुकान न होने की वजह से मेरी बिक्री दिन प्रतिदिन अच्छी होने लगी। धीरे-धीरे मेरा यह रोजगार बढ़ने लगा और मेरी आय भी बढ़ने लगी। अब मेरे घर के माली हालत सुधरने लगे और मेरा बच्चा भी अब अच्छे स्कूल में पढ़ने लगा। कुछ समय बाद मैंने गांव में स्वयं की एक बड़ी पक्की दुकान खोल ली। अब मुझे कोई चिंता नही...

चेतना सिंन्हा : गांवों में महिला सशक्तिकरण की मिसाल

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चेतना सिंन्हा यह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है। वह अपने उद्यमशीलता कौशल,जमीन तक पहुंच और उत्पादन साधनों को सीखाकर ग्रामीण भारत के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनने का काम कर रही है। चेतना सिंन्हा ने 1997 में उन्होंने भारत में ग्रामीण महिलाओं के लिए मन देसी महिला सरकारी बैंक की स्थापना की। मन देसी बैंक के पास एक लाख खाताधारक थे और 2018 में बैंक में अत्यंत छोटे स्तर पर महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 50 मिलियन से अधिक का ऋण दिया। मन देसी फाऊंडेशन ग्रामीण स्तर पर सुक्ष्म महिला  सुक्ष्मके लिए बिजनेस स्कूल, सामुदायिक रेडियो और चैंबर ऑफ़ कॉमर्स चलता है। 2018 में किसने लगभग 5 लाख महिलाओं का समर्थन हासिल कर लिया | मुंबई में जन्मी चेतना सिंन्हा ने 1982 में मुंबई यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में मास्टर डिग्री हासिल की चेतना सिंन्हा को महिलाओं के लिए भारत के सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार नारी शक्ति से सम्मानित किया गया। शुरुआती जीवन की बात करें तो चेतना सिंन्हा 1970 से 1980 के दशक में मुंबई में पली - बढ़ी ,कॉलेज रहते हुए उन्होंन...

आत्म निर्भरता की और बढ़ते कदम

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  मेरा नाम गेंन्दा देवी है मैं कड़ैल गांव में रहती हूँ मेरे पति के गुजर जाने के बाद बहुत दुखी हो गई हूँ मेरे 3 बच्चे हैं वो बहुत छोटे हैं मैं नरेगा में मजदूरी कार्य करती हूँ और कभी कभी फूटकर मजदूरी करती हूँ कोई भी काम किसी भी उम्र में प्रारम्भ कर सकते हैं इसका कोई वक्त निश्चित नहीं होता है मन में दृढ़ निश्चय कर मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी व बैंक से ऋण प्राप्त कर मैंने स्वयं का बकरी पालन व्यवसाय प्रारंभ किया| मैंने प्रथम बार में बैंक ऋण से 5 बकरी खरीदी फिर उनका लालन- पालन कर वर्षभर में उनसे 10 बच्चे प्राप्त कर अपनी बैंक ऋण की अदायगी करी | अब पूरी तरह से यह बकरीयां मेरी हो गई | इनको खिलाने पिलाने में ज्यादा खर्च नहीं आता है यह गरीब की गाय है धीरे धीरे मैंने और बकरी खरीद ली |  अब दूध, इनकी खाद, व मैमनो को बेचकर मैं अच्छी आमदनी कमा रही हूँ यह बकरी पालन व्यवसाय बहुत सरल और सुगम है जरूरी नही किसी भी काम को करने के लिये अधिक धन की आवश्यकता हो हम छोटी पूंजी से भी अपना काम आरंभ कर सकते हैं व अपनी आथिर्क स्थिति मजबूत व आसान बना सकते हैं | गांव गांव ...