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गरीब बच्चों के साथ नववर्ष कार्यक्रम मनाना

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 बीते हुए वर्ष की विदाई और नए वर्ष का आगमन हम सब में एक नव संचार ऊर्जा के रूप में भर देता है सभी लोग नए साल में कुछ नया करना चाहते है और जीवन नया मुकाम पाना चाहते है सभी धर्म, जाति, समुदाय, समाज के लोग इस त्यौहार को बहुत खुशियों के साथं मना कर इसका आगमन करते है। नववर्ष की रात्रि को सब नाच कर, गा कर, मिठाइयां बांटकर , एक दूसरे के साथ ख़ुशी मनाकर इसको मनाते है। संस्थान यह कार्यक्रम शहर के नजदीक रह रहे गरीब, असहाय, अनाथ, विकलांग, झग्गी-झोपड़ी, स्लम व् स्ट्रीट के बच्चो के साथ मिलकर यह कार्यक्रम हर वर्ष मनाती है। अधिकांश बच्चें आर्थिक रूप से कमजोर तबके से ताल्लुक रखते है इनकी शिक्षा पर खास ध्यान दिए जाने की जरुरत है नववर्ष पर हमारा संकल्प है की बच्चों की जितनी संभव होगी उतनी मदद करेंगे। जिससे ये बच्चे स्वालम्बन के रास्ते पर चल सकें।  आजकल इस युग में बढ़ते दौर के साथ ओधोगिककरण बढ़ रहा है जहा काम कीमत पर काम करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह सभी दिहाड़ी मजदूरी वाले परिवार शहर के आसपास गन्दी बस्तियों में , स्ट्रीट किनारे, स्लम एरिया में अपनी गुजर बसर करते है। इसके साथ इनका परिवार भी...

स्ट्रीट बच्चों के साथ क्रिसमस डे मनाना कार्यक्रम

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जीवन में खुशियाँ वो भाव है जो यदि किसी और के साथ साँझा की जाए तो यह दुगुनी हो जाती है हमारे यहाँ सभी धर्म समुदाय के त्यौहार बड़ी धूमधाम से हर्षोउल्लास के साथ मनाये जाते है। सर्दी में आने वाला क्रिसमस डे बच्चों का अत्यन्त प्रिय त्यौहार है जो बच्चों को बहुत उत्साहित करता है। विश्व के कई देश इस पर्व को मनाते है मान्यता है की इस दिन सांता क्लॉज बच्चों के लिए तोहफे लेकर आते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी झुग्गी झोपड़ी, स्लम, स्ट्रीट में रहने वाले गरीब बच्चों के साथ यह त्यौहार बहुत हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।  बच्चें संस्था प्रतिनिधि को आता देख मुस्कुरा देते है जो उनके लिए खुशियों का खजाना लेकर आते है।  संस्था इन इलाकों में जाकर सभी बच्चों को एकत्रित कर उनके साथ क्रिसमस डे का जश्न मानती है। इसमें संस्था बच्चों को सांता क्लॉज की ड्रेस पहनाकर उनके साथ रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमे गायन, वादन, नृत्य, खेलकूद व् बहुत सी सांस्कृतिक गतिविधियाँ उनके साथ की गई। सभी बच्चों ने इस कार्यक्रम में अति उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में स...

शैक्षणिक प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम ( पाठशाला बच्चों के साथ )

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शिक्षा जीवन का वो अध्याय है जो जिंदगी की किताब को सर्वश्रेष्ठ बनता है। शिक्षा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है यह व्यक्ति को जीवन में बहुआयामी बनाती है संस्था समाज में ऐसे ही ड्राप आउट , वंचित, गरीबी रेखा वाली लड़कियों के साथ पाठशाला कार्यक्रम करती है। जिसमे इन बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल करने पर ध्यान केंद्रित करती है।  सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो यह महिला सशक्तिकरण समाज में महिला शक्ति को प्रतिबिम्बित करता है।  जो अपनी मज़बूरी या विवशता को दरकिनार करके इस पायदान तक पहुंचने में सफल हो सकी है। संस्थान द्वारा इसके लिए इन्हे पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त हुआ है।  राजस्थान समग्र कल्याण सस्थांन द्वारा संचालित पाठशाला कार्यक्रम में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर पाठशाला में पढ़ने वाली छात्राओं के शैक्षणिक  प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम रखा गया।  जिसमे सभी ने उत्साहपूर्ण रूप से भाग लिया।  बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना करके, भाषण, अभिव्यक्ति, नृत्य, गायन, विचार विमर्श आदि गतिविधियां इस कार्यक्रम में की गई। बाद में संस्था...

महिला हिंसा रोकथाम व् नियम , कानून के बारे में जागरूकता ( स्ट्रीट बच्चों के साथ कार्यक्रम )

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महिला हिंसा मानवीय व्यवहार का वो कृत्य है जो मानवता को शर्मशार करता है। और समाज में हमारी गिरी हुई मानसिकता को दर्शाता है। हमारे आस- पास महिला हिंसा के कई रूप प्राय हमें देखने को मिल जाते है जिसमें एक पुरुष प्रधान समाज की नकारात्मक छवि प्रकट होती है। महिला को सामान अवसर और समानता न देना , उनका शोषण व् विरोध करना, और किसी सम्मानीय अवस्था में न लाना महिला हिंसा को प्रदर्शित करता है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा दुनिया के सबसे प्रचलित मानवाधिकार उलांघनो में से एक है। जो दुनिया के हर कोने में हर दिन कई बार हो रही है। इसका महिलाओं और लड़कियों पर गंभीर अल्पकालिक और दीर्धकालिक शारारिक, आर्थिक,मनोवैज्ञानिक परिणाम होता है। जो समाज में उनकी पूर्ण और समान भागेदारी को रोकता है।  व्यक्तियों और परिवारों व् पुरे समाज के जीवन में इसके प्रभाव की भयावहता अथाह है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी-झोपड़ी ,स्लम, स्ट्रीट, डेरों में व् निचली बस्तियों के बच्चों के साथ महिला हिंसा रोकथाम व् नियम कानून के बारे में जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस 1 दिवसीय कार्यक्रम में बालिकाओ के ...

बाल विवाह रोकथाम नियम और कानून वयाख्या ( स्ट्रीट बच्चों के साथ कार्यक्रम )

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हमारे समाज की अशिक्षित, अर्द्धविकसित और दुष्टपरिणामों से भरी विचारधारा बाल विवाह है जहाँ एक मासूम को उस बलिवेदिका में धकेला जाता है। जिससे वो अभिग्नन है और इस विषय की कोई जानकारी प्राप्त नहीं है।  अशिक्षा, अज्ञानंता, अबोधता, गरीबी, लाचारी, विवशता और सामाजिक दबाव व् कुरीतियों की वजह से यह समाज में अपनी जड़ें अभी तक फैलाये हुए है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट, गन्दी बस्तियों व् गरीब डेरों के बच्चो के साथ यह 1 दिवसीय बाल विवाह नियम और क़ानूनी जागरूकता कार्यक्रम किया गया।  जिसका उद्देश्य इस विषय पर उनको सम्पूर्ण जानकारियाँ देना है।  ताकि वो अपने भविष्य के प्रति सचेत , सजग व् सुरक्षित रह सके।  एशिया के कई देशों में बाल विवाह वहा के समाजों में अविकसशीलता का हिस्सा है।  जहा एक मासूम को समय से पहले इस दलदल में डाल दिया जाता है।  जिससे मानसिक, शारारिक, आर्थिक, सामाजिक, भौतिक व् मनोवैज्ञानिक विकास नहीं हो पाता है।  संस्थान द्वारा फिलिप चार्ट, सेल्फी, व् संबोधन , भाषण के माध्यम से बच्चों को इस विषय पर अवगत करवाया जा...

मेक ए विश कार्यक्रम के तहत स्ट्रीट बच्चों को ट्रैक सूट व् मिठाई का वितरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मेक ए विश कार्यक्रम के तहत स्ट्रीट बच्चों को ट्रैक सूट व् मिठाई का वितरण किया गया। संस्थान द्वारा शहर के लगभग 26 स्थानों पर 525 बच्चों को ट्रैक सूट दिया गया।  संस्था हर सर्दी के मौसम में इन जरूरतों से वंचित बच्चों को बचाव हेतु पूर्ण ध्यान रखती है।  यह समाज के वो वंचित परिवारों के बच्चें होते है जो प्रकार से अपनी जरूरतों व् आवश्यकताओ की नहीं कर पाते है और न ही अपने तन का बचाव कर पाते है। समाज का यह वर्ग सदा कोई न कोई अभाव में जीवन यापन करता रहता है।  बीते कई दिनों में मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। ठंड को देखते हुये संस्था ने यह कार्यक्रम किया। शहर की इन गरीब बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चें सर्दी के इस मौसम में ठिठुरन को मजबूर है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह मानना है यह कार्य मात्र गर्म वस्त्रों की वितरण ही नहीं करेगा बल्कि सर्दी से बचाव कर उनके शरीर व् प्राणों की रक्षा भी करेगा। जो उनके लिए यथा संभव नहीं हो पाता है।  कही न कहीं चाह कर भी यह प्रयास ये लोग नहीं कर पाते क्योंकि गरीबी का जाल इनको ज...

समाज में बच्चों की सुरक्षा : आत्म-संरक्षण की भावना विकसित करने का प्रयास

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हमारे सामाजिक परिवेश में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव देखने को मिलते है ! जो प्रभाव हमें सदगुण और ऊर्जा देते है वो सकारात्मक श्रेणी में आते है ! और जो हमारी मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव देते हुये जीवन को अस्त वयस्त करते है वो नकारात्मक श्रेणी में आते है कुछ इस प्रकार से समाज में बच्चों के प्रति भाव और स्पर्श बहुत मायने रखता है , एक माता पिता , शिक्षक , घर के बुजुर्ग़ जब अपने बच्चों पर सहानभूति का स्पर्श करते है तो वह मन को एक सुखद अहसास करवाता है जबकि जो स्पर्श अनचाहे अंग को छुये और वह हमे व्यथित करे तो वह बुरा स्पर्श कहलाता है ! यही शिक्षा हमारे स्ट्रीट, झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, निचली बस्तियाँ  को देने के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा एक दिवसीय गुड टच बैड टच का कार्यक्रम किया गया ! जिसमे संस्था प्रतिनिधियों ने सभी बालिकाओं को यह जानकारी प्रदत की ! यह सभी जानकारियां विविध गतिविधि के माध्यम से उनको बताई गई !  अगर सकारात्मक दृस्टि से देखा जाये तो प्रत्येक विद्यालय को यह कार्यक्रम अनिवार्य विषय के रूप में लागू कर देना चाहिये जिससे सभी उम्र की बालिकाओं को...

"वंचित बच्चों के चेहरों पर दीपावली की खुशियाँ संस्थान का विशेष आयोजन"

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दीपावली पर्व का नाम आते ही मन में ख़ुशी ,उंमग , प्रकाश , उल्लास का भाव उमड़ने लगता है मानों अमावस्या की रात पूनम की रात बन गई हो जैंसे , हिंन्दू मान्यताओं के अनुसार दीपावली प्रकाश का त्यौहार है इस दिन सब अपने घरो को साफ का लक्ष्मी ,गणेश , सरस्वती व् राम दरबार का पूजन करते है और पठाखे जलाकर अपनी खुशियों को प्रदर्शित करते है ! यही खुशियाँ अगर हम दूसरों के साथ मिलकर बनाये तो यह ख़ुशी दुगुनी हो जाती है ! हमारे समाज में आज भी ऐसे गरीब परिवार निवास करते है जिनके लिए यह सब कुछ कर पाना मुश्किल होता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष शहर के झुग्गी झोपड़ी , निचली बस्ती, व् स्ट्रीट , अस्थाई डेरों के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम मानते है ! उनकी ख़ुशी उनके चेहरों पर देखते ही मात्र से दिल को तसल्ली आ जाती है ! यह वंचित बच्चे इन सभी खुशियों को पाने से सदा गरीबी के कारण वंचित रहते है संस्था का यही प्रयास है की इन बच्चों को हर वस्तु की प्राप्ति हो जो सभी बच्चों को जीवन में प्राप्त होती है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि उन स्थानों पर जाकर सभी बच्चों को एकत्रित करते है और उन्हें अच्छे ...

"स्वस्थ शरीर, स्वस्थ भविष्य : गरीब बच्चों को उचित पोषण संस्थान का न्यूट्रिशन अभियान"

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जीवन का संचालन करने के लिये हमारे शरीर का स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है तभी हम जिंदगी के सभी कार्य अच्छे से संचालित कर पाएंगे और स्वस्थ जीवन यापन कर पाएँगे ! एक मानव शरीर को दिन भर में औसतन 2200 कैलोरी की आवश्यकता होती है ! यदि इस से काम मात्रा शरीर में जाये तो शरीर का वजन भी निरंतर घटने लगता है इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गरीब, असहाय , निर्धन , झुग्गी झोपडी में रहने वाले बच्चें , स्ट्रीट व् निचली बस्ती के बच्चों के साथ वहां पर न्यूट्रिशन कैंप आयोजित किये जाते है ! जो उन बच्चों के साथ वह पर उनको भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, न्यूट्रिशन आदि देने का कार्य करते है।  झुग्गी झोपड़ी व् स्ट्रीट वाले बच्चों को गरीबी के चलते उचित मात्रा में न्यूट्रिशन पदार्थ मिल नहीं पता है। संस्था का उद्देश्य यही है की समाज के सभी बच्चों को उचित व् भरपूर मात्रा में कैलोरी व् न्यूट्रिशन की प्राप्ति होती रहे जिससे वो भी आम बच्चों के जैसे स्वस्थ रहे और निरोगी बन सके ! पोषण पदार्थ की कमी से शरीर में कुपोषणता आ जाती है इसे दूर करने के लिए भरपूर मात्रा में न्यूट्रिशन वस्तु का सेवन इन बच्चों...

स्लम एरिया के बच्चो को शिक्षा से जोड़ना

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर शहर के आसपास झुग्गी झोपडी वाले इलाके, स्लम एरिया व् डेरों निचली बस्तीयो में रहने वाले गरीब व् निर्धन बच्चों के लिए शिक्षा दिलाने हेतु पाठशालाये चलाई जाती है ! जहा उनको रंग ज्ञान, अक्षर ज्ञान, जोड़बाकी, व् कहानियाँ,कविताये सिखाई जाती है जिसमे इन गरीब बच्चो में शिक्षा के प्रति ललक जागे और यह सभी स्कूल जाने व् शिक्षा प्राप्त करें ! इनको स्कूल से जोड़ने के लिए पहले शिक्षा के स्वरुप को समझाया जाता है ! अनुशासित बनाया जाता है ! व् जिज्ञासा और ललक बढ़ाई जाती है ! तद्पश्चायत उनके प्रवेश संबंधी सभी दस्तावेज जाँचे जाते है ! जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन आधार कार्ड, भामाशाह व् माता पिता के पूर्व दस्तावेज भी उनके पास उपलब्ध होने चाहिए जिसके फलस्वरूप उनको आसानी से स्कूल में शिक्षा प्राप्ति हेतु दाखिला मिल सके इसके लिए संस्था प्रतिनधियों द्वारा उनका भरपूर सहयोग किया जाता है ! शिक्षा हर मानव का अधिकार है ! जो उसके जीवन को चहुँमुखी बनाता है ! व् सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है माँ बाप की असमर्थता के कारण बहुत से बच्चे पढ़ना तो चाहते है ! मगर आ...