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मेरे सपनो को मिली सफलता की नई उड़ान

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मेरा नाम कविता है में 15 वर्ष की हूँ एक हादसे में मेरा सीधा हाथ कट गया जिसकी वजह से मै विकलांगता की श्रेणी में आ गई व् मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी भी ठीक नहीं है जिसमे मै आगे अपनी शिक्षा को प्राप्त कर सके फिर मुझे स्कूल टीचर द्वारा शाला में बुलाया गया जहा पर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मेरा नाम वंचित छात्रा की सूची में लिया गया व् इसके पश्च्यात राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम मेरे घर आकर मेरी स्थिति की पूर्ण जानकारी प्राप्त की व् सर्वे किया इसके कुछ दिनों बाद मुझे स्कूल में एडमिसन मिल गया व् संस्थान के द्वारा मुझे स्कूल बेग ,कॉपी ,किताब ,स्टेसनरी ,जयोमेक्ट्री बॉक्स ,शापनर ,रबर ,पेंसिल ,पैन सेट ,कलर सेट , एग्जामिनेशन बोर्ड ,जूते ,मौजे , ड्रेस , स्वेटर ,आदि सम्पूर्ण शिक्षण सामग्री दी जाती है जो मुझे वर्षभर ज्ञान प्राप्ति में सहायक होगी !  जब इस बात का मेरे परिवार को पता चला तो वह बहुत खुश हुए व् हर्षित हुए  साथ ही मुझे अपनी पढ़ाई पूर्ण करने को प्रोत्शाहित किया एक पल को मुझे लगा जैसे मुझे मेरा सारा जहा मिल गया अब मेरे भी सपने साकार हो सकेंगे और मैं भी अपने सपने साकार कर

विकलांगता से स्वावलंबन की ओर : मेहनत और साहस की कहानी

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मेरा नाम आफताब है। मेरा गांव श्रीनगर में है मैं एक पैर से पूर्णतया विकलांग हूं और 12वीं क्लास तक पढ़ा हूं। मेरे पास अभी कोई कार्य नहीं है। बेरोजगारी के कारण मेरी स्थिति बद से बदतर हो गई है। घर पर हालात सही नहीं है। इस समस्या से मैं ग्रस्त हो गया था। कुछ दिन बाद राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के बारे में पता चला जो विकलांग जनों के लिए कई कार्य करती है। सरपंच की सहायता से मैंने उनसे संपर्क किया और अपनी पूरी व्यथा उनके सम्मुख रखी। संस्था प्रतिनिधियों द्वारा मुझे आश्वस्त किया गया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना के अंतर्गत मेरे सभी दस्तावेज लगाकर फॉर्म भरा | इस योजना के तहत आय सृजन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देने वाली किसी भी गतिविधि को शुरू करना है। इसमें लाभार्थी को किफायती दरों पर ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक और समग्र सशक्तिकरण के लिए रियायती की ऋण प्रदान करके जरूरतमंद दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता करना है। यह ऋण रोजगार ,शिक्षा, डिप्लोमा, कौशल विकास के लिए दिया जाता है  संस्था प्रतिनिधियों ने बताया इसके लिए विकलांग व्

विकलांगता प्रमाणन के साथ मेरी यात्रा - मान्यता द्वारा परिवर्तन

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 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा वैसे तो बहुत सारे सामाजिक, मानवीय, व पर्यावरणीय कार्य करती है, परंतु इनमें एक विषय है  विकलांगता यह विकलांगता प्रमाण पत्र किसी भी व्यक्ति की विकलांगता और उसकी गंभीरता को प्रमाणित करने वाला सरकारी दस्तावेज है। भारत में यह प्रमाण पत्र अमूमन सरकारी अस्पतालों में गठित चिकित्सीय समिति द्वारा दिया  जारी किया जाता है। विकलांगजन के लिए यह एक जरूरी दस्तावेज है क्योंकि उन्हें मिलने वाली हर सरकारी सुविधा और लाभ इसी प्रमाण पत्र के आधार पर मिलते हैं। केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों ही विकलांग व्यक्तियों के लिए अनेक सुविधाओं का प्रबंध करते हैं। इनमें से किसी भी सुविधा का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति के पास विकलांगता प्रमाण पत्र होना चाहिए। मेरा नाम श्रवण है। मुझे जन्म से ही दोनों पैरों से पोलियो हो गया था मैं चलने फिरने में असक्षम था। जानकारी न होने की वजह से मैंने अपना विकलांगता प्रमाण पत्र भी नहीं बनवाया जिससे मुझे किसी भी तरह का कोई सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस वजह से मैं और भी हताश था। फिर एक दिन हमारे गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आ

नीमा नामादामू डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो विकलांग महिला कार्यकर्ता

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 हीरो वूमेन राइजिंग नाम के नेटवर्क का मकसद कांगो में महिलाओं और किशोरियों के जीवन स्तर को बहतर करना है। विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता नीमा नामादामू ने इस जमीनी संगठन की स्थापना की जो शिक्षा और तकनीक से महिलाओं की आवाज बुलंद करता है और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक मानता है। पूर्वी कागों के दूर दराज इलाकों में पैदा हुई नामादामू को दो वर्ष में ही पोलियो हो गया और वह विकलांग होते हुए यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वह पहली अपनी जातीय समूह की महिला थी। वह संसद की सदस्य भी बनी और देश की परिवार कल्याण मंत्री की सलाहकार भी रही| संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो की महिलाओं के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक देशों में से एक है। लड़कियों को कम उम्र में शादी कर दी जाती है। महिलाएं घरेलू हिंसा की रिपोर्ट करती है और कानून के तहत उन्हें बहुत कम सुरक्षा मिलती है और औपचारिक शिक्षा के बारे में अक्सर बाद में सोचा जाता है। 2012 में नीमा ने सुजा मीडिया सेंटर खोला जो महिलाओं को मुफ्त डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण प्रदान करता है। आज केंद्र महिलाओं और लड़कियों के लिए अपने आसपास की दुनिया के बार

दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना: राजस्थान की व्यापक कल्याण पहल

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किसी व्यक्ति के शारीरिक,मानसिक, ऐन्द्रिक,बौद्धिक विकास में किसी प्रकार की कमी को इंगित करता है। विकलांगता शरीर या दिमाग की कोई भी स्थिति (हानि) है जो इस स्थिति वाले व्यक्ति के लिए कुछ गतिविधियां व उनके आस-पास की दुनिया के साथ बातचीत करना ( भागीदारी प्रबंध ) को और कठिन बना देती है। विकलांगता में मुख्य प्रकार से अंधता,कम दृष्टि,कुष्ठ रोग, मुक्त श्रवण शक्ति का ह्रास, चलन दिव्यांगता, मानसिक मंदता व मानसिक रुग्णता प्रमुख है। या यूं कहा जाए कोई भी व्यक्ति किसी कार्य को शारीरिक या मानसिक रूप से पूरा न कर पाए वह विकलांगता है। भारत में कुल जनसंख्या अनुपात में 2.21% व्यक्ति दिव्यांग है। विकलांगता एक शारीरिक,मानसिक,संज्ञानात्मक,या विकासात्मक स्थिति जो कि किसी व्यक्ति की कुछ कार्यों में संलग्न होने या सामान्य दैनिक गतिविधियों और इंटरैक्शन में भाग लेने की क्षमता को खराब करती है हस्तक्षेप करती है या सीमित करती है।  विकलांगता कहलाई जाती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा दिव्यांगों हेतु अनेक कार्यक्रम किए जाते हैं जिनमें उनका ग्रामीण गांव में जाकर सर्वे कर उन्हें चिन्हित किया जाता है। फिर उनके