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विकलांग लकवा ग्रस्त व्यक्ति को राशन वितरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षों से गरीब, निशक्त, दीन दुखी, बेसहारा, अनाथ, बघिर, विकलांग, विधवा, एकल महिला, निराश्रित, असहाय, मानसिक रोगी आदि को मदद के लिए सदा तत्पर रहा है। जो इन लोगों को हर प्रकार की मदद एवं अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाता है। समाज का यह वर्ग वास्तविक रूप से मदद का हकदार होता है इनकी विवशता इनकी लाचारी होती है। जिन्हे यह समाज के आगे कभी रख नहीं पाते है। ऐसे वर्ग की मदद ही समाज में मानवता कहलाई जाती है। यह समाज का वो अपेक्षित वर्ग है जो सदा उपेक्षा की नजरो से ही देखा जाता है। इन्हे स्नेह और प्रेम की आवश्यकता होती है। संस्थान ऐसे वर्ग की शारारिक पूर्ति हेतु उनको राशन सामग्री का वितरण करती है। जो उनकी खाद्य समस्या की पूर्ति करती है और उनमें एक ऊर्जा भरा आत्मविश्वास जगाता है।  संस्थान द्वारा ऐसे गरीब लकवाग्रस्त व्यक्ति जिसका नाम मोहन है घर में एक पत्नी और दो बच्चे उसके साथ रहते है पति और पत्नी दोनों ही विकलाग होने के कारण आर्थिक परिस्थितियां उनकी बिगड़ गई है। जिसके कारण वे अपनी आर्थिक जरुरतें भी पूरी नहीं कर पा रहे थे और दो वक़्त के भोजन के लिए भी विवश हो गए। ऐसे...

"अंतर को भरना: कमजोरों के प्रति समुदाय की प्रतिबद्धता"

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बुढ़ापा , गरीबी, विवशता, लाचारी, शारारिक विकलांगता , मानसिक अवस्थिति आदि ये वो अवस्थायें है जहाँ इंसान चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता है ! समाज के ऐसे ही वर्ग जिसमे असहाय , गरीब, विधवा , अपाहिज , कुष्ठ रोगी, टी. बी मरीज, एकल महिला , मानसिक विकलांगता से पीड़ित लोगों की सेवार्थ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा वर्ष भर समय समय पर इन लोगों को राशन सामग्री का वितरण किया जाता है ! जो उनकी दैनिक खाद्य परेशानियों में उनकी मदद करता है ! इस सामग्री में भरपूर पोषण सामग्री होती है जो उनके शारारिक विकास की पूर्ति करने में सहायक सिद्ध होती है ! अपनी इन जरूरतों को पूरा नहीं कर पाना कही न कही इसकी लाचारी को दिखाता है ! संस्थान का भरसक प्रयास होता है जो अति आवश्यक मदद के लिए जरूरतमंद है उसको वो सुविधा आवश्यक रूप से उपलब्ध हो सके !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा पहले तो उस गांव में सर्वे किया जाता है फिर इस तरह से जीवन यापन कर रहे लोगों को चिन्हित किया  जाता है ! फिर उसके पश्च्यात उन्हें यह राशन सामग्री दी जाती है ! शरीर को सही तरह से बहुत सारे पोषण तत्वों की आवश्यकता होती है ! जो इनको उप...

व्हीलचेयर: विकलांग बच्चे की आत्मसमर्थन की कुंजी व जीवन की राह सुगम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षों से अजमेर के हर गांव में विकलांगता विषय पर काम कर रही है जिसमें दिव्यांगजनों को दी जाने वाली सहायता पर गौर किया जाता है। कई बार देखा जाता है कि दिव्यांगों को मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए इनसे वो वंचित ही रहते हैं। संस्था द्वारा ग्रामीण भागों में ऐसे लोगों का सर्वे कर उनकी आवश्यकता पर कार्य किया जाता है। कई कारणों से उनको कभी-कभी लाभ नहीं मिल पाता जिसमें गरीबी, अशिक्षा,असमर्थता व जानकारीयो का अभाव होता है। अधिकतर दिव्यांगों को निराशा पूर्ण जीवन व्यतीत करना पड़ता है जिससे उनमें  हीनभावना का जन्म होता है। इस विकार को दूर करना समाज के लिए बेहद जरूरी है। मेरा नाम जींवराज है। मैं फुटकर मजदूरी करके अपना घर चलाता हूं। मेरे तीन बच्चे और पत्नी हैं। मेरा सबसे बड़ा बेटा दोनों हाथ पैर से अपाहिज है। वो कहीं चल फिर नहीं सकता। उसे किसी न किसी सहारे की आवश्यकता होती है और मैं उसका इलाज करवाने में में असक्षम हूं। इस बात का मुझे बहुत दुख होता है। फिर हमारी पंचायत में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आई। उन्होंने मेरे घर का सर्वे कर मेरी स्थिति जानी और मुझे...