संदेश

चुनौतियों लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

स्लम क्षेत्रों में RSKS India की पहल: बच्चों को मिला स्वास्थ्य का सहारा

चित्र
    झुग्गी-झोपड़ियों, गलियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, सही और पौष्टिक खाना न मिलना। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अपनी रोज़ की ज़रूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष करते हैं, जिससे बच्चों को प्रोटीन और पौष्टिक खाना देना अक्सर नामुमकिन हो जाता है। कुपोषण, कमज़ोरी, कमज़ोर इम्यूनिटी और रुका हुआ विकास इन बच्चों के भविष्य पर असर डालते हैं। इस गंभीर समस्या को देखते हुए, RSKS इंडिया ने इन ज़रूरतमंद बच्चों के बीच एक न्यूट्रिशन और प्रोटीन डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम आयोजित किया। इस प्रोग्राम का मुख्य मकसद बच्चों को पौष्टिक खाना देना और उनकी सेहत को बेहतर बनाना था।   RSKS इंडिया टीम ने प्रोग्राम से पहले झुग्गी-झोपड़ियों के इलाकों का डिटेल्ड सर्वे किया और उन बच्चों की पहचान की जिन्हें तुरंत न्यूट्रिशनल मदद की ज़रूरत थी। प्रोग्राम वाले दिन, सैकड़ों बच्चों को प्रोटीन और न्यूट्रिशनल चीज़ें जैसे छोले, दाल, गुड़, पौष्टिक बिस्कुट, मिल्क पाउडर और सोया प्रोडक्ट बांटे गए। न सिर्फ़ डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम ऑर्गनाइज़ किया गया, बल्कि पेरेंट्स औ...

RSKS India ने वितरित किए उन्नत बीज, सैकड़ों किसानों को लाभ

चित्र
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले किसान आज भी कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं। विशेषकर छोटे और गरीब किसान, जो आर्थिक तंगी के चलते उच्च गुणवत्ता वाले c, खाद और संसाधन खरीदने में सक्षम नहीं हो पाते। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए स्वयंसेवी संस्था RSKS India ने हाल ही में एक बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद किसानों को मुफ्त में विभिन्न प्रकार के उन्नत किस्मों के बीज वितरित किए गए, जिससे वे अपनी खेती को बेहतर ढंग से कर सकें और अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम का आयोजन ग्राम पंचायत भवन और अन्य ग्रामीण सार्वजनिक स्थलों पर किया गया, जहां बड़ी संख्या में किसान एकत्र हुए। RSKS India के प्रतिनिधियों ने किसानों को बाजरा, मूंग, उड़द, गेहूं, सरसों, टमाटर, मिर्च, और भिंडी जैसी फसलों के बीज वितरित किए। बीजों के साथ-साथ किसानों को उनकी बुआई के सही तरीके, खाद प्रबंधन, जल संरक्षण और जैविक खेती के लाभों के बारे में भी बताया गया। इससे किसानों को न केवल बेहतर फसल उत्पादन की जानकारी मिली, बल्कि टिकाऊ खेती की ओर भी उनका रुझान ...