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जल भराव क्षेत्रों में मच्छर दानी वितरण कार्यक्रम

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  इस वर्ष भारत में हर जगह अत्यधिक वर्षा के कारण परेशानियाँ उत्पन हुई है ! जिससे बाढ़ ,मिटटी का कटाव ,अपरदन व् कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है ! ग्रामीण क्षेत्रों में जहा मिटटी के बड़े -बड़े  गड्डे बने होते है ! वह इस मौसम में मच्छर के लार्वा बहुत अधिक मात्रा में उत्पन्न होते है ! और इनके काटने से घातक मलेरिया रोग उत्पन्न होता है ! जो बहुत ज्यादा हानिकारक होता है ! इस रोग से मृत्यु भी हो जाती है ! इसका बचाव नितांत आवश्यक है ! अंत ऐसे स्थानों पर कीटनाशक व् मिट्टी के तेल का उपयोग करे जिससे लार्वा उत्पन्न न हो सके व् इस रोग से हम बच सके ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के 20 ऐसे स्थानों का चयन किया गया ! जहा मलेरिया फैलने की अधिक सम्भावनानाये है ! जहाँ पर सरकारी सुविधाओ का अभाव है ऐसे स्थानों पर संख्या द्वारा मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम रखा गया ! जिसके प्रत्येक गांव या स्थान पर 25 परिवारों को लाभान्वित किया व् उन्हें मच्छरदानी दी गई लगभग 500 वियक्तियों को इसमें लाभान्वित करवाया गया !  मच्छरदानी एक प्रकार का जालीदार पर्दा होता है ! जिसे बिस्तर या सोने के स्थान पर परिधि के चारों और लपेट

मलेरिया से बचाव ही उपचार - एक पहल स्वस्थ्य भविष्य !!

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रा जस्थान सम्रग कल्याण संस्थान द्वारा कई सामाजिक सेवार्थ कार्य वर्ष भर करवाए जाते रहते हैं, जिसमें स्ट्रीट, स्लम एरिया में झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके में रहने वाले लोगों के साथ बहुत से कार्यक्रम  किये जाते  हैं। इसके स्वास्थ्य व्  वातावरण को देखते हुए संस्थान द्वारा इन्हे मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम इनके बीच में रखा जायेगा।  क्योंकि आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से यहां मच्छर बहुत मिलते हैं जिससे मलेरिया फैलने  का डर रहता है बारिश का जल जमाव के कारण मलेरिया  बहुत तेजी से फैलता है। इसके संक्रमण से अनेक बीमारियों का पनपती  है। हर वर्ष हजारों की संख्या में इस बीमारी से लोग तेजी से मरते हैं। इसका बचाव बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए उनके जागरूकता लाना बहुत जरूरी है।संस्था मलेरिया प्रभावित इलाको का सर्वे के उन लोगो को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करती है।  हमारे भारत में कई भागों में आज भी ऐसे इलाके है जो समस्या से बहुत ग्रसित  है। अत्यधिक गरीबी व संसाधन की पर्याप्त ना होने के कारण वह उसके बचाव के साधन  उपयोग में नहीं ला पाते हैं जिससे उनके बीच में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके बचाव के लिए