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महिला हिंसा निवारण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का योगदान

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महिला हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो न केवल महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि समाज की समग्र प्रगति में भी रुकावट डालती है। इस समस्या के समाधान हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) ने विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिनमें से एक प्रमुख पहल 'महिला हिंसा निवारण' पर केंद्रित है।​ राजस्थान राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 27,933 महिला हिंसा के मामले पुलिस थानों में दर्ज होते हैं। इस आंकड़े से स्पष्ट है कि महिला हिंसा एक व्यापक समस्या है, जिसे तत्काल समाधान की आवश्यकता है। RSKS India ने इस समस्या के समाधान हेतु ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिनमें काउंसलिंग, कौशल विकास प्रशिक्षण, और समाज में महिला हिंसा के प्रति जागरूकता फैलाने के उपाय शामिल हैं।​  काउंसलिंग और पुनर्वास: हिंसा से पीड़ित महिलाओं को मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाते हैं। इसके माध्यम से उन्हें पुनः समाज में आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है।​ कौशल विकास प्रशिक...

"बाल विवाह के खिलाफ एक सशक्त कदम : समाज में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता"

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  हमारे समाज में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो हमारे सामाजिक ढांचे का स्वरुप बिगाड़ती है जो विशेषकर ग्रामीण , झुग्गी झोपड़ी व् स्लम एरिया में अधिक देखने को मिलती है यह न केवल बच्चों के अधिकारों का उलंघन है ! बल्कि उनके शारारिक , मानसिक और शेक्षणिक विकास में रुकावट डालता है बाल विवाह के कारण लड़कियां  छोटी उम्र में ही  जिम्मेदारियो  का बोझ उठाने के लिए  मजबूर हो जाती है ! जिसमे उनकी  शिक्षा और भविष्य प्रभावित होते है ! ऐसे में झुग्गी झोपड़ी स्लम और पिछड़े क्षेत्रों में बाल विवाह की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रमों की आवश्यकता है। बाल विवाह का समाज पर एक गंभीर असर पड़ता है यह न केवल लड़कियों के शारारिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि उनके जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को प्रभावित करता है बाल विवाह से लड़कियां जल्दी गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसमे मातृ शिशु स्वास्थ्य में दिक्क़ते उत्पन्न होती है इसके अलावा बाल विवाह के कारण लड़कियों के आत्मसम्मान में गिरावट , मानसिक अवसाद और हिंसा की घटनाये बढ़ जाती...