"बाल विवाह के खिलाफ एक सशक्त कदम : समाज में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता"
हमारे समाज में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो हमारे सामाजिक ढांचे का स्वरुप बिगाड़ती है जो विशेषकर ग्रामीण , झुग्गी झोपड़ी व् स्लम एरिया में अधिक देखने को मिलती है यह न केवल बच्चों के अधिकारों का उलंघन है ! बल्कि उनके शारारिक , मानसिक और शेक्षणिक विकास में रुकावट डालता है बाल विवाह के कारण लड़कियां छोटी उम्र में ही जिम्मेदारियो का बोझ उठाने के लिए मजबूर हो जाती है ! जिसमे उनकी शिक्षा और भविष्य प्रभावित होते है ! ऐसे में झुग्गी झोपड़ी स्लम और पिछड़े क्षेत्रों में बाल विवाह की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रमों की आवश्यकता है। बाल विवाह का समाज पर एक गंभीर असर पड़ता है यह न केवल लड़कियों के शारारिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि उनके जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को प्रभावित करता है बाल विवाह से लड़कियां जल्दी गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसमे मातृ शिशु स्वास्थ्य में दिक्क़ते उत्पन्न होती है इसके अलावा बाल विवाह के कारण लड़कियों के आत्मसम्मान में गिरावट , मानसिक अवसाद और हिंसा की घटनाये बढ़ जाती...