व्हीलचेयर: विकलांग बच्चे की आत्मसमर्थन की कुंजी व जीवन की राह सुगम
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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षों से अजमेर के हर गांव में विकलांगता विषय पर काम कर रही है जिसमें दिव्यांगजनों को दी जाने वाली सहायता पर गौर किया जाता है। कई बार देखा जाता है कि दिव्यांगों को मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए इनसे वो वंचित ही रहते हैं। संस्था द्वारा ग्रामीण भागों में ऐसे लोगों का सर्वे कर उनकी आवश्यकता पर कार्य किया जाता है। कई कारणों से उनको कभी-कभी लाभ नहीं मिल पाता जिसमें गरीबी, अशिक्षा,असमर्थता व जानकारीयो का अभाव होता है। अधिकतर दिव्यांगों को निराशा पूर्ण जीवन व्यतीत करना पड़ता है जिससे उनमें हीनभावना का जन्म होता है। इस विकार को दूर करना समाज के लिए बेहद जरूरी है। मेरा नाम जींवराज है। मैं फुटकर मजदूरी करके अपना घर चलाता हूं। मेरे तीन बच्चे और पत्नी हैं। मेरा सबसे बड़ा बेटा दोनों हाथ पैर से अपाहिज है। वो कहीं चल फिर नहीं सकता। उसे किसी न किसी सहारे की आवश्यकता होती है और मैं उसका इलाज करवाने में में असक्षम हूं। इस बात का मुझे बहुत दुख होता है। फिर हमारी पंचायत में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आई। उन्होंने मेरे घर का सर्वे कर मेरी स्थिति जानी और मुझे...